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Jharkhand Election: कांग्रेस पहले से ज्यादा सीट पर करेगी दावेदारी! I.N.D.I.A के नेताओं को याद दिलाएगी अपना 'त्याग'

Jharkhand Politics झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस पार्टी प्रदेश में अपनी स्थिति मजबूत करने के मूड में नजर आ रही है। इस बार वह पहले से अधिक सीटें मिलने का दावा करेगी। इसके लिए वह लोकसभा चुनाव में किए गए अपने त्याग को भी याद दिलाएगी। आइए जानते हैं कांग्रेस की किन सीटों पर नजर है।

By Ashish Jha Edited By: Yogesh Sahu Updated: Sun, 08 Sep 2024 07:49 PM (IST)
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Jharkhand Politics: कांग्रेस पहले से अधिक सीटों पर करेगी दावेदारी।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में कांग्रेस पहले से अधिक सीटों पर किस्मत आजमाना चाहती है और इसको लेकर पार्टी के अंदर अभी से ही तैयारी चल रही है।

पिछले चुनाव में कांग्रेस को गठबंधन के तहत 31 सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिला था और इसमें से 17 सीटों पर जीत दर्ज करने में भी सफलता मिली थी।

अब इस चुनाव में कांग्रेस की नजर कुछ और सीटों पर है और इसके लिए पार्टी पदाधिकारियों ने अभी से माहौल बनाना शुरू कर दिया है।

किन-किन सीटों पर है नजर और क्या हैं कांग्रेस के तर्क

कांग्रेस की नजर उन 17 सीटों पर तो है ही जहां से पिछले चुनाव में पार्टी प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी। इसके अलावा कांग्रेस उन दो सीटों पर भी दावेदारी कर रही है, जहां के विधायक चुनाव के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

गोड्डा के पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव और हजारीबाग के मांडू विधायक जयप्रकाश भाई पटेल अलग-अलग पार्टियों से जीते थे, लेकिन बाद के दिनों में दोनों कांग्रेस में शामिल हो गए।

इसी बीच रामगढ़ उपचुनाव में कांग्रेस हार गई, लेकिन पार्टी की दावेदारी कम नहीं हुई। इन दो सीटों के अलावा कांग्रेस रांची और मनोहरपुर सीट पर भी दावेदारी कर रही है।

रांची सीट पर झामुमो के पास कोई प्रमुख चेहरा नहीं होने के आधार पर तो मनोहरपुर सीट पूर्व में सिंहभूम चुनाव के दौरान त्याग के बदले कांग्रेस मांग रही है।

कांग्रेस का कहना है कि लोकसभा में नियमानुसार उनका हक बनता था, लेकिन अंतिम समय में झामुमो को सीट दे दी गई और यहां से झामुमो विधायक जोबा मांझी अब सांसद बन चुकी हैं। ऐसे में कांग्रेस चाहती है कि उसे मनोहरपुर सीट से चुनाव लड़ने का मौका दिया जाए।

रांची में महुआ ने दी थी कड़ी टक्कर, कांग्रेस का भी रहा था सहयोग

कांग्रेस का मानना है कि पार्टी राजधानी रांची में लगातार मजबूत रही है और पिछले चुनाव में भी पार्टी ने झामुमो प्रत्याशी महुआ माजी के पक्ष में प्रचार किया था। इसी की बदौलत महुआ माजी भाजपा के दिग्गज सीपी सिंह से महज 59 सौ के करीब मतों से हारी थीं। अब महुआ राज्यसभा पहुंच गई हैं तो कांग्रेस एक बार फिर राजधानी रांची की सीट को अपने कब्जे में करना चाहती है।

विशुनपुर और सिसई का इतिहास कांग्रेस के पक्ष में

कांग्रेस विशुनपुर और सिसई विधानसभा सीटों पर भी दावेदारी करने के मूड में है। विशुनपुर से झामुमो विधायक चमरा लिंडा पार्टी से बगावत कर लोकसभा चुनाव लड़े थे और उन्हें अपने ही गढ़ में कम वोट आए थे। इसे आधार बनाकर कांग्रेस झामुमो की इस सीट पर दावेदारी कर रही है।

दूसरी ओर सिसई से कांग्रेस की पूर्व विधायक गीताश्री उरांव को उतारना चाहती है। इसी आधार पर दोनों सीटों पर दावेदारी की जा रही है। इस प्रकार कांग्रेस चार-पांच सीटों पर अतिरिक्त दावेदारी कर रही है ताकि कम से कम दो सीटें अतिरिक्त तो मिल ही जाएगी।

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