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Conversion in Lockdown: लॉकडाउन में झारखंड में खूब चला धर्मांतरण का खेल, जानें इसके पीछे की पूरी कहानी

विहिप ने राज्‍य में धर्मांतरण विरोधी कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। संगठन ने कहा कि कड़े नियम के बावजूद प्रशासन से धर्मांतरण की इजाजत नहीं ली जा रही है।

By Alok ShahiEdited By: Updated: Tue, 16 Jun 2020 04:14 AM (IST)
Conversion in Lockdown: लॉकडाउन में झारखंड में खूब चला धर्मांतरण का खेल, जानें इसके पीछे की पूरी कहानी
रांची, [संजय कुमार]। Jharkhand Lockdown Background Story कोरोना संकट के समय जारी लॉकडाउन में जहां समाज का एक बड़ा वर्ग जरूरतमंदों की मदद में लगा रहा, वहीं ईसाई मिशनरियां धर्मांतरण के खेल में लगी थीं। इस दौरान गुमला, लोहरदगा, लातेहार, सिमडेगा, कोडरमा, गिरिडीह, हजारीबाग आदि जिलों में खूब धर्मांतरण कराया गया। इसके विरोध में 15 जून को विश्व हिंदू परिषद ने पूरे राज्य में अपने घरों से ऑनलाइन प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।

विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि झारखंड में धर्मांतरण विरोधी अधिनियम लागू तो हुआ है लेकिन हाल के दिनों में इसे सख्ती से लागू नहीं किया जा रहा। नियम के अनुसार जिसे धर्म बदलना है उसे प्रशासन से इजाजत लेनी होती है। बताना पड़ता है कि वजह क्या है, कौन धर्मांतरण करवा रहे हैं। परंतु बिना इजाजत के यह खेल चल रहा है, जिला प्रशासन तक मामला पहुंच ही नहीं रहा। 

चर्च के एजेंट लगे हैं इस खेल में

विहिप के झारखंड-बिहार के क्षेत्र संगठन मंत्री केशव राजू व क्षेत्र मंत्री वीरेंद्र विमल ने कहा कि राज्य में जगह-जगह इस काम में चर्च के एजेंट, पास्टर और नन लगी हैं। 2017 में धर्मांतरण विरोधी कानून बनने के बाद भी प्रशासनिक अधिकारी इस प्रपंच पर रोक लगाने में कामयाब नहीं हो पाए हैं। यदि सरकार धर्मांतरण के खेल में लगे लोगों पर कार्रवाई नहीं करती तो विहिप व जनजातीय समाज बड़ा आंदोलन करने पर बाध्य होगी।

लॉकडाउन के दौरान नहीं था कोई विरोध करने वाला

केशव राजू ने कहा कि कोडरमा के डोमचाच, चंदवारा, जयनगर व गिरिडीह के तीसरी व पीरटांड प्रखंड व लातेहार के गांवों में चर्च के एजेंट सत्संग के नाम पर हिंदुओं को जुटाते हैं। यहां ङ्क्षहदू धर्म के प्रति लोगों को भड़काने का काम चलता है। इनमें ऐसे लोगों को चिहिन्त किया जाता है जो उनकी बातों का समर्थन करते हैं। इसके बाद इन लोगों का माइंडवाश कर धर्मांतरण करवा दिया जाता है। पैसे के लोभ में आकर कुछ हिंदू भी ईसाई मिशनरियों का साथ दे रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान इस काम का विरोध करने वाला कोई नहीं था, जिसका फायदा मिशन के लोगों ने खूब उठाया। 

महुआडांड़ प्रखंड का 106 गांव ईसाई बहुल क्षेत्र बन चुका है

विहिप के अनुसार लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड में कुल 14 पंचायत के अंतर्गत 106 गांव हैं जो ईसाई बहुल क्षेत्र बन चुके हैं। इसी तरह पलामू के रजहरा, नवाबाजार, चान्या, सुकबेरा, करमा, केराई आदि गांवों में धर्मांतरण का खेल चल रहा है। 

गुमला एवं लोहरदगा के कई गांवों में एक सप्ताह से चल रहा खेल

धर्म जागरण के सौम्या मिश्रा ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान गुमला के करौंदी, करमटोली, वृंदा, जोराग, डीबडीह व लोहरदगा के घाघरा, ताबील, जिलिंगसिरा, अरगी, टोटांबी, नवडीहा आदि गांवों में धर्मांतरण का खेल जारी है। धर्मांतरण के बाद यहां लोगों ने चर्च जाना भी शुरू कर दिया है। 

प्रशासन को सौंपी जाएगी लिस्ट

विहिप के क्षेत्र संगठन मंत्री केशव राजू का दावा है कि गिरिडीह में तीसरी प्रखंड के मनोज टुडू व सामेल मुर्मू व पीरटांड़ प्रखंड में पोल टुडू और बेंजामिन सोरेन धर्मांतरण के कार्य में लगे हैं। उसी तरह लातेहार में विनोद उरांव स्वयं ईसाई बनने के बाद इस काम में आर्थिक सहयोग मिशनरियों को कर रहे हैं। कहा, राज्य के सभी जिलों में धर्मांतरण के काम में लगे लोगों एवं प्रलोभन में आकर धर्म बदलने वाले लोगों का डाटा संग्रहण अंतिम चरण में है, जल्द ही लिस्ट प्रशासन को सौंप कार्रवाई के लिए दबाव बनाया जाएगा।

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