डाॅ. बासुदेब दास बने CIP Ranchi के नए निदेशक, जानें संस्थान को लेकर इनकी प्राथमिकताएं
Central Institute of Psychiatry Ranchi Mental Hospital बासुदेब दास ने कहा कि सीआइपी में शोध पर जोर देना मेडिकल सीटें बढ़ाना व चिकित्सीय व्यवस्था सुदृढ़ करना प्राथमिकता होगी। सोमवार को वे योगदान देंगे। सीआइपी में ओपीडी कॉम्पलेक्स 100 साल में भी नहीं बन सका है।
By Sujeet Kumar SumanEdited By: Updated: Sun, 14 Feb 2021 04:35 PM (IST)
रांची, जासं। केंद्रीय मनोचिकित्सा संस्थान (सीआइपी) के नए स्थायी निदेशक संस्थान के ही प्रोफेसर डॉ. बासुदेब दास को बनाया गया है। वे सीआइपी में पिछले 18 वर्षों से लगातार सेवा दे रहे हैं। साइकोफार्मोकोलॉजी, चाइल्ड साइकियाट्री व मूड डिसऑर्डर विषय में इनकी विशेषज्ञता है। सोमवार को ये निदेशक का पदभार लेंगे। शुक्रवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई थी। दैनिक जागरण ने सीआइपी के नवनियुक्त निदेशक डॉ. बासुदेब दास से उनकी प्राथमिकता को लेकर बातचीत की। इस क्रम में उन्होंने बताया कि उनकी प्राथमिकता रिसर्च को बढ़ावा देना होगा।
वर्तमान में भी शोध कार्य चल रहा है, लेकिन इसे और बढ़ाने की ओर ध्यान दिया जाएगा। अच्छे जर्नल्स में रिसर्च पब्लिकेशन हो सकेगी। कहा कि वर्तमान में पेशेंट केयर को लेकर काफी शिकायतें मिलती हैं। ओपीडी में मरीजों के आने से उन्हें बैठने तक की जगह नहीं मिलती। कई बार मरीजाें को परिसर में ही पेड के नीचे तो कभी शेड में बैठकर दिन बिताने होते हैं। ऐसे में 500 बेड की नई ओपीडी कॉम्पलेक्स बनवाना प्राथमिकता होगी।
डाॅ. बासुदेब ने कहा कि काफी दुर्भाग्य है कि सीआइपी के बने 100 साल से अधिक हो गया लेकिन अब तक अपना ओपीडी कॉम्पलेक्स नहीं बन सका। ओपीडी कॉम्पलेक्स का प्रपोजल मंत्रालय गया हुआ है, उसे जल्द स्वीकृत कराकर काम शुरू कराया जाएगा। भवन में बेसमेंट के साथ ग्राउंड फ्लोर में ओपीडी, फर्स्ट फ्लोर में जांच की व्यवस्था व बाकि तल्लों में वार्ड बनाने की योजना है।
साइकियाट्रिक के अलावा भी न्यूरोलॉजी-न्यूरोसर्जरी विभाग भी होंगे संचालित
डॉ. बासुदेब दास ने बताया कि सीआइपी में पूर्व से साइकियाट्रिक विभाग ही संचालित होते थे। ऐसे में यहां लंबे समय से न्यूरोलॉजी और न्यूरोसर्जरी विभाग भी शुरू करने की योजना है। इसके लिए प्रस्ताव केंद्रीय मंत्रालय में भेजा गया है। जल्द ही इस प्रस्ताव को मंजूरी दिलाना प्राथमिकता होगी। सीआइपी में न्यूरोलॉजी और न्यूरोसर्जरी विभाग शुरू होने से रिम्स का दबाव भी कम होगा। ऑपरेशन थियेटर भी बनाया जाएगा।
पीजी व पीएचडी सीट भी बढ़ाना लक्ष्यनए निदेशक ने कहा कि वर्तमान में सीआइपी में एमडी, पीएचडी और एमफील कोर्स संचालित होते हैं। एमडी के लिए पूर्व में 9 और डीपीएम के 18 सीट थे। दोनों कोर्स को एक कर दिया गया है। इसके बाद से 27 सीट पर पढ़ाई होती थी। वहीं ईडब्ल्यूएस लागू होने के बाद से 7 सीट और बढ़ी है। अब 34 सीटों पर नामांकन लिया जा रहा है। वहीं पीएचडी के चार और एमफील के 18 सीट हैं। इन सीटों को बढ़ाया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक मेडिकल स्टूडेंट जो इसमें रुचि रखते हैं, उन्हें मौका मिल सके। पदभार लेने के बाद चिकित्सक व्यवस्था में काफी बदलाव देखने को मिलेंगे।
डॉ. दास ने कोलकाता से की है एमबीबीएस, 2013 में बने प्रोफेसरनए निदेशक डॉ. बासुदेब दास ने कोलकाता के मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री ली है। 1994 में एमबीबीएस पास करने के बाद 1998 में सीआइपी में ही एमडी कोर्स में नामांकन लिया। 2002 में बतौर सीनियर रेजिडेंट अपनी सेवा दी। 2006 में असिस्टेंट प्रोफेसर और 2013 में प्रोफेसर बने। प्रोफेसर बनने के बाद से प्रशासनिक पद का दायित्व इन्हें मिला हुआ था।
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