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Ranchi Land Scam: ED का व्यवसायी विष्णु अग्रवाल के खिलाफ एक्शन! नोटिस जारी कर जमीन खाली करने का दिया आदेश

ईडी ने व्यवसायी विष्णु अग्रवाल को नामकुम अंचल स्थित पुगड़ू मौजा की 9.5 एकड़ जमीन को दस दिनों के भीतर खाली कर नोटिस जारी किया है। ईडी ने इस जमीन को जब्त किया था और इस जब्ती पर निर्णायक प्राधिकार (एडजुकेटिंग अथारिटी) से भी सहमति मिल चुकी है। बता दें कि ईडी जमीन घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत इस मामले की जांच कर रही है।

By Dilip Kumar Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Tue, 25 Jun 2024 08:01 PM (IST)
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ईडी ने व्यवसायी विष्णु अग्रवाल को जमीन खाली करने को लेकर नोटिस किया जारी (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची। जमीन घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने व्यवसायी विष्णु अग्रवाल को नोटिस जारी किया है।

ईडी ने नोटिस के माध्यम से विष्णु अग्रवाल से कहा है कि वे नामकुम अंचल स्थित पुगड़ू मौजा की 9.5 एकड़ जमीन को दस दिनों के भीतर खाली कर दें। ईडी ने उक्त जमीन को जब्त किया था।

ईडी करेगी जमीन पर कब्जा

ईडी की उक्त जब्ती पर निर्णायक प्राधिकार (एडजुकेटिंग अथॉरिटी) की भी सहमति मिल चुकी है। अब ईडी उक्त जमीन पर कब्जा करेगी। ईडी ने एक सितंबर 2023 को व्यवसायी विष्णु अग्रवाल की तीन बड़ी अचल संपत्ति को जब्त की थी, जिसकी कीमत 161.64 करोड़ रुपये आंकी गई थी।

इन तीनों अचल संपत्तियों में चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन, नामकुम के पुगड़ू मौजा की 9.5 एकड़ जमीन व सिरमटोली स्थित सेना की 5.83 एकड़ जमीन शामिल थीं। उक्त तीनों ही जमीन का म्यूटेशन राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से जमीन माफिया के नाम पर हुआ था।

सरकार ने किया था एसआइटी का गठन

विष्णु अग्रवाल ने नामकुम के पुगड़ू मौजा की 9.5 एकड़ जमीन भी अफसरों की मिलीभगत से खरीदी थी। जमीन के मामले में विवाद होने पर सरकार ने एसआइटी का गठन किया था। एसआइटी जांच के दौरान कनीय अधिकारियों ने पाया कि उक्त जमीन खासमहल की है।

इसके बावजूद तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन ने अंचलाधिकारी को म्यूटेशन का आदेश दे दिया था। विष्णु अग्रवाल को जाली कागजात पर कीमती जमीन खरीदने में नेताओं व नौकरशाहों के करीबी प्रेम प्रकाश, रांची के तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन व अन्य सरकारी पदाधिकारियों का पूरा साथ मिला था।

ईडी ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इनमें विष्णु अग्रवाल फिलहाल जमानत पर है। वहीं, तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन, प्रेम प्रकाश सहित दर्जनभर से अधिक जमीन दलाल, सरकारी अधिकारी जेल में बंद हैं।

झारखंड व बंगाल में दर्ज कांडों के आधार पर ईडी ने किया था केस

जमीन के मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ कर फर्जी कागजात के आधार पर जमीन की खरीद-बिक्री मामले में झारखंड पुलिस व पश्चिम बंगाल में भारतीय दंड विधि से संबंधित धाराओं में दर्ज कई प्राथमिकियों के आधार पर ईडी ने केस दर्ज कर जांच की थी।

ये प्राथमिकियां प्रदीप बागची, विष्णु कुमार अग्रवाल, भानु प्रताप प्रसाद व अन्य के विरुद्ध दर्ज हुईं थीं। ईडी ने तब खुलासा किया था कि झारखंड में अवैध तरीके से जमीन का मालिकाना हक बदलने के लिए जमीन माफिया का बड़ा रैकेट सक्रिय है।

ये आपराधिक तत्व कोलकाता और रांची में पुश्तैनी दस्तावेज बनाने का काम करते थे। बेईमान सरकारी अफसरों ने उक्त भू-माफिया को लाभ पहुंचाने के लिए भूमि के स्वामित्व दस्तावेज भी फर्जी बनवा दिया था।

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