साइबर अपराधी ने कहा- ताइवान है अड्डा, चीनी एप से हो रहा खेल; धनबाद के व्यक्ति से की थी 95 लाख की ठगी
Jharkhand News 95 लाख रुपये की ठगी करने वाले साइबर अपराधी को पुलिस ने गिरफ्ता कर रांची स्थित जेल भेज दिया है। आरोपित जब ताइवान से भारत आया तो मुंबई एयरपोर्ट से उसे महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार किया। डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि साइबर अपराधी चीनी एप व वहां के निवासियों की मदद से भारत में साइबर ठगी कर रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची। अपराध अनुसंधान विभाग के अधीन संचालित साइबर अपराध थाने की पुलिस ने 95 लाख रुपये की ठगी मामले में महाराष्ट्र से गिरफ्तार आरोपित जीवन गोपीनाथ गलधर को रांची स्थित जेल भेज दिया है।
वह महाराष्ट्र के औरंगाबाद का रहने वाला है। इस पूरे प्रकरण में सीआइडी मुख्यालय में प्रेस वार्ता में सीआइडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि साइबर अपराधी चीनी एप व वहां के निवासियों की मदद से भारत में साइबर ठगी कर रहे हैं।
इन अपराधियों ने ताइवान को अड्डा बना रखा है। इन्हीं अपराधियों ने धनबाद के एक व्यक्ति से 95 लाख रुपये की ठगी की थी। साइबर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार जीवन गोपीनाथ गलधर के पास से दो मोबाइल, दो सिमकार्ड, बैंक आफ ताइवान का डेबिट कार्ड, 3300 ताइवानी डालर सहित कई अन्य सामान बरामद किया है।
67 लाख रुपये फ्रीज
सीआइडी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी बैंक खातों में कुल ठगी किये गये रुपयों में 67 लाख रुपये फ्रीज करवा दिया था। डीजी सीआइडी ने बताया कि इस कांड में अनुसंधान के क्रम में भारतीय अपराध समन्वय केंद्र और साइबर पुलिस औरंगाबाद महाराष्ट्र के साथ समन्वय स्थापित किया गया।
इसमें पता चला कि गिरफ्तार अभियुक्त ताइवान में रह कर चीनी नागरिक के साथ मिलकर भारत से ठगी के लिए इस्तेमाल होने वाले खातों को बंदोबस्त करता था। पार्ट टाइम जाब फ्राड व क्रिप्टो करेंसी फ्राड के माध्यम से आए पैसों को उसने भारत से बंदोबस्त किया।
आरोपित मुंबई एयरपोर्ट से किया गया गिरफ्तार
ये अलग अलग शेल कंपनी के खाते में पैसे मंगाते थे। उन पैसों को क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज कर विभिन्न ब्लाक चेन वालेट में भेजते थे। गिरफ्तार अपराधी जीवन के लिए लुक आउट नोटिस जारी किया गया था।
जब यह ताइवान से भारत आया तो मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया। इससे पूर्व इस कांड में दो अन्य सहयोगी प्रतीक संतोष रावत और अभिषेक तूपे को औरंगाबाद, महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया गया था।