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Jharkhand News: माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों के DEO से मांगा शपथ पत्र, दो दिनों का दिया समय

झारखंड एकेडमिक काउंसिल तथा सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने शपथपत्र देने का आदेश दिया है। निदेशालय ने कहा है कि उन्होंने वित्त रहित स्कूलों कॉलेजों एवं मदरसों के अनुदान की अनुशंसा स्थलीय जांच के बाद की है। निदेशालय ने इसका प्रारुप काउंसिल और सभी डीईओ को भेज दिया है और अधिकारियों को दो दिनों में शपथपत्र देने को कहा है।

By Neeraj Ambastha Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Mon, 25 Mar 2024 03:59 PM (IST)
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माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों के डीईओ से मांगा शपथ पत्र (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने अब झारखंड एकेडमिक काउंसिल तथा सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) को शपथपत्र देने को कहा है कि उन्होंने वित्त रहित स्कूलों, कॉलेजों एवं मदरसों के अनुदान की अनुशंसा स्थलीय जांच के बाद की है।

निदेशालय ने बकायदा इसका प्रारुप काउंसिल तथा सभी डीईओ को भेजा है। सबसे बड़ी बात यह है कि अधिकारियों को दो दिनों में यह शपथपत्र देने को कहा गया है। यह पत्र 23 मार्च की तिथि से जारी हुई है।

सभी जिलों में भेज गए पत्र

सभी जिलों को भेजे गए पत्र में माध्यमिक शिक्षा के अवर सचिव अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा है कि 22 मार्च को अनुदान समिति की हुई बैठक में यह बात सामने आई है कि बहुत से जिलों एवं झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा अनुदान को लेकर स्कूल, कॉलेजों के स्थलीय जांच से संबंधित स्पष्ट सूचना और जानकारी उनकी अनुशंसा में उपलब्ध नहीं है।

इनके आवेदन भी अपूर्ण हैं। इधर, वित्त रहित शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने इसे जानबूझकर देरी करना बताया है। उनके अनुसार, मार्च में बहुत कम समय रह गया है। स्कूल, कॉलेजों की जांच दोबारा करने से अनुदान की राशि सरेंडर हो सकती है।

सीएम को ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया

मोर्चा ने इसे लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने का भी निर्णय लिया है। मोर्चा के अनुसार लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू होने के बाद भी स्कूल, कॉलेजों को अनुदान मिल सकता है, क्योंकि यह कोई नई योजना नहीं है।

पूर्व में आचार संहिता लागू होने पर भी अनुदान मिला है। बता दें कि 168 इंटर कॉलेजों को अनुदान देने की अनुशंसा झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने की है। जबकि 304 उच्च विद्यालयों, 34 संस्कृत विद्यालयों और 37 मदरसों के अनुदान की अनुशंसा संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारियों द्वारा की गई है।

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