CRPF ने झारखंड सरकार से मांगा 11348 .58 करोड़ रुपये बकाया, पिछले साल ही किया गया था 1700 करोड़ का भुगतान
झारखंड में नक्सल विरोधी अभियान विधि-व्यवस्था आदि में लगाए गए केंद्रीय बलों का राज्य पर 11 हजार तीन सौ अड़तालिस करोड़ 58 लाख 62 हजार 722 रुपये का बकाया हो गया है। यह बकाया तब है जब हेमंत सोरेन की सरकार ने गत वर्ष 1700 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। अब गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने डीजीपी को पत्र लिखकर इससे संबंधित जानकारी मांगी है।
By Dilip KumarEdited By: Prateek JainUpdated: Sat, 28 Oct 2023 12:11 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में नक्सल विरोधी अभियान, विधि-व्यवस्था आदि में लगाए गए केंद्रीय बलों का राज्य पर 11 हजार तीन सौ अड़तालिस करोड़, 58 लाख 62 हजार 722 रुपये का बकाया हो गया है। यह बकाया तब है जब हेमंत सोरेन की सरकार ने गत वर्ष 1700 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।
अब गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने डीजीपी को पत्र लिखकर इससे संबंधित जानकारी मांगी है। गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय से राज्य में केंद्रीय बलों की प्रतिनियुक्ति, बलों के प्रकार, अब तक के भुगतान आदि का पूरा ब्योरा मांगा है, ताकि उसपर ठोस निर्णय लिया जा सके।
राज्य में सीआरपीएफ, सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन, सशस्त्र सीमा बल के जवान नक्सल विरोधी अभियान में झारखंड पुलिस के साथ लगे हुए हैं। करीब 132 कंपनी जवान-अधिकारी केंद्रीय बल के हैं।
केंद्रीय बलों की बदौलत झारखंड पुलिस ने राज्य में नक्सलियों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की है। अब स्थिति यह है कि नक्सली सीमित क्षेत्र में सिमट कर रह गए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सीआरपीएफ का बकाया माफ करने के लिए केंद्र से किया था आग्रह
झारखंड में केंद्रीय बलों का बकाया वर्षों से है। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मई 2017 में नक्सल पर आयोजित केंद्रीय गृह मंत्रालय की बैठक में सीआरपीएफ के बकाया का मुद्दा भी उठाया था।उन्होंने केंद्र से राज्य की वित्तीय स्थिति को देखते हुए आग्रह किया था कि सीआरपीएफ का बकाया माफ किया जाय। हालांकि, इसपर तब कोई विचार नहीं हुआ था। बकाया बरकरार रहा था।
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