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रांची की शान पहाड़ी मंदिर के अस्तित्‍व पर संकट, धंस रही है मिट्टी, दरक रहीं सीढ़ियां, जानें कौन है जिम्‍मेदार

रांची में स्थित ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर की मिट्टी लगातार धंसती जा रही है। दसकी दीवारों पर दरारें आ गई हैं। सीढ़ियां दरक रही हैं। प्लास्टर उखड़ रहे हैं। इसके लिए कोई प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि इंसान जिम्‍मेदार हैं।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Tue, 10 Jan 2023 12:46 PM (IST)
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निर्माण कार्यों के लिए धंंस रहा पहाड़ी बाबा का मुख्‍य मंदिर

जागरण संवाददाता, रांची। राजधानी की ऐतिहासिक प्रसिद्ध पहाड़ी मंदिर की पहाड़ी अनियोजित निर्माण कार्य का बोझ उठा नहीं पा रही है। पहाड़ जगह-जगह से दरक रहा है। यहां की मिट्टी धंस रही है, जिसे आने वाले खतरे का संकेत कहा जा सकता है। मुख्य पहाड़ी मंदिर के नीचे की मिट्टी भी धंस गई है, जिससे दीवार की दरार दिन-प्रतिदिन चौड़ी हो रही है। मंदिर की सीढ़ियां भी दरक-दरक कर टूटने के कगार पर पहुंच चुकी हैं। कई जगह प्लास्टर उखड़ रहे हैं। दरार न बढ़े इसको लेकर कई बार कॉन्‍क्रीट से पाटा गया, लेकिन यह जुगाड़ काम नहीं आ रहा है। एक जगह कंक्रीट भरी जाती है तो दूसरी जगह की दीवार दरक जाती है।

पहाड़ी के धंंसान के लिए निर्माण कार्य जिम्‍मेदार

पहाड़ी मंदिर की यह स्थिति भूकंप या फिर प्राकृतिक आपदा से अचानक नहीं उत्पन्न हो गई है। पिछले 10 सालों से पहाड़ी मंदिर पर तोड़फोड़ व निर्माण कार्य के कारण पहाड़ी में धसान आ गया है। इस कारण पहाड़ी मंदिर के अस्तित्व पर ही संकट आ गया है। समय रहते अगर जिला प्रशासन ने पहल नहीं की और पहाड़ी का धंसान नहीं रोका गया, तो पहाड़ी को बचाना मुश्किल हो जाएगा।

सीढ़ियों के बीच सालों से खड़ा है पिलर

नये निर्माण के तहत पहाड़ी मंदिर तक पहुंचने के लिए बनी सीढ़ी के बीच पिलर खड़ा किया गया। यह पिलर अब गिरने के कगार पर है, लेकिन पिछले चार सालों से निर्माण कार्य एक इंच भी नहीं बढ़ा है।

सौंदर्यीकरण के नाम पर पहाड़ी की सेहत से होता रहा खिलवाड़

पहाड़ी मंदिर के सौंदर्यीकरण के नाम पर पिछले 10 सालों में करोड़ों रुपये खर्च हुए। मिट्टी विशाल कॉन्‍क्रीट का भार उठा पाएगी कि नहीं, इसका आकलन नहीं किया गया। 2016 में मुख्य मंदिर के ठीक नीचे बने यात्री शेड को तोड़ दिया गया। इससे मुख्य मंदिर की नींव कमजोर हो गई। दीवार के नीचे की मिट्टी बह रही है। इसके बाद नये निर्माण के लिए जगह-जगह पिलर खड़े किए गए। सौंदर्यीकरण तो हुआ नहीं, उल्टे पहाड़ी की सूरत बिगड़ती चली गई।

धंसता जा रहा मुख्य मंदिर

पहाड़ी बाबा के मुख्य मंदिर के नीचे निर्माण कार्य के लिए खुदाई की गई है, लेकिन पांच सालों के बाद भी वहां निर्माण नहीं हो सका है। गड्ढे में पानी भर जाता है। इससे पहाड़ी मंदिर की दीवार धंस रही है।

गायब हो रही हरियाली, उखड़ रहे बड़े-बड़े पेड़

मिट्टी धंसने के कारण पहाड़ी की हरियाली गायब हो रही है। पेड़ों की जड़ें कमजोर हो गई हैं। हल्की आंधी में भी बड़े पेड़ उखड़ जाते हैं। मंदिर में हरियाली के बजाय जहां-तहां कांक्रीट ही दिख रहा है।

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