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कोल लिंकेज घोटाले में इजहार अंसारी समेत तीन के खिलाफ ED ने दाखिल की चार्जशीट, कोयले से अवैध तरीके से 71 करोड़ कमाने की पुष्टि

कोल लिंकेज घोटाले से प्राप्त राशि का मनी लांड्रिंग करने के आरोप में जेल में बंद हजारीबाग के चर्चित कोयला कारोबारी इजहार अंसारी उर्फ टुन्नू मल्लिक समेत तीन पर ईडी ने जांच पूरी करते हुए पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में शुक्रवार को चार्जशीट दाखिल कर दी है। इससे जेल में बंद आरोपितों के साथ चार्जशीटेड आरोपित की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं।

By Dilip Kumar Edited By: Prateek Jain Updated: Sat, 16 Mar 2024 06:00 AM (IST)
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कोल लिंकेज घोटाले में इजहार अंसारी समेत तीन के खिलाफ ED ने दाखिल की चार्जशीट।

राज्य ब्यूरो, रांची। कोल लिंकेज घोटाले से प्राप्त राशि का मनी लांड्रिंग करने के आरोप में जेल में बंद हजारीबाग के चर्चित कोयला कारोबारी इजहार अंसारी उर्फ टुन्नू मल्लिक समेत तीन पर ईडी ने जांच पूरी करते हुए पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में शुक्रवार को चार्जशीट दाखिल कर दी है।

इससे जेल में बंद आरोपितों के साथ चार्जशीटेड आरोपित की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। दाखिल चार्जशीट में इजहार अंसारी के साथ मेसर्स ओम कोक इंडस्ट्रीज के साझेदार इश्तियाक अहमद एवं राजहंस इस्पात प्राइवेट लिमिटेड का नाम शामिल है।

ईडी ने इजहार अंसारी को 16 जनवरी को गिरफ्तार किया था। उस पर महज पांच वर्ष में जेएसएमडीसी से सब्सिडी पर आवंटित 86 हजार 568 टन कोयले को बाहर की मंडी में अवैध तरीके से बेचकर 71 करोड़ 32 लाख 28 हजार 759 रुपये की अवैध कमाई के आरोपों की पुष्टि हुई है। ईडी ने चार्जशीट में इसे अपराध की आय से अर्जित संपत्ति बताया है।

रामगढ़ के मांडू थाने में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने दर्ज की थी ईसीआइआर

रामगढ़ के मांडू थाने में 20 जनवरी 2019 को ट्रक चालक सैय्यद सलमानी के विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ही ईडी ने 12 दिसंबर 2023 को ईसीआइआर दर्ज की थी। झारखंड पुलिस ने जिस ट्रक को पकड़ा था, उसके मालिक इजहार अंसारी उर्फ टुन्नू मल्लिक थे, जो हजारीबाग के पेलावल रोड में यूबीआइ के समीप मिल्लत कालोनी में रहते थे।

उक्त ट्रक पर 19 टन कोयला लदा था, जो टोपा कोलियरी से बनारस की कोयला मंडी में ले जाया जा रहा था। पुलिस को ट्रक चालक के पास से मिले चालान के अनुसार कोयला को रामगढ़ के सांडी भरेचनगर स्थित मेसर्स ओम कोक इंडस्ट्रीज में जाना था, लेकिन इजहार के आदेश पर वह ट्रक बनारस जा रहा था।

चालान पर सीसीएल का मोनोग्राम भी था। मेसर्स ओम कोक इंडस्ट्रीज इश्तेयाक अहमद व मंजूर हसन का पार्टनरशिप फर्म है। ट्रक चालक ने पुलिस को पूछताछ में बताया था कि उसके ट्रक के पीछे दूसरे वाहन पर कोयला कारोबारी संजू साव, दीपक साव, मोहम्मद असलम व रिजवान भी थे, जो पुलिस को देखकर भाग निकले।

इस मामले में पुलिस ने 30 जुलाई 2020 को चार्जशीट की थी। बाद में यह खुलासा हुआ कि कोयला जो मेसर्स ओम कोक इंडस्ट्रीज ने मेसर्स सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड से खरीदा था, वह गलत तरीके से ट्रक मालिक इजहार अंसारी के माध्यम से अवैध तरीके से बनारस भेजा जा रहा था।

ट्रक मालिक इजहार अंसारी मेसर्स ओम कोक इंडस्ट्रीज के पार्टनर इश्तेयाक अहमद का संबंधी है। उक्त कंपनी ने सीसीएल का भी विश्वास तोड़ा। इसी केस के आधार पर ईडी ने ईसीआइआर किया था।

ईडी को अनुसंधान में जो मिली जानकारी

ईडी को अनुसंधान में पता चला कि मोहम्मद इजहार अंसारी ने कोयला लिंकेज नीति का दुरुपयोग किया है, जिसके तहत कैप्टिव खपत के लिए छोटे और मध्यम उद्यम (एसएमई) को सब्सिडी वाला कोयला आवंटित किया जाता था। इजहार अंसारी की 13 ऐसी एसएमई फर्मों को 71.32 करोड़ रुपये के बाजार मूल्य वाला लगभग 86568 टन कोयला आवंटित किया गया था।

हालांकि, इसका उपयोग करने के बजाय इजहार अंसारी ने कोयले को खुले बाजार में बेच दिया था। आगे की जांच से पता चला कि ये 13 फर्म, संस्थाएं गैर-परिचालन, शेल इकाइयां पाई गई हैं। इससे पहले, इजहार अंसारी से जुड़े परिसरों पर तीन मार्च 2023 को की गई तलाशी के दौरान 3.58 करोड़ रुपये की अपराध आय पाई गई और कई आपत्तिजनक डिजिटल और दस्तावेजी सबूतों के साथ जब्त की गई थी।

ईडी की जांच से यह भी पता चला है कि आरोपित व्यक्ति ने वाराणसी और धनबाद की खुली कोयला मंडी में उच्च कीमत पर ऐसे रियायत दर वाले कोयले को बेचकर अपराध की बड़ी आय अर्जित की है और अपराध की आय को अचल संपत्तियों में भी निवेश किया है।

जांच से संकेत मिला कि ऐसे सब्सिडी वाले कोयला आवंटन के बदले इजहार अंसारी ने कुछ लोक सेवकों को रिश्वत व कमीशन देता था।

कई कंपनियां जैसे राजहंस इस्पात प्राइवेट लिमिटेड, कहकशा इंटरप्राइजेज, ओकाशा कोक इंडस्ट्रीज, ओला कोक इंडस्ट्रीज, मेसर्स अकार फ्यूल्स, मेसर्स फलक फ्यूल्स, मेसर्स एसएन कोल ब्रिक्वेट व मेसर्स एनए उद्योग को पिछले दो-तीन वर्षों से निष्क्रिय पाया गया है। ईडी को पूर्व में की गई छापेमारी में वहां के स्टाक रजिस्टर में फेरबदल का खुलासा भी हो चुका है।

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