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आलमगीर को लेकर कोर्ट में ED का बड़ा खुलासा, टेंडर राशि का इतना प्रतिशत अपनी जेब में रखते थे मंत्री

Alamgir Alam टेंडर कमीशन घोटाले में पूछताछ के लिए ईडी ने झारखंड सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को छह दिनों की रिमांड पर लिया है। ईडी ने कोर्ट को बताया कि ग्रामीण विकास विभाग के प्रत्येक टेंडर में आलमगीर आलम टेंडर राशि का 1.5 प्रतिशत वसूलते थे। कमीशन की राशि विभाग के सहायक अभियंता मंत्री तक पहुंचाते थे।

By Dilip Kumar Edited By: Arijita Sen Published: Thu, 16 May 2024 01:35 PM (IST)Updated: Thu, 16 May 2024 01:35 PM (IST)
ईडी की रिमांड पर लिए गए ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम।

राज्य ब्यूरो, रांची। टेंडर कमीशन घोटाले में गिरफ्तार राज्य के संसदीय कार्य मंत्री सह ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम को ईडी ने गुरुवार को रांची स्थित पीएमएलए की विशेष अदालत में प्रस्तुत किया।

ईडी ने आलमगीर आलम को दस दिनों तक ईडी की रिमांड पर लेने का आग्रह कोर्ट से किया। कोर्ट ने रिमांड आवेदन पर सुनवाई के बाद ईडी को मंत्री आलमगीर आलम से छह दिनों तक पूछताछ की अनुमति दी।

टेंडर राशि का 1.5 प्रतिशत वसूलते थे आलमगीर: ईडी

फिलहाल मंत्री आलमगीर आलम को कोर्ट के आदेश पर न्यायिक हिरासत में रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में भेज दिया गया है। ईडी उन्हें शुक्रवार से छह दिनों की रिमांड पर लेगी।

ईडी ने कोर्ट को बताया कि ग्रामीण विकास विभाग के प्रत्येक टेंडर में आलमगीर आलम टेंडर राशि का 1.5 प्रतिशत वसूलते थे। कमीशन की राशि विभाग के सहायक अभियंता मंत्री तक पहुंचाते थे।

सितंबर 2022 में एक सहायक अभियंता ने मंत्री आलमगीर आलम को कमीशन के तीन करोड़ रुपये पहुंचाए थे। पूर्व में गिरफ्तार विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम ने भी अपने बयान में इसका खुलासा किया था।

छह-सात मई को हुई छापामारी में करोड़ों रुपये बरामद

अनुसंधान के क्रम में ही ईडी ने पिछले दिनों मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल व अन्य सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी।

छह मई व सात मई को हुई छापेमारी में ईडी ने कुल 37.5 करोड़ रुपये की बरामदगी की थी। इनमें 32.2 करोड़ रुपये जहांगीर आलम के ठिकाने से मिले थे जो मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव कुमार लाल का नौकर है।

उक्त राशि संजीव लाल के कहने पर ही उनके नौकर जहांगीर आलम ने विभिन्न अधिकारियों से वसूले थे। उक्त ठिकाने से सरकारी दस्तावेज भी मिले थे। संजीव लाल उस ठिकाने का उपयोग भी करते थे। बरामद राशि मंत्री आलमगीर आलम से भी संबंधित थे।

मंत्री आलमगीर आलम के रुपयों की देखभाल करते थे संजीव लाल

ईडी ने कोर्ट को बताया कि निजी सचिव संजीव लाल मंत्री आलमगीर आलम के कमीशन के रुपयों की देखभाल भी करते थे। इसी उद्देश्य से उन्होंने 32.2 करोड़ रुपये अपने नौकर जहांगीर आलम के हरमू रोड स्थित सर सैय्यद अपार्टमेंट में रखा था।

ईडी ने कोर्ट को बताया है कि इस पूरे प्रकरण में अनुसंधान जारी है। अनुसंधान में मिले तथ्यों के सत्यापन के लिए मंत्री आलमगीर आलम से पूछताछ की जरूरत है। इसी को आधार बनाकर ईडी ने दस दिनों तक रिमांड पर पूछताछ की अनुमति मांगी थी, जिसपर ईडी को केवल छह दिनों तक पूछताछ की अनुमति मिली है।

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