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झारखंड में 7 IPS अफसरों का तबादला, धनंजय कुमार सिंह बने देवघर के एसपी

Transfer Posting of IPS Jharkhand News झारखंड में आज तीन अफसरों को अतिरिक्‍त प्रभार दिया गया है। इसकी अधिसूचना आज जारी की गई है। अश्विनी कुमार सिन्‍हा को स्‍थानांतरित करते हुए पुलिस मुख्‍यालय में योगदान देने का निर्देश दिया गया है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Updated: Tue, 15 Jun 2021 07:02 PM (IST)
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Transfer Posting of IPS, Jharkhand News धनंजय कुमार सिंह देवघर के नए एसपी बनाए गए हैं।
रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। झारखंड के सात आइपीएस अधिकारियों का तबादला हो गया है। इसके अलावा तीन आइपीएस अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। राज्य सरकार ने मंगलवार की शाम इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है। जारी अधिसूचना के अनुसार देवघर व सरायकेला-खरसांवा के एसपी को भी बदल दिया गया है। रांची के एसपी यातायात के पद पर आतंकवाद निरोधक दस्ता के एसपी 2016 बैच के आइपीएस अधिकारी अंजनी अंजन को बैठाया गया है।

कौन कहां गए

- धनंजय कुमार सिंह : एसपी विशेष शाखा से एसपी देवघर।

- अश्विनी कुमार सिन्हा : एसपी देवघर से पुलिस मुख्यालय।

- अजीत पीटर डुंगडुंग : एसपी यातायात से एसपी झारखंड जगुआर।

- मोहम्मद अर्शी : एसपी सरायकेला-खरसांवा से पुलिस मुख्यालय।

- निधि द्विवेदी : प्रतीक्षारत थीं, समादेष्टा जैप-8 पलामू।

- अंजनी अंजन : एसपी आतंकवाद निरोधी दस्ता से एसपी यातायात।

- आनंद प्रकाश : एसपी रेल जमशेदपुर से एसपी सरायकेला-खरसांवा।

तीन एसपी को एसीबी का भी अतिरिक्त प्रभार

राज्य के तीन आइपीएस अधिकारियों के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। इनमें जैप-10 महिला बटालियन की समादेष्टा संध्या रानी मेहता, झारखंड पुलिस एकेडमी के एसपी किशोर कौशल व कांस्टेबल ट्रेनिंग सेंटर मुसाबनी के एसपी अमन कुमार शामिल हैं। इन्हें अपने कार्यों के अतिरिक्त एसपी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

सरायकेला-खरसांवा के नए एसपी आनंद प्रकाश।

कोचांग गैंगरेप में सजायाफ्ता की जमानत पर सुनवाई

खूंटी के कोचांग गैंगरेप मामले में सजायाफ्ता पादरी अल्फांसो आईंद की जमानत पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान बताया गया कि इस मामले में पूर्व की पीठ ने फिजिकल कोर्ट के दौरान पादरी अल्फांसो की जमानत पर सुनवाई के लिए कहा था। लेकिन कोरोना की वर्तमान स्थिति को देखकर ऐसा नहीं लगता है कि हाल में हाई कोर्ट में फिजिकल कोर्ट शुरू होने की संभावना है।

इसलिए जमानत पर सुनवाई की जानी चाहिए। इस पर अदालत ने कहा कि पूर्व के आदेश को वापस लेने के बाद ही इस पर सुनवाई संभव है। इसके बाद अदालत ने इस मामले में सुनवाई स्थगित कर दी। बता दें कि 19 जून 2018 पांच युवतियां के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। इस मामले में निचली अदालत ने पादरी अल्फांसो सहित अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

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