RJD सुप्रीमो लालू यादव का इलाज करने वाले रिम्स के डॉ. उमेश प्रसाद का निधन
Lalu Prasad Yadav रांची रिम्स में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का इलाज करनेवाले रिम्स के चिकित्सक डॉ उमेश प्रसाद का निधन हो गया है। वह मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष थे। उनके निधन पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने शोक व्यक्त किया।
By Vikram GiriEdited By: Updated: Sun, 15 Aug 2021 03:10 PM (IST)
रांची, राज्य ब्यूरो। रांची के रिम्स में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का इलाज करने वाले चिकित्सक डॉ उमेश प्रसाद का निधन हो गया है। उन्होंने शनिवार की सुबह तीन बजे अंतिम सांस ली। रिम्स में वे मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष थे। उनके निधन पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने शोक व्यक्त किया। डॉ उमेश प्रसाद मल्टीपल मायलोमा से ग्रसित थे। उन्होंने दो वर्ष से ज्यादा समय तक रिम्स में लालू यादव का इलाज किया। मल्टीपल मायलोमा एक प्रकार का कैंसर है।
यह मैलिग्नेंट प्लाज्मा कोशिकाओं के कारण होता है। मायलोमा बोन मैरो में पाई जाने वाली कोशिकाओं का एक ब्लड कैंसर है। डॉ उमेश प्रसाद की पहचान रांची के प्रख्यात चिकित्सकों में थी। कोरोना महामारी के बीच वह लगातार रिम्स में सेवा देते रहे। लालू प्रसाद यादव के रांची जेल से रिम्स में भर्ती होने के बाद डॉ उमेश प्रसाद लगातार उनका इलाज करते रहे। कोविड के मामले बढ़ने के बावजूद उन्होंने लालू प्रसाद को बीमारी से सुरक्षित रखा।
डॉ उमेश प्रसाद का अंतिम संस्कार रांची स्थित हरमू घाट में किया गया। इस बीच कई डॉक्टर और रिश्तेदार पहुंचे थे। डॉ प्रसाद के बहनोई डॉ राजेश गुप्ता ने बताया अभी उनके पुत्र की शादी की बात चल ही रही थी और उम्मीद जताई जा रही थी कि उनके रहते हैं पुत्र की शादी कर दी जाए लेकिन अचानक इस हादसे के बाद पूरा परिवार स्तंभ है। मालूम हो कि उमेश प्रसाद का जन्म बिहार के बक्सर जिले में हुआ था। अपने पैतृक आवास बक्सर से उनका पूरा परिवार कई वर्षों पहले ही रांची शिफ्ट हो गए थे। अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। परिवार में उनके दो पुत्र अभी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर नौकरी कर रहे हैं।
लालू को एम्स भेजने की दी थी सलाहलालू प्रसाद यादव की तबीयत की लगातार निगरानी करते हुए डॉ उमेश प्रसाद समय समय पर उन्हें जरूरी सलाह देते रहे। लालू यादव की सेहत में सुधार नहीं होने पर उन्होंने उन्हें एम्स भेजने की सलाह दी। लालू यादव को गंभीर निमोनिया हो गया था। डॉ उमेश प्रसाद समय रहते स्थिति को समझ गए। उनकी सलाह पर रिम्स में मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया। बोर्ड ने डॉ उमेश प्रसाद की राय से सहमति जताई।
रिम्स में शोक की लहरडॉ उमेश प्रसाद के निधन के बाद रिम्स में शोक की लहर फैल गई है। सीनियर चिकित्सकों से लेकर जूनियर चिकित्सक तक घटना पर दुख व्यक्त कर रहे हैं। स्वास्थ्य कर्मचारियों ने भी अपनी तरफ से शोक जताया है। रिम्स के निदेशक डा कामेश्वर प्रसाद ने कहा कि हमने एक अनुभवी चिकित्सक खो दिया। अस्पताल में उनकी कमी हमेशा रहेगी। वह अच्छे चिकित्सक होने के साथ अच्छे दिल वाले इंसान थे। लोगों को बेहतर इलाज देने का अपना फर्ज समझते थे।
एक माह पहले मिली थी नई जिम्मेदारीडॉ उमेश प्रसाद को एक महीना पूर्व मेडिसिन विभाग का एचओडी बनाया गया था। विभाग के एचओडी डॉ जेके मित्रा के सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई थी। इससे पहले भी डॉ उमेश मेडिसिन विभाग के यूनिट इंचार्ज थे।डॉ डीके झा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि उमेश प्रसाद की जितनी तारीफ की जाए वह कम है। सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन अचानक जब पता चला कि उन्हें कैंसर है उसके बाद उनकी तबीयत धीरे धीरे लगातार खराबी होती गई।
मेडिसिन विभाग के सभी डॉक्टरों ने उमेश प्रसाद बेहतर चिकित्सा को लेकर काफी प्रयास किया लेकिन जिस स्थिति में कैंसर पहुंच चुका था।उसमें काफी देर हो चुकी थी। डॉक्टरों का मोरल सपोर्ट हमेशा डॉक्टर उमेश प्रसाद के साथ रहा। यही कारण है उनकी तबीयत खराब रहने के बावजूद डॉ उमेश प्रसाद को मेडिसिन विभाग के एचओडी बनाया गया। उनके साथ काम करने वाले डॉक्टर उनके साथ गुजारे हुए पल को याद कर भावुक हो गए।
हीमोफीलिया सोसायटी ने डॉक्टर उमेश प्रसाद के निधन पर गहरा दुख जताया है। हीमोफीलिया सोसायटी के संतोष जयसवाल ने बताया कि रिम्स के मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ उमेश प्रसाद का अहले सुबह निधन हो गया। आज हमे बहुत दुख हो रहा है, हमारे बीच एक योग्य कर्मठ डा जो हीमोफीलिया पीड़ितों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे उनकी कमी हमेशा खलेगी। स्वास्थ्य के क्षेत्र की बहुत बड़ी हानि हुई है इसकी भरपाई मुश्किल है, ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति दे।
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