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Jharkhand Liquor Scam: तो यहां रची गई झारखंड शराब घोटाले की साजिश, 2 बड़े अधिकारियों के नाम शामिल; FIR दर्ज

झारखंड में कथित शराब घोटाले की साजिश रायपुर में रची गई थी आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) की प्राथमिकी में इसका जिक्र है। सात लोगों पर धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोप लगाए गए हैं। इसमें झारखंड के दो उत्पाद विभाग अधिकारी भी शामिल हैं। आरोपितों में से कई छत्तीसगढ़ में 2200 करोड़ रुपये के घोटाले में जेल में बंद हैं।

By Dilip Kumar Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Fri, 27 Sep 2024 09:46 AM (IST)
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झारखंड शराब घोटाले की साजिश रायपुर में रची गई थी (जागरण)

राज्य ब्यूरो, रांची/रायपुर। Jharkhand News: झारखंड में कथित शराब घोटाले की पूरी साजिश रायपुर में रची गई थी। रायपुर की आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने अपनी प्राथमिकी में इसका जिक्र किया है। ईओडब्ल्यू ने अपनी प्राथमिकी में अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी, अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह सहित सात लोगों को आरोपित किया है।

इनपर धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है। आरोपितों में उत्पाद विभाग झारखंड के दो अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं। आरोपितों में से कई वर्तमान में छत्तीसगढ़ में हुए 2200 करोड़ रुपये के घोटाले में जेल में बंद हैं। ईओडब्ल्यू में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार दिसंबर 2022 में झारखंड की शराब नीति में बदलाव किया गया था।

इसकी बैठक रायपुर में अनवर ढेबर के ठिकाने में की गई थी। इस दौरान एपी त्रिपाठी, अनिल टुटेजा, अरविंद सिंह सहित झारखंड के उत्पाद अधिकारी भी मौजूद थे। नीति में बदलाव करने के पीछे सुमित कंपनी को फायदा दिलाना बताया गया है।

सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान

इससे करोड़ों रुपये का सरकार का नुकसान हुआ है। यही कंपनी छत्तीसगढ़ में भी शराब ठेके का काम कर रही थी। गौरतलब है कि झारखंड में भी छत्तीसगढ़ माडल पर मई 2022 से शराब की बिक्री हो रही थी। इनमें छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एपी त्रिपाठी को सलाहकार नियुक्त किया गया था।

प्रिज्म होलोग्राम एंड फिल्म सिक्योरिटी लिमिटेड को शराब की बोतलों में होलोग्राम छापने का काम मिला था। इसी तरह मेसर्स सुमित फैसिलिटीज लिमिटेड को मैन पावर सप्लाई की जिम्मेदारी मिली थी। तीनों ही छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में आरोपित भी हैं।

इनके विरुद्ध जांच के क्रम में झारखंड का कनेक्शन जुड़ा था। झारखंड में इन तीनों ही कंपनियों पर कार्रवाई हो चुकी है। मेसर्स प्रिज्म पर होलोग्राम छापने पर रोक लगा दी गई थी और उसे ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया था। दूसरी कंपनी मेसर्स सुमित फैसिलिटीज को राजस्व पूरा नहीं कर पाने की वजह से कंपनी की बैंक गारंटी को जब्त कर लिया गया था। झारखंड सरकार ने छत्तीसगढ़ स्टेट कारपोरेशन को सलाहकार से हटा दिया था। 

झारखंड में भी ईडी की चल रही है जांच, एक आरोपित भेजा गया है जेल

झारखंड में भी शराब, जमीन व बालू घोटाले में एक ईसीआइआर दर्ज कर ईडी जांच कर रही है। ईडी ने इस मामले में एक आरोपित योगेंद्र तिवारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। देवघर, जामताड़ा आदि जिलों में दर्ज नकली शराब, बालू तस्करी व जमीन घोटाले से संबंधित करीब दर्जनभर से अधिक प्राथमिकियों को ईडी ने अपनी ईसीआइआर में जोड़ा था। ईडी की जांच जारी है। 

नकली होलोग्राम पर दोनों राज्यों में हुई थी शराब की सप्लाई

छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार में नकली होलोग्राम लगाकर पूरे राज्य में शराब की सप्लाई की गई थी। उसी तरह से झारखंड में भी नकली होलोग्राम लगाकर शराब की सप्लाई की बात कही गई है। आरोप है कि नकली होलोग्राम पर लगातार शराब बेची गई है। इसका हिसाब भी नहीं है। 

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