Ranchi News: आपने जो कृत्य किया है, वह... कैबिनेट सचिव वंदना दादेल का वह पत्र जिसपर भड़की ED, दे डाली यह सख्त चेतावनी
ईडी ने झारखंड सरकार की कैबिनेट सचिव वंदना दादेल के उस पत्र पर कड़ी आपत्ति जताई है जिसमें उन्होंने राज्य के अधिकारियों-कर्मियों को समन नहीं करने दस्तावेज नहीं मांगने का निर्देश दिया था। ईडी ने कैबिनेट सचिव वंदना दादेल को सचेत भी किया है कि उन्होंने जो कृत्य किया है वह गैरकानूनी और अनुसंधान को प्रभावित करने की कोशिश है।
राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य के अधिकारियों-कर्मियों को समन नहीं करने, दस्तावेज नहीं मांगने और केस का पूरा ब्योरा देने संबंधित झारखंड सरकार की कैबिनेट सचिव वंदना दादेल के पत्र पर ईडी ने कड़ी आपत्ति जताई है। ईडी ने कैबिनेट सचिव वंदना दादेल को सचेत भी किया है कि उन्होंने जो कृत्य किया है, वह गैरकानूनी और अनुसंधान को प्रभावित करने की कोशिश है।
पीएमएल अधिनियम में इसके विरुद्ध मुकदमा चलाने व कार्रवाई करने की भी शक्तियां अनुसंधानकर्ता को मिली हुई है। ईडी के अनुसंधानकर्ता ने कैबिनेट सचिव वंदना दादेल को पीएमएल अधिनियम की शक्तियों से अवगत कराया है।
ईडी ने लिखा है कि राज्य सरकार का कोई आदेश-निर्देश पीएमएल अधिनियम के अनुसंधानकर्ता पर लागू नहीं होता है। ईडी के अनुसंधानकर्ता को समन करने और दस्तावेज मांगने का अधिकार है।
अनुसंधान में हस्तक्षेप करने वाला व उसे प्रभावित करने वाला भी उतना ही दोषी माना जाएगा, जितना की आरोपित। ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध पीएमएल अधिनियम में मुकदमा चलाने का अधिकार है। ईडी ने वंदना दादेल को उस व्यक्ति के नाम से अवगत कराने को कहा है कि जिसके निर्देश पर उन्होंने पत्र जारी किया था।
अनुसंधानकर्ता व साहिबगंज DC को भेजा गया पत्र गैरकानूनी
ईडी ने लिखा है कि उनके माध्यम से अनुसंधानकर्ता व साहिबगंज के डीसी को भेजा गया अवांछित निर्देश यह साबित करता है कि उन्होंने जानबूझकर एक संवेदनशील मामले में चल रहे अनुसंधान को प्रभावित करने का प्रयास किया है। यह पीएमएल अधिनियम में निहित प्रविधानों का उल्लंघन है।याद रहे कि इस अवैध हस्तक्षेप के लिए भी कानून में दंड का प्रविधान है। यदि इस तरह का कोई भी प्रयास अनुसंधान को प्रभावित करने के लिए किया जाता है तो अनुसंधानकर्ता उस व्यक्ति के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगा। यह आपराधिक प्रयास है, जिसकी कानून इजाजत नहीं देता है। इसके लिए लोकसेवक को नौकरी से भी हाथ धोना पड़ेगा और वह साजिश रचने का दोषी माना जाएगा।
ईडी ने कैबिनेट सचिव को भेजे गए पत्र में बताया है कि वैभव कुमार, मोहम्मद नौशाद आलम, राजा मित्रा, रामनिवास यादव व अवधेश कुमार को ईडी ने समन किया था।वंदना दादेल को व्यक्तिगत रूप से समन नहीं किया गया है। जांच एजेंसी यह समझ में नहीं पा रही है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप क्यों कर रही हैं।
पीएमएल अधिनियम की सेक्शन 50 (2) व सेक्शन 50 (तीन) यह अधिकार नहीं देता है कि जिसको समन नहीं किया गया है, वह इसमें हस्तक्षेप करे।इस केस का अनुसंधान पदाधिकारी कानूनी रूप से कोई भी सूचना शेयर करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। आप सूचना मांगने के लिए अधिकृत नहीं हैं।इस परिदृश्य में आपसे आग्रह है कि आप बताएं कि कौन से कानून व अधिकार के तहत तथा पीएलए अधिनियम के किस सेक्शन के तहत ईडी में चल रहे अनुसंधान के संबंध में जानकारी मांगना चाह रही हैं और इस केस में हस्तक्षेप कर रही हैं।
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