Dheeraj Sahu News: बरामद रकम पर सावधानीपूर्वक बयान दे रहे कांग्रेस नेता, पर साफ झलक रहा पक्ष; ये है वजह
Jharkhand Politics कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों से 300 करोड़ रुपये की बरामदगी के बाद सभी की निगाहें कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी की तरफ है। हालांकि कांग्रस के नेता बड़ी सावधानी से बयान दे रहे हैं। फिर भी बयान में साहू का पक्ष साफ झलक रहा है। बता दें कि पार्टी को कई बार आर्थिक मुसीबतों से उबारने का काम साहू घराने ने किया है।
राज्य ब्यूरो, रांची। कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों से 300 करोड़ रुपये की बरामदगी पर कांग्रेस के नेता सावधानीपूर्वक बयानबाजी के माध्यम से उनके पक्ष में एकजुट होते जा रहे हैं।
कांग्रेस के तमाम नेता उनके साथ खड़े हैं और इसके पीछे कारण यही माना जा रहा है कि पार्टी को कई बार आर्थिक मुसीबतों से उबारने का काम साहू घराने ने किया है। प्रदेश कांग्रेस का आधिकारिक बयान रविवार को ही आएगा, जब प्रभारी अविनाश पांडेय रांची पहुंचेंगे।
कांग्रेस के नेताओं को पीएम की पोस्ट से आपत्ति
हालांकि पूछे जाने पर कांग्रेस के नेताओं ने अपना-अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है। यह पक्ष कहीं ना कहीं से धीरज साहू के पक्ष में ही आ रहा है। कांग्रेस नेताओं को इस बात से भी आपत्ति है कि प्रधानमंत्री ने अखबार की कटिंग लगाकर इस खबर को स्वयं क्यों पोस्ट किया।
प्रदेश कांग्रेस का आधिकारिक बयान रविवार को ही आने की संभावना है जब प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय रांची पहुंचेंगे। इसके पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि इतनी राशि उन्हें नहीं रखनी चाहिए थी लेकिन इस मामले में कांग्रेस के सीनियर नेताओं और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम घसीटकर भाजपा ने मानसिक दिवालियेपन का परिचय दिया है।
वित्त मंत्री डा. रामेश्वर उरांव ने कहा कि यहां के लोग जानते हैं कि साहू परिवार संयुक्त बिहार के समय से ही सबसे बड़ा व्यापारिक घराना है। कई प्रकार के कारोबार में यह परिवार लगा हुआ है। हो सकता है कि यह राशि 15 दिनों या फिर एक महीने का कलेक्शन हो।
जयराम रमेश बोले, मामले से कांग्रेस का कोई लेना-देना नहीं
कांग्रेस सांसद धीरज साहू के घर से मिल रही करोड़ों की बेहिसाब नकदी पर पार्टी ने आखिरकार पल्ला झाड़ लिया है। कांग्रेस के प्रभारी संचार महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि साहू के बिजनेस से कांग्रेस का कोई लेना-देना नहीं है।
सिर्फ वही बता सकते हैं, और उन्हें यह स्पष्ट करना भी चाहिए कि कैसे आयकर अधिकारियों ने कथित तौर पर उनके ठिकानों से इतनी मात्रा में कैश बरामद किए हैं।
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