Cyber Crime: मेवात सेक्सटार्शन तो झारखंड KYC वेरिफिकेशन से संबंधित अपराधों का गढ़, पूरे देश में फैला साइबर अपराधियों का जाल
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 के प्रसार के बाद पूरे देश में साइबर अपराधों की तस्वीर साफ होने लगी है। नंबर पर हर रोज औसतन 45 से 50 हजार साइबर धोखाधड़ी की शिकायतें आ रही हैं। इनमें से 35 प्रतिशत मामले कस्टमर केयर नंबर रिफंड केवाईसी की एक्सपाइरी और रिमोट एक्सेस से संबंधित होते हैं।
नीलू रंजन, नई दिल्ली/रांची। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 के प्रसार के बाद पूरे देश में साइबर अपराधों की तस्वीर साफ होने लगी है। इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर (आइ4सी) द्वारा संचालित हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों के अनुसार, हरियाणा और राजस्थान में फैला मेवात इलाका सेक्सटार्शन, ऑनलाइन बुकिंग, ओएलएक्स तो झारखंड केवाइसी एक्सपायरी, आधार से जुड़े पेमेंट सिस्टम, एनड्रायड बैंकिंग मालवेयर, बिजली बिल के भुगतान व कनेक्शन कटने से संबंधित साइबर अपराध का केंद्र है।
हेल्पलाइन पर हर रोज आ रही लगभग 50 हजार शिकायतें
वहीं बेंगलुरु और दक्षिण भारत के कुछ स्थानों पर सिम बाक्स काल सेंटर से जुड़े अपराध सामने आ रहे हैं। जाहिर है साइबर अपराध से निपटने में जुटी एजेंसियां इसी के अनुसार अपनी रणनीति को धार देने में जुटी हैं।आइ4सी के सीईओ राजेश कुमार के अनुसार, हेल्पलाइन नंबर 1930 पर प्रतिदिन औसतन 45 से 50 हजार साइबर धोखाधड़ी की शिकायतें आ रही हैं। इनमें से 35 प्रतिशत मामले कस्टमर केयर नंबर, रिफंड, केवाईसी की एक्सपाइरी और रिमोट एक्सेस से संबंधित होते हैं।
इन मामलों से जुड़ी भी आ रही शिकायतें
सेक्सटार्शन से संबंधित मामलों की करीब 24 प्रतिशत शिकायतें आ रही हैं। इसके अलावा ऑनलाइन बुकिंग, फर्जी फ्रेंचाइजी, क्यूआर कोड से जुड़ी 22 प्रतिशत, आधार से जुड़े पेमेंट और बायोमेट्रिक क्लोनिंग से संबंधित शिकायतें 11 प्रतिशत और एंड्रायड मोबाइल मालवेयर से जुड़ी शिकायतें आठ प्रतिशत हैं।यह भी पढ़ें: Dhanbad News: साढ़े पांच लाख सीएमपीएफ पेंशनरों का फिर से पेंशन पे ऑर्डर के लिए तैयार होगा डाटा, जानें क्यों उठाया गया यह कदम
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