Ranchi: गर्मी के कहर से अप्रैल में ही हांफने लगेंगे रांची के सारे डैम, रोजाना घट रहा आधा इंच जलस्तर
Ranchi रांची के सभी डैम का जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है। रोजाना हाफ इंच जलस्तर घट रहा है। ऐसे में लोगों को भीषण जल संकट से दो-चार होना पड़ सकता है। रांची के कई क्षेत्रों में गर्मी के चलते अभी से ही कुआं नलकूप सूख चुका है।
By verendra RawatEdited By: Roma RaginiUpdated: Sat, 25 Feb 2023 09:39 AM (IST)
रांची, जागरण संवाददाता। इस साल समय से पहले गर्मी ने दस्तक दे दी है। अधिकतम तापमान बेहद तेजी से बढ़ रहा है। फरवरी के पहले हफ्ते में पारा 26 डिग्री पर रहा तो तीसरे हफ्ते तक यह 32 डिग्री पर पहुंच गया है। तापमान में बढ़ोतरी से गर्मी जस-की-तस बनी रही तो अप्रैल तक यह कहर ढाएगी।
गर्मी से आपूर्ति पर भी इसका व्यापक असर होगा। पानी के लिए आम आदमी के हलक सूखेंगे। राजधानी के सभी डैम अप्रैल में ही हांफने लगेंगे।
पर्यावरणविद् नीतिश प्रियादर्शी का आकलन है कि डैम का जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है। रोजाना हाफ इंच जलस्तर घट रहा है। ऐसे में लोगों को भीषण जल संकट से दो-चार होना पड़ सकता है। रांची में पहली बार मार्च से पहले अधिकतम तापमान 32 डिग्री तक पहुंचा है। यह बेहद चिंताजनक है।
वहीं, सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के पास आसन्न जल संकट से निपटने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। विभाग बारिश के भरोसे जलापूर्ति सेवा का दावा कर रहा है। अगर समय पर बारिश नहीं हुई तो राजधानी में इस साल जल संकट गहरा सकता है। हालांकि, डैम के घटते जलस्तर पर विभाग ने दावा किया है कि अभी पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है।
राशनिंग कर होगी जलापूर्ति
रांची के कई क्षेत्रों में गर्मी के चलते अभी से ही कुआं, नलकूप सूख चुका है। हरमू, डिबडीह, बरियातू, रातू रोड़, जगन्नाथपुर, मोरहाबादी में नगर निगम की ओर से टैंकर से पानी की आपूर्ति शुरू हो चुकी है। घरों में पर्याप्त पानी नहीं पहुंच पा रहा। वहीं पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के तीनों डिविजन के कार्यपालक अभियंताओं ने कहा कि जल संकट होने पर राशनिंग कर राजधानी में जलापूर्ति की जाएगी।क्या कहते पर्यावरणविद्
पर्यावरणविद् नीतिश प्रियादर्शी ने बताया कि शहर में पहली बार फरवरी महीने में इतनी गर्मी पड़ रही है। पारा तेजी से चढ़ रहा है। अगर गर्मी ऐसे ही बढ़ते रही तो सारे डैम अप्रैल तक सूख सकते हैं।गाद से घटा डैमों का जलस्तर
रूक्का, हटिया, कांके डैम का जलस्तर तेजी से घट रहा है। इसका मुख्य कारण गाद की नियमित सफाई नहीं करना है। विभाग द्वारा डैमों में पड़े गाद की 20 साल से सफाई नहीं की गई है। जिसके कारण जल संकट की स्थिति बनने की आशंका जताई जा रही है। मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि मौसम ने पांच सालों का रिकॉर्ड तोड़ा है। पहली बार फरवरी में 32 डिग्री सेल्सियस तक अधिकतम तापमान पहुंचा है। यह चिंता का विषय है। इसका सीधा असर जलापूर्ति पर पड़ेगा।बूटी जलागार के कार्यपालक अभियंता राधेश्याम रवि ने कहा कि रूक्का डैम में पर्याप्त पानी है। लेकिन, मार्च के बाद जल सकंट हो सकता है। पानी की किल्लत हुई तो सप्ताह में तीन दिन ही पानी दिया जाएगा। नए वाटर कनेक्शन से बोझ बढ़ा है। कांके डैम के कार्यपालक अभियंता अजय कुमार सिंह ने कहा कि वाटर लेवल काफी नीचे चला गया है। इससे पानी की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा। मार्च-अप्रैल में बारिश नहीं हुई तो पानी की किल्लत झेलनी होगी। तब लोगों को सप्ताह में तीन-चार दिन ही पानी दे पाएंगे।हटिया डैम के कार्यपालक अभियंता सुशील टुडू ने बताया कि रूक्का डैम से दो सप्ताह तक पानी नहीं मिलने के कारण हटिया डैम से कई इलाकों में पानी देना पड़ा। अतिरिक्त दबाव से पानी का लेवल तेजी से घटा है। इस साल गर्मी में परेशानी हो सकती है।अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी
तीन फरवरी को रांची का अधिकतम तापमान 26.6 डिग्री सेल्सियस था। 13 फरवरी को 27.7 डिग्री और 24 फरवरी को 31.8 डिग्री पर पारा पहुंच गया।डैम | लेबल | क्षमता |
हटिया डैम | 30 | 38 |
कांके | 22.1 | 28 |
रूक्का | 23 | 36 |