राजधानी रांची से करीब होकर भी सुविधाओं से दूर, खटंगा पंचायत के लोग पेयजल के लिए कुएं पर निर्भरता
राज्य में पंचायत चुनाव की कवायद शुरू हो गई है। राज्य में पंचायत क्षेत्रों में विकास के नाम पर लाखों रुपये तो खर्च किए गए हैं। लेकिन अभी भी विकास की किरण हर गांव में पूरी तरह से नहीं पहुंची है।
By Kanchan SinghEdited By: Updated: Wed, 27 Oct 2021 02:01 PM (IST)
रांची, जासं। राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की कवायद शुरू हो गई है। विभिन्न पंचायतों के मुखिया का पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा होने वाला है। इधर, राज्य में पंचायत क्षेत्रों में विकास के नाम पर लाखों रुपये तो खर्च किए गए हैं। लेकिन अभी भी विकास की किरण हर गांव में पूरी तरह से नहीं पहुंची है। अगर हम बात कांके प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत खटंगा की तो इस पंचायत में तीन गांव शामिल हैं, जहां विकास कार्य तो हुआ है। लेकिन अभी कई काम अधूरे हैं, जो अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं।
पंचायत क्षेत्र के ग्रामीणों की सबसे बड़ी समस्या पेयजल और सिंचाई की है। खंटगा, लालगंज और पेरतौल गांव की बड़ी आबादी पेजयल के लिए कुएं पर निर्भर है। तीनों गांव में 8000 लीटर की तीन जलमीनारें तो हैं। लेकिन तीनों बंद हैं। वहीं, पानी के लिए लगभग 15 छोटी टंकियां भी चापाकल से कनेक्ट कर लगाई गई हैं। लेकिन इनमें से भी अधिकांश खराब पड़ी हैं। गर्मियों में कई कुएं का पानी भी सूख जाता है। रोजगार का मुख्य स्त्रोत कृषि ही है। लेकिन सिंचाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण यहां के किसान सिर्फ एक ही फसल बारिश के मौसम में उगा पाते हैं। ग्रामीणों के मुताबिक सिंचाई की समस्या दूर करने के लिए डीप बोरिंग की जरूरत है। लेकिन जनप्रतिनिधि का इस ओर ध्यान नहीं है।
मुख्य सड़क चकाचक पर निचली बस्तियों की सड़कें बदहाल
दो साल पूर्व विधायक फंड से पिरतौल में 2.5 किमी., लालगंज के सूर्यनगर में 2.5 किमी. व खटंगा में तीन किमी. पक्की सड़क का निर्माण किया गया है। लेकिन तीनों गांव विशेषकर लालगंज और पेरतौल में निचली बस्तियों तक जाने वाली सड़कें अब भी अपनी बेहाली पर आंसू बहा रही हैं। पेरतौल गांव के मुंडाटोली में एक साल पूर्व 100 मीटर का पेवर्स ब्लॉक रोड का निर्माण कराया गया था। लेकिन नाली नहीं होने की वजह से बारिश में अधिकांश पेवर्स ब्लॉक मिट्टी के नीचे दब गए हैं। वहीं, इसी सड़क के निर्माण के दौरान गड्ढे को नहीं भरा गया था। इस वजह से यहां पानी और कीचड़ जमा रहता है। बारिश में अन्य कच्ची सड़कें भी जलमग्न हो जाती हैं।
पंचायत में स्वास्थ्य केंद्र का अभाव
पंचायत की बड़ी समस्याओं में से एक स्वास्थ्य परिसेवा भी है। दस हजार से अधिक आबादी होने के बावजूद पंचायत में एक भी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। गंभीर रोगों के इलाज के लिए तो लोग रिम्स,रांची पर निर्भर हैं ही, साधारण सर्दी-जुखाम, बुखार आदि के लिए भी उन्हें या तो गांव से 20 किमी. दूर रिम्स जाना पड़ता है अथवा किसी निजी अस्पताल की ओर रुख करते हैं।
सालों से हो रही है हाईस्कूल मांगखंटगा में एक राजकीय विद्यालय है, तो लालगंज में उत्क्रमित मध्य विद्यालय। लेकिन बच्चों को हाई स्कूल की पढ़ाई के लिए लगभग 10 किमी की दूरी तय कर टाटी सिल्वे जाना पड़ता है। सालों से पंचायत क्षेत्र में एक हाईस्कूल खोलने का प्रयास जारी है। लेकिन अब तक इस पर कार्यवाही नहीं हुई है। खंटगा स्थित राजकीय विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या अधिक है, तो शिक्षकों की कमी है। वहीं, लालगंज स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय मे शिक्षकों की संख्या अधिक है। मुखिया द्वारा लालगंज उत्क्रमित मध्य विद्यालय में ही हाईस्कूल शुरू करने को लेकर कवायाद जारी है। लेकिन अभी तक इस पर कोई पहल नहीं हुई है।
पंचायत में हुए ये कामजलापूर्ति के लिए 8000 लीटर के तीन बड़े जलमीनार सहित कई छोटी टंकियां लगाई गईं। लेकिन अधिकतर खराब। विधायक फंड से पिरतौल में 2.5 किमी., लालगंज के सूर्यनगर में 2.5 किमी. व खटंगा में तीन किमी. पक्की सड़क का निर्माण दो साल पूर्व हुआ है। लालगंज में 750 मीटर का पेवर्स ब्लॉक रोड का निर्माण।पंचायत क्षेत्र की अन्य समस्याएं
