झारखंड में 'महंगाई का करंट'! Electricity बिल के लिए देने पड़ेंगे अब अधिक पैसे, जानें कितनी बढ़ाई गईं दरें
झारखंड में बिजली की दराें में इजाफा होगा या नहीं इस पर आज शाम तक फैसला ले लिया जाएगा। बीते तीन साल से दर में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है जिससे घाटा बढ़ रहा है। ऐसे में संभावना है कि कीमतें बढ़े ही।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 01 Jun 2023 04:19 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में बिजली दर में बढ़ोतरी पर फैसला ले लिया गया है। राज्य विद्युत नियामक आयोग इसकी घोषणा कर दी है। गौरतलब है कि झारखंड बिजली वितरण निगम ने इस संबंध आयोग को टैरिफ पीटिशन सौंपा था। इसमें घाटे को दर्शाते हुए दर बढ़ाने की अनुमति का आग्रह किया गया था।
तीन साल से नहीं बढ़ी हैं बिजली की दरें
बिजली वितरण निगम ने यह भी उल्लेख किया है कि बीते तीन साल से दर में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है, जिससे घाटा बढ़ रहा है। कोरोना संक्रमण काल में बिजली दर में बढ़ोतरी से मना कर दिया था। पिछले वर्ष आयोग में अधिकारियों का कोरम नहीं रहने के कारण टैरिफ पर निर्णय नहीं हो पाया था।
घरेलू और वाणिज्यिक बिजली दरों में इतने का इजाफा
घरेलू बिजली में पांच पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी, तीन साल के बाद बढ़ा आंशिक बिजली दर, वाणिज्यिक बिजली दर में पंद्रह पैसे प्रति यूनिट दर बढ़ा। हालांकि, घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को 100 यूनिट प्रतिमाह खपत पर सब्सिडी जारी रहेगा। राज्य सरकार सब्सिडी मद में बिजली वितरण निगम को सालाना 1000 करोड़ रुपये का भुगतान करती है।मानसून से पहले मरम्मति का काम है जरूरी
दूसरी तरफ, रांची एरिया बोर्ड के महाप्रबंधक पीके श्रीवास्तव ने रांची के सभी डिविजनों के कार्यपालक अभियंता को दिशा-निर्देश जारी किया है। उन्होंने कहा कि इंजीनियर मानसून पूर्व की तैयारी में जुट जाएं। आगामी मानसून को देखते हुए सभी 33 केवी, 11 केवी एवं एलटी लाइनों की मरम्मति कार्य कराएं ताकि आंधी-पानी के दौरान रांची के लोगों को निर्बाध बिजली आपूर्ति मिल सके।मानसून से पहले इन चीजों की तैयारी जोरों पर
- सभी 33, 11 एवं एलटी लाइन की पेट्रोलिंग करा लिए जाएं।
- जिन स्थानों पर आंधी के दौरान पेड़ों अथवा टहनियों के लाइनों में सटने की संभावना है तो उसे छांट कर हटा लिए जाएं।
- अंडरग्राउंड फीडरों के राइजिंग पोल के आसपास भी पेड़ों अथवा टहनियों को छांटकर अलग कर लिए जाएं।
- छंटाई कार्य के लिए अगर किसी भी फीडर का शटडाऊन की आवश्यकता हो तो समाचार पत्रों के माध्यम से लोगों को सूचना दें ताकि लोगों को असुविधा न हो।
- संबंधित क्षेत्र के कार्यपालक अभियंता शटडाउन के लिए अधिकृत होंगे, लेकिन ध्यान रहे कि किसी भी फीडर का शटडाउन डेढ़-दो घंटों से ज्यादा न हो।
- सबस्टेशनों में लगे पावर ट्रांसफारमरों, ब्रेकरों एवं अन्य उपकरण के आर्थिंग का भी सूक्षम जांच करा लिए जाएं।
- अगर किसी पावर ट्रांसफारमरों में आयल टाप अप करने की आश्यकता हो तो उसे करा लिए जाएं ताकि कोई दिक्कत नहीं हो।
- शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में लगे ट्रांसफारमरों भी विशेष नजर रखी जाए। शहरी क्षेत्रों के खराब ट्रांसफारमरों को 6 से 8 जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के खराब होने वाले ट्रांसफारमरों को 48 से 72 घंटे में बदला जाए।