Jharkhand News: बिल्डरों की मनमानी पर नकेल की तैयारी, JHARERA ने उठाया बड़ा कदम; लगा दिया 80 लाख का जुर्माना
झारखंड की राजधानी रांची में बिल्डरों की मनमानी रोकने को लेकर झारेरा अब तक बिल्डरों पर 80 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसमें से 40 लाख रुपये की वसूली भी कर लिया है। वहीं 20 बिल्डर पर जर्माना लगाने के बाद भी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। अपनी हर तिमाही रिपोर्ट जमा नहीं कर रहे हैं। अब इन पर भी झारेरा बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है।
जागरण संवाददाता, रांची। रांची के बिल्डरों की मनमानी रोकने के लिए झारखंड भू-संपदा नियामक प्राधिकार (झारेरा) ने अब तक बिल्डरों पर 80 लाख रुपये का फाइन लगाया है। 40 लाख रुपये की वसूली भी कर लिया गया है। 2018 के बाद से अब तक यह जुर्माना की राशि वसूला गया है।
राज्य के लगभग 20 बिल्डर फाइन लगाने के बाद भी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। वे अपनी हर तिमाही रिपोर्ट जमा नहीं कर रहे हैं। अब इन पर भी कार्रवाई की तैयारी में झारेरा है।
इन सभी बिल्डरों का बैंक डिटेल्स मंगाया गया है। बैंक अकाउंट से जुर्माने की राशि को होल्ड कर दिया जाएगा। राशि जमा नहीं करने पर बैंक से पैसे की निकासी ही नहीं हो पाएगी। इसके बावजूद भी सुनवाई नहीं करने पर झारेरा सीधे बैंक से जुर्माना राशि निकाल लेगा यानी अब राज्य के बिल्डर फर्जीवाड़ा करके नहीं बचेंगे। इसके लिए झारेरा पूरी तैयारी कर रहा है।
12 बिल्डरों पर लगाया तीन लाख जुर्माना
त्रैमासिक रिपोर्ट जमा नहीं करने वाले 12 बिल्डरों पर फिर से 3 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है। इससे पहले त्रैमासिक रिपोर्ट नहीं सौंपने पर 44 बिल्डरों पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है। एक बार त्रैमासिक रिपोर्ट नहीं जमा करने वाले बिल्डरों पर 25 हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जाता है।
झारेरा सचिव आरके चौधरी का कहना है कि फिलहाल झारेरा में मामले कम आ रहे है। झारेरा की लागातार कार्रवाई से आम लोगों को राहत पहुंची है तो वहीं, बिल्डरों की मनमानी पर नकेल कसा गया है। साथ ही झारेरा सदस्य वीरेंद्र भूषण ने कहा कि झारेरा में प्रोजेक्ट रजिस्टर किये बीना काम करने वालो पर भी कार्रवाई होगी।
बिल्डरों की जालसाजी से बचने के लिए उपाय
- प्रोजेक्ट झारेरा में रजिस्टर हैं या नहीं, इसकी जांच कर लें।
- प्रोजेक्ट का स्वीकृत नक्शा व एग्रीमेंट फोर सेल को चेक करें।- फ्लैट से संबंधित भुगतान ऑनलाइन या चेक के माध्यम से करें।- एग्रीमेंट फोर सेल व ब्रोशर के शर्तों का पालन नहीं होने पर बिल्डर पर केस कर सकते हैं।ये भी पढ़ें: हेमंत सोरेन के बाद अब CM के प्रेस सलाहकार समेत इन लोगों को ED का समन, अलग-अलग दिन पूछताछ के लिए बुलाया
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