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'भारत में अल्पसंख्यक शब्द पर दोबारा विचार होना चाहिए', दूसरी बार RSS के सरकार्यवाह चुने जाने के बाद बोले दत्तात्रेय होसबोले

दूसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह निर्वाचित होने के बाद दत्तात्रेय होसबोले ने पत्रकार वार्ता में कहा कि भारत के संविधान में अल्पसंख्यक शब्द की जो धारणा है इस पर सभी को पुनर्विचार करना चाहिए। इसे पुनर्परिभाषित करने की जरूरत है। अल्पसंख्यक कहने पर अलग-अलग भाव आते हैं फिर यह देश किसका है। उन्होंने कहा कि संघ शुरू से अल्पसंख्यकवाद की राजनीति का विरोध करता रहा है।

By sanjay kumarEdited By: Shashank Shekhar Updated: Sun, 17 Mar 2024 04:24 PM (IST)
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'भारत में अल्पसंख्यक शब्द...', दूसरी बार RSS के सरकार्यवाह चुने जाने के बाद बोले दत्तात्रेय होसबाले (फोटो- जागरण)
संजय कुमार, नागपुर/रांची। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह फिर से दत्तात्रेय होसबोले चुन लिए गए। लगातार दूसरी बार वे इस पद के लिए चुने गए हैं। नागपुर के रेशिमबाग स्थित संघ कार्यालय परिसर में चल रही प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक के अंतिम दिन रविवार को सर्वसम्मति से उनका चुनाव किया गया।

वे अब अगले तीन वर्षों तक इस पद पर बने रहेंगे। इससे पहले 2021 में बेंगलुरु में हुई प्रतिनिधि सभा की बैठक में उन्हें इस पद के लिए चुना गया था। इससे पहले भय्याजी जोशी चार कार्यकाल के लिए 2009 से 2021 तक सरकार्यवाह थे। उससे पहले वर्तमान सरसंघचालक मोहन भागवत वर्ष 2000 से 2009 तक सरकार्यवाह थे।

दत्तात्रेय होसबोले मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले

68 वर्षीय दत्तात्रेय होसबोले मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले हैं। वे लंबे समय तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री थे। उसके बाद वे संघ के बौद्धिक प्रमुख बनें। फिर सह सरकार्यवाह का दायित्व मिला। अभी उनका केंद्र लखनऊ है। वहीं से वे पूरे देश का प्रवास करते हैं।

उनकी टीम में अभी पांच सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य, डाक्टर कृष्ण गोपाल, अरुण कुमार, रामदत्त चक्रधर और मुकुंद सीआर हैं। इसके साथ ही सहयोग करने के दूसरे अखिल भारतीय पदाधिकारी हैं।

दत्तात्रेय होसबोले ने पत्रकार वार्ता में क्या कुछ कहा 

अपने दूसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह निर्वाचित होने के बाद दत्तात्रेय होसबोले ने पत्रकार वार्ता में कहा कि भारत के संविधान में अल्पसंख्यक शब्द की जो धारणा है, इस पर सभी को पुनर्विचार करना चाहिए। इसे पुनर्परिभाषित करने की जरूरत है। अल्पसंख्यक कहने पर अलग-अलग भाव आते हैं, फिर यह देश किसका है।

उन्होंने कहा कि संघ शुरू से अल्पसंख्यकवाद की राजनीति का विरोध करता रहा है। देश एक है और उसी के अनुसार चले। संविधान के अनुच्छेद 30 में भी धार्मिक और भाषाई आधार पर अल्पसंख्यक की बात कही गई है। वे यह बात अल्पसंख्यक भी संघ के नजदीक आ रहे हैं, अल्पसंख्यक कौन हैं से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए कही।

दत्तात्रेय दूसरे कार्यकाल के लिए सरकार्यवाह चुने गए

नागपुर में चल रही आरएसएस की प्रतिनिधि सभा की बैठक के अंतिम दिन पहले सत्र में रविवार को सरकार्यवाह का चुनाव हुआ। सर्वसम्मति से दत्तात्रेय अपने दूसरे कार्यकाल के लिए सरकार्यवाह चुन लिए गए। फिर सरसंघचालक मोहन भागवत ने उन्हें सम्मानित किया। उसके बाद दत्तात्रेय पत्रकारों से बातचीत की।

उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक कहने पर सामान्यतः मुस्लिम और ईसाई आते हैं। हम सभी को राष्ट्रीयता से हिंदू मानते हैं। उनमें कई लोग संघ से जुड़ कर काम कर रहे हैं। हम यह दिखाते नहीं हैं। वहीं, वैसे भी लोग हैं, जो अपने को हिंदू नहीं मानते हैं, वैसे लोगों से वार्ता चलती रहती है।

'द्वितीय सरसंघचालक गुरुजी के समय से लेकर आज तक जारी'

दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि द्वितीय सरसंघचालक गुरुजी के समय से लेकर आज तक जारी है। सरसंघचालक  समय-समय पर बात करते रहते हैं। उनकी ओर से भी प्रस्ताव आता रहता है और वार्ता होती है।

इस अवसर पर उन्होंने संघ के शताब्दी वर्ष तक सभी मंडलों में संघ कार्य पहुंचाने, समाज के साथ मिलकर सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन व पर्यावरण संरक्षण आदि गतिविधि के कार्यों को आगे बढ़ाने एवं संदेशखाली जैसी घटनाएं देश में न हो इस पर सरकार एवं समाज को ध्यान देने की भी बात कही। पंजाब में किसान आंदोलन की आड़ में बढ़ रही आतंकी गतिविधियों का विरोध किया।

इस मौके पर अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर, सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र कुमार व आलोक कुमार उपस्थित थे।

सरकार के कामों का जनता ही जवाब देगी- दत्तात्रेय होसबोले

केंद्र सरकार के कामकाज से संघ संतुष्ट है क्या इस सवाल पर उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में देश का मान बढ़ा है। विश्व में साख बढ़ी है। वैसे जनता इसका विश्लेषण कर चार जून को जवाब दे देगी। समान नागरिक संहिता के सवाल पर कहा कि संघ इसका स्वागत करता है। उत्तराखंड ने इसे लागू किया है, उसे सभी को देखना चाहिए।

चुनावी बॉन्ड का संघ ने किया समर्थन

चुनावी बॉन्ड से संबंधित सवाल पर कहा कि उसकी चर्चा बैठक में तो नहीं हुई, लेकिन इसका प्रयोग सही है। समय-समय पर इसकी समीक्षा भी होनी चाहिए। जैसे ईवीएम जब लाया गया तो कई तरह की बातें आई। उसकी समीक्षा भी की गई। चुनाव में स्वयंसेवकों की भूमिका पर कहा कि शत प्रतिशत मतदान को लेकर जन जाग्रति चलाने का काम स्वयंसेवक करेंगे।

उन्होंने कहा कि हम किसी पार्टी विशेष के लिए काम नहीं करेंगे। मथुरा और काशी से संबंधित सवाल पर कहा कि हर बीमारी की एक ही दवा नहीं होती है। समस्या के हिसाब से समाधान निकाला जाता है। साधु संत अपने स्तर से कार्य कर रहे हैं। वैसे मामला अभी न्यायालय में है।

सह सरकार्यवाह- डॉ. कृष्णगोपाल जी,  मुकुंद जी, अरुण जी,  रामदत्त जी,  अतुल लिमये,  आलोक जी

अखिल भारतीय शारीरिक- जगदीश जी, सह- ओ के मोहनन

बौद्धिक- सुनील भाई मेहता, सह - दीपक विस्पुते

व्यवस्था - मंगेश भेंडे, सह- अनिल ओक, विजय जी

सेवा - पराग अभ्यंकर, सह- राजकुमार म्हटाले,  सेंथिल कुमार

संपर्क- रामलाल जी, सह- सुनील देशपांडे, भारत भूषण

प्रचार- सुनील आंबेकर, सह- नरेन्द्र जी, प्रदीप जोशी

प्रचारक प्रमुख - स्वांतरंजन जी, सह- अरुण जैन, सुनील कुलकर्णी

नवीन कार्यकारिणी सदस्य- डॉ. मनमोहन वैद्य

नवीन निमंत्रित सदस्य- अद्वैत दा

सद्भाव टोली- डॉ . दिनेश जी 

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