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कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही तोड़े अवैध निर्माण, झारखंड हाईकोर्ट का आदेश

झारखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति के घर को बिना कानूनी प्रक्रिया पूरी किए तोड़ा नहीं जा सकता। यदि सरकार को लगता है कि आवास का निर्माण अवैध है और अतिक्रमण किया गया है तो कानून के अनुसार सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही कार्रवाई की जा सकती है।

By Manoj Singh Edited By: Shashank Shekhar Updated: Mon, 29 Apr 2024 09:17 PM (IST)
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कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही तोड़े अवैध निर्माण, झारखंड हाईकोर्ट का आदेश (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने सोमवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति के घर को बिना कानूनी प्रक्रिया पूरी किए तोड़ा नहीं जा सकता।

यदि सरकार को लगता है कि आवास का निर्माण अवैध है और अतिक्रमण किया गया है तो कानून के अनुसार सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही कार्रवाई की जा सकती है।

इसके साथ ही अदालत ने याचिका निष्पादित कर दी। इस संबंध में गढ़वा के अशोक कुमार ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

प्रार्थी की ओर से अदालत को क्या बताया गया

सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि 10 मार्च 2024 को गढ़वा के सीईओ ने नोटिस जारी कर 24 घंटे के अंदर उन्हें मकान के सभी दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया।

यह भी कहा गया कि कागजात पेश नहीं किए जाने पर अतिक्रमण माना जाएगा। प्रार्थी ने 11 मार्च को सभी कागजात सीईओ के पास जमा कर दिए।

इसके बाद सर्किल इंस्पेक्टर और गढ़वा सदर पुलिस के साथ उनके आवास पहुंचे। मकान की मापी की और लाल दाग लगा दिया। प्रार्थी ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

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