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Water Crisis News: सूखने की कगार पर ये नदी, 5 पंचायतों के सामने आएगा पानी का संकट; सिर्फ 15 दिनों में एक बार मिलेगा जल

अगले 15 दिनों में खलारी प्रखंड की पांच पंचायतों में पानी की भारी कमी हो जाएगी और यह स्थिति सपही नदी के सूखने के कारण बनी है। नदी की जलधारा 5.5 एमएलडी क्षमता के फिल्टर प्लाट को पानी देने में अक्षम है। बता दें कि प्रखंड के बुकबुका स्थित पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के 55 लाख लीटर प्रति दिन क्षमता के फिल्टर प्लाट सह जलमीनार से पानी भेजा जाता है।

By Dhirendra Prasad Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Sun, 14 Apr 2024 08:53 PM (IST)
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सपही नदी में बना संप और पतली हुई नदी की जलधारा
संवाद सूत्र, खलारी। खलारी प्रखंड की पांच पंचायतों में अगले 15 दिनों बाद पानी की भारी किल्लत हो जाएगी। यह स्थिति सपही नदी के सूखने से उत्पन्न हुई है। नदी की जलधारा की अब यह स्थिति नहीं रह गई है कि वह 5.5 एमएलडी क्षमता के फिल्टर प्लॉट को पानी दे सके।

प्रखंड के बुकबुका स्थित पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के 55 लाख लीटर प्रति दिन क्षमता के फिल्टर प्लॉट सह जलमीनार से प्रखंड की पांच पंचायतों के लगभग 50 हजार आबादी को पानी सप्लाई किया जाता है।

सपही नदी से ऐसे आता है पानी

इस फिल्टर प्लॉट को चूरी दक्षिणी पंचायत के करंजतोरा स्थित सपही नदी से पानी मिलता है। सपही नदी में ही बनाए गए संप के मोटर पंप के माध्यम से पानी प्लांट तक लाया जाता है। नदी की धारा से जानसन पाइप के माध्यम से संप में पानी लाया जाता है।

वर्तमान स्थिति यह है कि सपही नदी के उपर बहने वाली जलधारा लगभग सूख चुकी है। नदी की रेत हटाने से भी बड़ी मुश्किल से पानी जमा हो पाता है। प्लांट को जितने पानी की आवश्यकता है, उसका दस फीसद पानी भी अभी नहीं मिल पा रहा है।

मुश्किल से चार घंटे चल पा रहा है संप का मोटर

फिल्टर प्लांट को पानी देने वाला मोटर 24 घंटे में चार घंटे ही चल पा रहा है। संप का मोटर चलाने वाले कर्मी ने बताया कि नदी से पानी खींचने के लिए जो जानसन पाइप लगा है वह आधे घंटे मे ही पानी की सतह से बाहर निकल आता है।

इसके बाद पानी मिलना बंद हो जाता है। बताया कि प्रतिदिन 7-8 घंटे संप मोटर चलेगा तभी पर्याप्त पानी मिल पाएगा। हाल यही रहा तो अगले 15 दिनों में पानी का हाहाकार हो जाएगा।

पुरनी राय फिल्टर प्लांट भी इसी सपही पर होगा निर्भर

प्रखंड के पुरनी राय में निर्माणाधीन फिल्टर प्लांट भी इसी सपही नदी पर आश्रित होगी। सपही नदी अपना अस्तित्व बचाने में लगी है। वहीं दो दो फिल्टर प्लांट का बोझ संभाल पाएगी या नहीं, कहना मुश्किल होगा। ऐसे में दोनो ही प्रोजेक्ट को पर्याप्त पानी कभी नहीं मिल पाएगा।

सपही में चेक डैम बनाना ही उपाय

खलारी की पांच पंचायतों के लिए करोड़ों खर्च कर बनाए गए इस वाटर फिल्टर प्रोजेक्ट के प्लानिंग में ही त्रुटि रह गई है। पानी प्रतिदिन चाहिए। वहीं, प्रोजेक्ट उस सपही नदी पर निर्भर है, जो प्रत्येक वर्ष पूरी तरह सूख जाती है। गर्मी बढ़ते ही नदी की आंतरिक जलधारा भी सूखने लगती है। प्लांट की क्षमता 55 लाख लीटर पानी प्रतिदिन की है।

ऐसे में कभी लोगों को नियमित पानी नहीं मिल पाएगा। जानकार बताते हैं कि जिस जगह पर नदी में संप बनाया गया है, वहां चेकडैम बना दिया जाए तो संप के लिए पानी की कभी कमी नहीं होगी।

संयोग से इस जगह नदी की चौड़ाई भी अपेक्षाकृत कम है। जिससे चेकडैम का लागत भी कम आएगी। प्लांट के इनपुट वाटर पर गंभीरता से विचार कर पहल नहीं की गई, तो यह प्रोजेक्ट सार्थक नहीं हो पाएगा।

अधर में रह गया चूना पत्थर खदान से पानी आपूर्ति का प्रस्ताव

डीएमएफटी योजनाओं को लेकर खलारी आए उप विकास आयुक्त को जब सपही नदी की स्थिति से अवगत कराया गया, तो उन्होंने वैकल्पिक उपाय के रूप में बुकबुका स्थित बंद चूना पत्थर खदान के जलाशय से फिल्टर प्लांट को पानी आपूर्ति कराने पर अपनी सहमति दी थी। परंतु इस प्रस्ताव पर आगे कोई पहल नहीं किया गया और यह योजना भी अधर में रह गई।

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