Dr Archana Sharma Suicide: डा अर्चना शर्मा को इंसाफ दिलाने को कल सभी अस्पताल, नर्सिंग होम व क्लीनिक बंद
Dr Archana Sharma Suicide Case झारखंड आईएमए ने RIMS डा अर्चना को इंसाफ दिलाने के लिए कल यानी 2 अप्रैल को सभी प्राइवेट नर्सिंग होम हॉस्पिटल और क्लीनिक को बंद रखने की घोषणा की है। बताया गया कि जब तक इंसाफ नहीं मिलता तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
By Sanjay KumarEdited By: Updated: Fri, 01 Apr 2022 02:05 PM (IST)
रांची, जासं। Dr Archana Sharma Suicide Case राजस्थान में रांची की बेटी डॉ अर्चना शर्मा के आत्महत्या के बाद रांची के डॉक्टरों में जबरदस्त उबाल देखा जा रहा है। जिसके बाद झारखंड आईएमए डा अर्चना को इंसाफ दिलाने के लिए बीच मैदान में कूद पड़ा है। आईएमए ने कल यानी 2 अप्रैल को सभी प्राइवेट नर्सिंग होम, हॉस्पिटल और क्लीनिक को बंद रखने की घोषणा की है। सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं बहाल रहेंगी। इसके बाद मरीजों को ओपीडी सेवा से लेकर किसी तरह के जांच की सुविधा भी नहीं मिल पाएगी।
आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष सचिव डा प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि जब तक डा अर्चना को इंसाफ नहीं मिलता, उनके कातिलों को जब तक सजा नहीं दी जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। साथ ही मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने के लिए झारखंड सरकार से भी अपील की है।उन्होंने बताया कि झारखंड में भी कमोबेश यही स्थिति बनी हुई है। अगर झारखंड सरकार मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं करती है, तो आने वाले दिनों में इस तरह की कोई दुखद घटना सुनने को मिल सकती है। सरकार को चाहिए कि किसी डॉक्टर की जान जाए, इससे पहले इस एक्ट को लागू किया जाए, ताकि डॉक्टर सुरक्षित रहें और मरीजों को भी बेहतर सेवा मिल सके।
आज शाम निकाला जाएगा विरोध जुलूसदूसरी ओर डॉ अर्चना को इंसाफ दिलाने और झारखंड में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग को लेकर आज शुक्रवार की शाम विरोध जुलूस निकाला जाएगा। यह जुलूस आईएमए भवन से शुरू होकर एसएसपी कार्यालय तक जायेगी। सरकार से अपील की जाएगी कि डॉक्टरों के सुरक्षा के लिए सार्थक कदम उठाए।
डॉ अर्चना शर्मा पर करा दिया था हत्या का मुकदमा
मालूम हो कि राजस्थान में काम कर रही रांची निवासी व रिम्स की टॉपर रही डॉ अर्चना शर्मा पर एक मरीज के इलाज के दौरान हुई मौत को लेकर पुलिस ने धारा 302 के तहत हत्या का मुकदमा दर्ज करा दिया था। जिसके बाद डॉ अर्चना मानसिक तनाव से गुजरते हुए आत्महत्या जैसे कदम उठा ली। इस घटना के बाद हालांकि राजस्थान सरकार ने कुछ स्थानीय नेताओं को गिरफ्तार किया है और पुलिस के उस कर्मी को भी निलंबित किया है जिसने यह धारा डॉक्टर पर लगाई थी।
जबकि डॉक्टर का कहना है कि इलाज के दौरान डॉ पूरी तरह से मरीज की जान बचाने में लगे रहते हैं, लेकिन अगर किसी मेडिकल वजह से मरीज की जान चली जाती है उस पर हत्या का मुकदमा दर्ज करना कहीं से भी सही नहीं है। आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष के अनुसार इस बाबत सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग भी डॉक्टरों के पक्ष में पहले से ही कहा जा चुका है।
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