Jharkhand News: रांची में टैगोर के वंशज की भूमि हड़पने की थी तैयारी? ED की चार्जशीट में कई चौंकाने वाले खुलासे
जमीन घोटाले की जांच कर रही ईडी ने हेमंत सोरेन और अन्य पर दाखिल चार्जशीट में चौंकाने वाला खुलासा किया है। ईडी ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के ठिकाने से भारी मात्रा में जमीन के कागजात मिले थे। समीक्षा में ही ईडी को हिमेंद्र नाथ टैगोर और हिमेंद्र के बेटे से संबंधित जमीन के दस्तावेज भी मिले हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची। जमीन घोटाला प्रकरण में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बड़गाईं अंचल के पूर्व राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद व अन्य पर दाखिल चार्जशीट में चौंकाने वाला खुलासा किया है।
ईडी की विशेष अदालत में दाखिल चार्जशीट में ईडी ने बताया है कि बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के ठिकाने से भारी मात्रा में दस्तावेज की बरामदगी हुई थी, जिसकी समीक्षा की गई।
समीक्षा के क्रम में ही ईडी को कवि गुरु रविंद्र नाथ टैगोर के निकट संबंधी हिमेंद्र नाथ टैगोर, हिमेंद्र के बेटे से संबंधित जमीन के दस्तावेज भी मिले हैं। ईडी को उक्त जमीन के कागजात में भी हेराफेरी के भी सबूत मिले हैं, जिसकी जांच चल रही है।
टैगोर की यह जमीन बड़गाईं मौजा के खाता नंबर 256 में है, जो गैरमजरूआ भूमि है। उक्त जमीन कुल 3.81 एकड़ है। ईडी को छापेमारी में उक्त जमीन के म्यूटेशन से संबंधित नंबर 1523/2021-22 के दस्तावेज भी मिले थे।
इसके अलावा, चिल्ड्रेन एजुकेशन ट्रस्ट ऑफ इंडिया से संबंधित 4.90 एकड़ जमीन, जिसका आरएस प्लाट नंबर 1278 व एमएस प्लाट नंबर 482 है। वहीं, मोरहाबादी मौजा की 4.85 एकड़ जमीन जो प्लाट नंबर 495 है, से संबंधित दस्तावेज व कोलकाता में पंजीकृत सेल डीड भी ईडी को मिले हैं।
छवि रंजन के निर्देश पर टैगोर की जमीन को कराया प्रतिबंधित सूची से बाहर
ईडी ने 16 फरवरी 2024 को बड़गाईं अंचल के पूर्व राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद का बयान लिया था। भानु ने टैगोर की जमीन से संबंधित खाता नंबर 256 के प्लाट के बारे में विस्तार से जानकारी दी थी। बताया था कि उक्त खाता संख्या पर प्लाट नंबर 891, 893 व 903 हैं, जो बड़गाईं मौजा में आते हैं।
तीनों ही प्लाट का कुल रकबा 3.81 एकड़ है, जिसकी प्रकृति आरएस खतियान में गैरमजरूआ मालिक भूमि है, जो प्रतिबंधित सूची में आती थी। एक व्यक्ति कालीराम सिंह के बेटे लखन सिंह ने उक्त जमीन की प्रकृति को प्रतिबंधित सूची मुक्त कराने के लिए प्रयास शुरू किया था। लखन सिंह ने प्रकृति बदलवाने के लिए कोलकाता का एक डीड भी सौंपा।इसके लिए रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन व बड़गाईं के तत्कालीन अंचलाधिकारी के निर्देश पर भानु प्रताप प्रसाद व अंचल निरीक्षक वीरेंद्र साहू ने कोलकाता रजिस्ट्री कार्यालय का दौरा किया और अपनी रिपोर्ट देकर उक्त जमीन को प्रतिबंधित सूची से बाहर करवा दिया था।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।