पंचायत में बिजली के तार जर्जर स्थिति में। तीनों गांव में लगभग 60-70 स्ट्रीट लाइट हैं। लेकिन 30 लाइट खराब अथवा फ्यूज हैं। खटंगा गांव में तीन जन वितरण प्रणाली की दुकान है। लालगंज और पेरतौल की ग्रामीणों की वर्षों से मांग है कि खटांग से स्थानांतरित कर उनके गांवों में एक-एक जन वितरण प्रणाली की दुकान खोली जाए। तीनों गांव में श्मशान में शेड बनाने की मांग। सुंदरीकरण एवं रखरखाव के अभाव में पंचायत क्षेत्र में स्थित छह तालाब जर्जर स्थिति में। विधवा एवं वृद्धा पेंशन कार्ड पर उम्मीद के मुताबिक नहीं हुआ काम।
कहते हैं लोगमुखिया ने विधवा एवं वृद्धा पेंशन को लेकर उम्मीद के मुताबिक काम नहीं किया है। वे बहुत अधिक एक्टिव भी नहीं हैं। ग्रामीणों की समस्या दूर करने को लेकर वे उदासीन हैं। कुछ काम होने पर हमें बीडीओ कार्यालय जाना पड़ता है।- रंजीत उरांव, लालगंजमुखिया जनता को समय नहीं देती हैं। किसी काम के सिलसिले में अथवा जरूरी कागजातों पर हस्ताक्षर कराने के लिए उनके पास जाने पर काफी इंतजार करना पड़ता है। ज्यादातर निर्णय मुखिया पति ही लेते हैं।
- महावीर लिंडा, लालगंजहमारे गांव में पेयजल की बड़ी समस्या है। सोलर जलमीनार लगभग छह माह से खराब है। लेकिन मरम्मत को लेकर कोई काम नहीं हो रहा है। पेयजल के लिए कुएं पर निर्भर हैं।- मंजय कुमार, लालगंजगांव में सड़क, बिजली, पानी सहित कई समस्याएं हैं। पंचायत क्षेत्र में एक हाईस्कूल की जरूरत है। बच्चों को हाईस्कूल की पढ़ाई के लिए गांव से लगभग पांच किमी. दूर टाटीसिल्वे जाना पड़ता है।
- सुनील लिंडा, लालगंजजलमीनार खराब होने की वजह से पेयजल की समस्या है। पंचायत में चापाकल मरम्मत का काम करता हूं। सभी यंत्र पुराने हो गए हैं। उन्हीं से काम चलाना पड़ रहा है।- एतोवा कच्छप, लालगंज15 दिन से पानी टंकी की मशीन खराब है। लेकिन मुखिया द्वारा अब मरम्मत नहीं करायी गई है। इससे पहले टंकी खराब होेने पर हम ग्रामीण ही अपास में चंदा कर मरम्मत कराते थे।- नंदू मुंडा, पेरतौल
मुंडाटोली में एक साल पहले पेवर्स ब्लॉक सड़क का निर्माण हुआ है। लेकिन छह माह के दौरान ही रोड खस्ताहाल हो गया। बारिश में पेवर्स ब्लॉक मिट्टी में धंस गए हैं। यहां अक्सर जलजमाव रहता है।- अजय उरांव, पेरतौलतीन साल पहले गांव के पास स्वर्णरेखा नदी के किनारे स्थित श्मशान घाट के विकास का काम शुरू किया गया था। लेकिन कलम, गिट्टी, बालू आदि निर्माण सामग्रियों की चोरी के बाद से काम ठप है। गांव में एक राशन दुकान की जरूरत है। राशन के लिए खटंगा जाना पड़ता है।- देवानंद उरांव, पेरतौलचार साल पहले गांव में स्थित स्कूल को बंद कर लालगंज उत्क्रमित विद्यालय में मर्ज कर दिया गया। तब से इस गांव के बच्चों को पढ़ाई के लिए लालगंज जाना पड़ता है। पंचायत में एक हाईस्कूल की भी जरूरत है।- तारामणि देवी, पेरतौलगांव में प्रवेश के लिए तो कच्ची सड़क बनी है। लेकिन गांव के अंदर की ज्यादातर सड़कें कच्ची ही हैं। बारिश में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।- मणि देवी, पेरतौलगांव में पेयजल की समस्या है। टंकी कई दिनों से खराब है। मरम्मत नहीं कराई जा रही है। अंदर की कुछ सड़कें भी कच्ची हैं, जिससे बरसात में परेशानी बढ़ जाती है।- सोहदरी, पेरतौल
पंचायत में कई समस्याएं हैं, जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है। विधवा एवं वृद्धा पेंशन को लेकर काम नहीं हो रहा है। सड़क, नाली, पेयजल, सिंचाई, स्कूल आदि पर काम करने की जरूरत है। वर्तमान मुखिया ग्रामीणों के उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई हैं।- अनिल लिंडा, पूर्व मुखिया, खटंगा पंचायत
सड़क और पेयजल को लेकर पंचायत में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। लेकिन विधवा, वृद्धा एवं दिव्यांग पेंशन की सुविधा लाभुकों तक पहुंचाने में पूरी तरह से कामयाबी नहीं मिल पाई है। हालांकि एक माह पूर्व ही विधवा एवं वृद्धा पेंशन के लिए 129 लाभुकों को शामिल किया गया है। फिलहाल उनके खाते में राशि नहीं आई है। विधवा एवं वृद्धा पेंशन के 400 से अधिक लाभुक हैं। हाईस्कूल एवं राशन दुकान को लेकर भी प्रयास जारी है। वहीं, सभी निर्णय मैं ही लेती हूं। मेरे पति का कोई हस्तक्षेप नहीं होता है।- रश्मि देवी, मुखिया, खटंगा पंचायत
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