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झारखंड में बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी घुसपैठ से बदल गई डेमोग्राफी, घुसपैठियों की पहचान करने के लिए NRC जरूरी

झारखंड के संताल परगना में बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी घुसपैठ हुई है। इससे संबंधित क्षेत्र की डेमोग्राफी बदल गई है। बीते कुछ दशकों से इस क्षेत्र में आदिवासियों की संख्या लगातार घटती जा रही है। संताल क्षेत्र में कभी आदिवासियों की आबादी 44 प्रतिशत थी जो वर्तमान में घटकर 28 प्रतिशत रह गई है। झारखंड में सिर्फ घुसपैठ ही नहीं मतांतरण और पलायन भी हो रहा है।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Fri, 13 Sep 2024 07:43 AM (IST)
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झारखंड में बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी घुसपैठ से बदल गई डेमोग्राफी

 जागरण संवाददाता, रांची। झारखंड के संताल परगना में बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी घुसपैठ हुई है। इससे संबंधित क्षेत्र की डेमोग्राफी बदल गई है। बीते कुछ दशकों से इस क्षेत्र में आदिवासियों की संख्या लगातार घटती जा रही है। संताल क्षेत्र में कभी आदिवासियों की आबादी 44 प्रतिशत थी, जो वर्तमान में घटकर 28 प्रतिशत रह गई है।

झारखंड में सिर्फ घुसपैठ ही नहीं मतांतरण और पलायन भी हो रहा है। केंद्र सरकार के पास घुसपैठियों की पहचान करने और उन्हें वापस भेजने की क्षमता है लेकिन इसके लिए एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) लागू करना जरूरी है।

सीमावर्ती क्षेत्रों में सर्वाधिक मदरसे खुले हैं

केंद्र सरकार ने गुरुवार को झारखंड उच्च न्यायालय के एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस एके राय की अदालत में शपथपत्र दाखिल कर यह जानकारी दी है। इस मामले में अदालत 17 सितंबर को सुनवाई करेगी। केंद्र सरकार की ओर से दाखिल शपथपत्र में यह भी कहा गया है कि संताल क्षेत्र में भारी संख्या में गिफ्ट डीड के तहत जमीन का हस्तांतरण हुआ है। इससे प्रतीत होता है कि राज्य सरकार की सहमति के बगैर ऐसा नहीं हो सकता है।

संताल में राज्य सरकार ही संताल परगना टेंनेंसी एक्ट (एसपीटी) का उल्लंघन कर रही है। यहां पिछले कुछ वर्षों में मदरसों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। साहिबगंज और पाकुड़ के सीमावर्ती क्षेत्रों में सर्वाधिक मदरसे खुले हैं।

राज्य सरकार ने बोला नहीं हैं कोई बांग्लादेशी घुसपैठिये

इधर, यूनिक आइडेंटिफिकेशन आथारिटी आफ इंडिया ने अपने शपथपत्र में कहा है कि आधार कार्ड कभी भी नागरिकता का आधार नहीं हो सकता। यह महज यूनिक आइडेंटिफिकेशन के रूप में लोगों को चिन्हित करने जैसा है। राज्य सरकार ने एक भी बांग्लादेशी घुसपैठ नहीं होने की बात कही है। बता दें कि इस मामले में पूर्व में राज्य सरकार और संताल के सभी जिलों के उपायुक्तों ने शपथ पत्र दाखिल कर अदालत को बताया है कि किसी भी जिले में बांग्लादेशी घुसपैठिये नहीं है।

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