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हटाई गई 10,388 पोषण सखियों को फिर से बहाल करने पर होगा विचार, जानिये केंद्रीय राज्य मंत्री ने क्या कहा

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डॉ मुंजपाड़ा महेंद्र भाई ने हटाई गई झारखंड की 10388 पोषण सखियों को फिर से बहाल करने पर विचार करने का आश्वासन राज्य सरकार को दिया है। मंत्रालय इसकी समीक्षा करेगा की हटाई गई पोषण सखियों को किन कार्यक्रमों में लगाया जा सकता है

By Jagran News RanchiEdited By: Updated: Sat, 02 Jul 2022 12:42 PM (IST)
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हटाई गई 10,388 पोषण सखियों को फिर से बहाल करने पर होगा विचार
रांची ब्यूरो । केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डॉ मुंजपाड़ा महेंद्र भाई ने हटाई गई झारखंड की 10,388 पोषण सखियों को फिर से बहाल करने पर विचार करने का आश्वासन राज्य सरकार को दिया है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय इसकी समीक्षा करेगा की हटाई गई पोषण सखियों को किन कार्यक्रमों में लगाया जा सकता है। उन्होंने राज्य में दो हजार अतिरिक्त आंगनबाड़ी केंद्रों की स्वीकृति के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजने को कहा। साथ मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को अपग्रेड करने को लेकर भी प्रस्ताव देने को कहा। केंद्रीय राज्य मंत्री आकांक्षी जिलों की जोनल बैठक को संबोधित कर रहे थे।

हटाई गई पोषण सखियों को फिर से बहाल करने की मांग

इससे पहले झारखंड की महिला एवं बाल विकास मंत्री जोबा मांझी ने केंद्र के निर्देश पर हटाई गई पोषण सखियों को फिर से बहाल करने की मांग केंद्रीय राज्य मंत्री के समक्ष रखी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के छह जिलों में ये पोषण सखियां काम कर रही थीं। न केवल इन पोषण सखियों को फिर से बहाल किया जाए, बल्कि अन्य जिलों में भी पोषण सखियों की नियुक्ति की स्वीकृति दी जाए। जोबा मांझी ने दो हजार अतिरिक्त आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण की स्वीकृति के अलावा सीडीपीओ एवं जिला समाज कल्याण पदाधिकारियों के लिए वाहन तथा सुपरवाइजर के लिए स्कूटी के लिए राशि की मांग रखी। हालांकि केंद्रीय राज्य मंत्री ने इस पर कोई आश्वासन नहीं दिया।

केंद्र से राशि नहीं मिलने का उठा मुद्दा

जोबा मांझी ने पिछले वित्तीय वर्ष में 122 करोड़ तथा वर्ष 2020-21 में 71.15 करोड़ रुपए की राशि केंद्र से नहीं मिलने की भी बात उठाई। इस बाबत पूछे जाने पर केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि इसकी जानकारी फिलहाल उन्हें नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कई बार राज्यों द्वारा समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देने से भी राशि आवंटित नहीं की जाती है। उन्होंने इस मामले को देखने का आश्वासन दिया। इस बैठक में झारखंड, छत्तीसगढ़ तथा ओडिशा के पदाधिकारी शामिल हो रहे हैं। बैठक में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी को भी शामिल होना था, लेकिन वे किसी कारण नहीं आ सकीं।

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