'73 सालों से अधिकारों से वंचित अब...' हुंकार महारैली से विरोधियों को ताकत दिखाने देने की तैयारी में झारखंड का ये समाज
विरोधियों का मुंह बंद करने के लिए हुंकार महारैली का आयोजन किया जा रहा है। 18 फरवरी को मोरहाबादी मैदान में होने वाली महारैली में उमड़ने वाला जनसैलाब विरोधियों को जवाब देगा। शीतल ने कहा कि साजिश के तहत 18 फरवरी को मोरहाबादी मैदान में आयोजित हुंकार महारैली के आयोजन में रोड़े अटकाए जा रहे हैं लेकिन कुड़मियों को रोक पाना संभव नहीं है।
जागरण संवाददाता, रांची। टोटमिल कुड़मी-कुरमी (महतो) समाज की बैठक मुख्य संयोजक शीतल ओहदार की अध्यक्षता में पुराने विधानसभा सभागार में हुई। बैठक में शीतल ने कहा कि भाजपा व कुछ राजनीतिक दलों के द्वारा अनुसूचित जनजाति को सूचीबद्ध करने और कुड़माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की लड़ाई को कमजोर करने की साजिश की जा रही है।
विरोधियों का मुंह बंद करने के लिए हुंकार महारैली का आयोजन किया जा रहा है। 18 फरवरी को मोरहाबादी मैदान में होने वाली महारैली में उमड़ने वाला जनसैलाब विरोधियों को जवाब देगा। उन्होंने कहा कि साजिश के तहत 18 फरवरी को मोरहाबादी मैदान में आयोजित हुंकार महारैली के आयोजन में रोड़े अटकाए जा रहे हैं, लेकिन कुड़मियों को रोक पाना संभव नहीं है।
शीतल ओहदार ने दी चेतावनी
उन्होंने उपायुक्त को चेतावनी देते हुए कहा कि हुंकार महारैली में लाखों की संख्या में कुड़मी समाज के लोग पारंपरिक वेशभूषा, पारंपरिक नाच-गान जैसे छऊ नृत्य, झूमर नृत्य, पाता नाच, नटुवा नाच, घोड़ा नाच व गाजे-बाजे के साथ शामिल होंगे। ग्राम स्तर पर इसकी वृहद तैयारी की जा रही है।
कुरमी विकास परिषद के अध्यक्ष रंधीर चौधरी ने कहा कि हुंकार महारैली का आह्वान पूरे झारखंड में फैल चुका है, क्योंकि कुड़मी समाज पर चौतरफा हमला हो रहा है। 73 वर्षों से हमारा समाज अपनी पहचान व संवैधानिक अधिकारों से वंचित है। हालांकि युवा वर्ग अपने अधिकार के प्रति सजग हो चुके हैं। इसलिए अब हम आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं।
मंच के अध्यक्ष संजीव महोत ने कुड़मी सांसदों से आग्रह करते हुए कहा कि अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की मांग को जोरदार ढंग से उठाएं। झारखंड कुरमी महासभा के अध्यक्ष कुमेश्वर महतो ने कहा कि हुंकार महारैली में समाज के लगभग पांच लाख लोग शामिल होंगे।
ये लोग रहे कार्यक्रम में मौजूद
बैठक में कुरमी विकास परिषद के अध्यक्ष रंधीर चौधरी, कुड़मी विकास मंच के अध्यक्ष संजीव महतो, कुड़मी संस्कृति मंच के अध्यक्ष सपन कुमार महतो के अलावा सखीचंद महतो, दीपक महतो, थानेश्वर महतो, देवकी महतो, हेमलाल महतो, मुरलीधर महतो, राजेन्द्र महतो, रचिया महतो, क्षेत्र मोहन महतो, शशिरंजन महतो, मोहन महतो, परमेश्वर महतो, गौरीशंकर महतो, रघुनाथ महतो, दिनेश महतो, श्रीनाथ महतो ,सोना लाल महतो, डब्लू महतो, ललित मोहन महतो, सुनील महतो, फुलको देवी, रावंति देवी, जयप्रकाश महतो, जितेंद्र महतो, सुदर्शन महतो सहित सैकड़ों उपस्थित हुए।
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