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रांची के जगन्नाथ मंदिर की नव नियुक्त कमेटी को लेकर विवाद, जानें पूरा मामला

Jharkhand Hindi News Jagannath Temple Ranchi जगन्‍नाथ मंदिर की कमेटी में प्रशासनिक अधिकारी और किसी भी धार्मिक संगठन के लोगों को नहीं रखा गया है। आज जगन्नाथ का नेत्रदान अनुष्ठान होगा। इसके बाद कल प्रतीकात्‍मक रथ यात्रा होगी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Updated: Sun, 11 Jul 2021 03:33 PM (IST)
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Jharkhand Hindi News, Jagannath Temple Ranchi आज जगन्नाथ का नेत्रदान अनुष्ठान होगा। इसके बाद कल प्रतीकात्‍मक रथ यात्रा होगी।
रांची, जासं। रांची के ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर के नवनियुक्त कमेटी को लेकर विवाद शुरू हो गया है। झारखंड हाई कोर्ट के निर्देश पर इसी सप्ताह हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड ने मंदिर की पुरानी कमेटी को बर्खास्त कर नई कमेटी बनाई है। पहली बार ऐसा हुआ है कि‍ जिला प्रशासन द्वारा संचालित ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर में किसी भी प्रशासनिक अधिकारी को कमेटी भी नहीं रखा गया है। यही नहीं, ना तो मंदिर के पुजारी और ना ही धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों को ही कमेटी में शामिल किया गया है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि कमेटी में अधिकतर ऐसे लोगों को रखा गया है, जिनका कभी भी मंदिर से कोई लेना-देना नहीं रहा। इससे पहले जब भी कमेटी बनी, उपायुक्त एवं एसडीओ को कमेटी में पदेन सदस्य के रूप में नामित किया गया, ताकि मंदिर के संचालन एवं प्रशासनिक निर्णय में किसी प्रकार की कोई असुविधा ना हो।

रथ यात्रा के बाद कमेटी को लेकर विरोध के सुर तेज

कल रथ यात्रा है। रथ यात्रा प्रतीकात्मक होगी। इसमें जनभागीदारी नहीं होगी। संभावना है कि रथयात्रा के बाद कमेटी को लेकर जारी असंतोष के सुर तेज होंगे। स्थानीय लोगों का कहना है कि जरूरत पड़ी तो कमेटी विवाद को मुख्यमंत्री के समक्ष भी रखा जाएगा।

दो दिनों तक मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था रहेगी पुख्ता

नेत्रदान अनुष्ठान और रथयात्रा में भीड़-भाड़ न लगे, इसको लेकर मंदिर परिसर में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात रहेंगे। बिना अनुमति किसी को भी मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। धुर्वा थाना प्रभारी राजीव कुमार के नेतृत्व में महिला व पुरुष बल सुबह से ही सुरक्षा में मुश्तैद रहेंगे।

कोरोना को लेकर सरकारी गाइडलाइन के बीच संध्या चार बजे नेत्रदान अनुष्ठान आरंभ होगा। मंदिर के पुजारी अपने हाथों से नेत्र बनाएंगे। इसके बाद भव्य रूप से 108 दीपों की आरती होगी। पूजा-अर्चना के बाद गुड़ की बुंदिया और मालपुआ का भोग लगाया जाएगा। वहीं, 12 जुलाई को भगवान जगन्नाथ का रथयात्रा अनुष्ठान संपन्न होगा। बता दें कि 24 जून को स्नान यात्रा के बाद प्रभु जगन्नाथ एकांतवास में चले गए थे।

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