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Corona in Jharkhand: बढ़े सर्दी-खांसी व संक्रमण के मामले, कोरोना को लेकर अस्पतालों में अलर्ट; पढ़िए डॉक्टरों की सलाह

Corona in Ranchi सर्दी बढ़ने के साथ जुखाम-खांसी के मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। वायरल फ्लू के मरीजों को अब कोरोना जांच कराने की सलाह भी दी जा रही है। ऐसे लोग जल्द बीमार पड़ते हैं जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। हालांकि इस मौसम में फ्लू चार से पांच दिनों में ठीक हो जाता है।

By Anuj tiwari Edited By: Aysha SheikhUpdated: Tue, 26 Dec 2023 12:19 PM (IST)
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Corona in Jharkhand: बढ़े सर्दी-खांसी व संक्रमण के मामले, कोरोना को लेकर अस्पतालों में अलर्ट; पढ़िए डॉक्टरों की सलाह

जागरण संवाददाता, रांची। कोरोना के डर के बीच बढ़ती ठंड से मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। वायरल फ्लू के मरीजों को अब कोरोना जांच कराने की सलाह भी दी जा रही है। रिम्स और सदर अस्पताल में जांच की सुविधा होने के बाद मरीजों का सैंपल भी लिया जा रहा है।

पिछले पांच दिनों में रिम्स में 40 प्रतिशत मरीजों की संख्या बढ़ी है, तो दूसरी ओर सदर अस्पताल में कुल 30 प्रतिशत तक मरीजों की संख्या बढ़ी है। इन मरीजों बच्चों और बुजुर्गों की संख्या अधिक है। दोनों अस्पतालों में प्रतिदिन 300 से अधिक बच्चे इलाज के लिए अभिभावकों के साथ पहुंच रहे हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या सर्दी-खांसी, आंख का संक्रमण, बुखार और दस्त के मरीज हैं।

बुजुर्गों में बीपी व ब्रेन स्ट्रोक से जुड़ी समस्या

दूसरी ओर बुजुर्गों में बीपी व ब्रेन स्ट्रोक से जुड़ी समस्याओं के मरीज पहुंच रहे हैं। रिम्स मेडिसिन विभाग के एचओडी डा. विद्यापति के अनुसार ठंड बढ़ने पर सबसे पहले जरूरी है कि आप कैसे अपने शरीर को गर्म रख सकते हैं। ठंड से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है। जिससे सर्दी, खांसी और सीजनल फ्लू जैसी समस्याएं होती हैं।

इनमें ऐसे लोग जल्द बीमार पड़ते हैं जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। हालांकि इस मौसम में फ्लू चार से पांच दिनों में ठीक हो जाता है। लेकिन सही चिकित्सीय दवा लेना व परहेज करना जरूरी है। साथ ही पौष्टिक युक्त भोजन लें, इसमें फास्ट फूड को शामिल कभी ना करें।

चेस्ट पेन की शिकायतें बढ़ी

रिम्स में फेफड़े की बीमारी से संबंधित रोगी भी पहुंच रहे हैं। इसमें पुरानी बीमारी के अलावा ठंड से पीड़ित होने वाले मरीज भी शामिल हैं। इसके अलावा लोग डिहाईड्रेशन, चर्म रोग समेत अन्य बीमारियों से भी ग्रसित हो रहे हैं। मरीजों में चेस्ट पेन, खांसी और जलन की शिकायत आ रही है।

डाक्टरों का कहना है कि ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। सावधानी और सतर्कता ही इसका बचाव है। खान-पान के साथ-साथ दैनिक रूटीन में भी थोड़ा बदलाव करना चाहिए। ठंड का मौसम शुरू हो चुका है इसलिए गर्म पानी का सेवन शुरू कर देना चाहिए। खाना ताजा, गर्म और पौष्टिक युक्त ही लेना उत्तम है।

नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. सुनील बताते हैं कि ठंड में भी आंखों की एलर्जी के मामले सामने आ रहे हैं। सर्दी में ठंडे और शुष्क मौसम में वायरस या बैक्टीरिया के कारण होने वाले आंखों के संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। इनके लक्षणों में रेडनेस, सूजन और आंखों से निरंतर पानी आना भी शामिल हो सकता है। प्रयास होना चाहिए कि बीच-बीच में ठंडे पानी से आंखों को धोते रहें।

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