'...तो बताएं जेल से कैसे दी गई संपादक को धमकी?' ईडी के सवाल पर जेलर प्रमोद ने कहा- 'पता नहीं योगेंद्र तिवारी को कैसे मिला नंबर'
बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार से एक प्रतिष्ठित अखबार के संपादक को धमकी दी गई। इसी मामले में पूछताछ के लिए जेलर प्रमोद कुमार में बीते मंगलवार को ईडी कार्यालय में तलब किया गया। संपादक को शराब घोटाले में बंद योगेंद्र तिवारी के नाम पर धमकी दी गई थी। जेलर प्रमोद ने कहा कि बंदियों की फोन पर बात कराने की जिम्मेदारी जेल कर्मियों पर रहती है।
राज्य ब्यूरो, रांची। होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के जेलर प्रमोद कुमार ने ईडी को पूछताछ में बताया कि उनके अधीनस्थ कर्मियों के जिम्मे बंदियों को फोन पर बात कराने की जिम्मेदारी रहती है। शराब घोटाले में बंद योगेंद्र तिवारी को संपादक का नंबर किसने उपलब्ध कराया, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। उन्होंने फोन पर बातचीत कराने वाले जेलकर्मियों को शो-काॅज किया है। इस पूरे प्रकरण की वे स्वयं जांच भी करवा रहे हैं।
जेल में टेलीफोन बूथ से कराई जाती है बंदियों की बात
ईडी ने जेलर प्रमोद कुमार को एक प्रमुख अखबार के संपादक को जेल से धमकी दिए जाने के मामले में पूछताछ के लिए समन किया था। उक्त धमकी शराब घोटाले में जेल में बंद योगेंद्र तिवारी के नाम पर दी गई थी।ईडी के समन पर ही मंगलवार की सुबह 11 बजे ही जेलर प्रमोद कुमार पहुंच गए थे। ईडी के सवाल पर जेलर ने कहा कि बंदियों को उनके स्वजन से बात कराने के लिए जेल में टेलीफोन बूथ है।
योगेंद्र को नहीं दी जा रही कोई अलग से सुविधा: जेलर
बंदी ने जो नंबर उपलब्ध कराया, उसपर अधीनस्थ कर्मचारी ने उसकी बात करवाई। योगेंद्र तिवारी को नंबर कैसे मिला, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।ईडी ने योगेंद्र तिवारी के बारे में भी सवाल पूछा कि उन्हें जेल में क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही है। इस पर जेलर ने बताया कि जेल मैनुअल के अनुसार जो अन्य बंदियों को जो सुविधाएं दी जाती है, वही योगेंद्र तिवारी को भी दी जा रही है। उसे किसी भी तरह की अतिरिक्त सुविधा नहीं दी जा रही है।
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