ED के सामने पप्पू यादव ने कर दिया चौंकानेवाला खुलासा, पुलिस-प्रशासन को लेकर कह दी बड़ी बात; दोबारा हो सकती है पूछताछ
साहिबगंज में हुए 1250 करोड़ रुपये के अवैध खनन घोटाले में मंगलवार को कटोरिया के पूर्व विधायक राजकिशोर यादव उर्फ पप्पू यादव से ईडी ने पूछताछ की। ईडी के ज्यादातर सवाल अवैध पत्थर खनन के काले धन के बंटवारे से जुड़े थे। हालांकि ईडी को इस दौरान संतुष्टिजनक जवाब न मिल पाने के कारण अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि ईडी उन्हें पूछताछ के लिए दोबारा बुलाएगी।
राज्य ब्यूरो, रांची। साहिबगंज में 1250 करोड़ के अवैध पत्थर खनन मामले में ईडी के अधिकारियों ने बिहार के कटोरिया के पूर्व विधायक राजकिशोर यादव उर्फ पप्पू यादव से मंगलवार को दिनभर पूछताछ की। ईडी से पूछे गए ज्यादातर प्रश्न अवैध पत्थर खनन के काले धन के बंटवारे पर आधारित थे।
अवैध वसूली में पुलिस-प्रशासन का भरपूर सहयोग
अवैध पत्थर खनन के पैसे कहां-कहां बंटे, इससे संबंधित प्रश्नों पर पूर्व विधायक पप्पू यादव के दिए गए उत्तर से ईडी के अधिकारी संतुष्ट नहीं हुए हैं। अब संभावना बन रही है कि बहुत जल्द ही पप्पू यादव को ईडी पूछताछ के लिए फिर बुलाएगी।
हालांकि, ईडी को पूछताछ में यह जानकारी मिली है कि अवैध पत्थर खनन मामले में पंकज मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद राजकिशोर यादव उर्फ पप्पू यादव ही अवैध वसूली कर रहे थे। अवैध वसूली में उन्हें स्थानीय पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों का पूरा सहयोग मिलता था।
जो भी वसूली होती थी, वह उन पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों में बंटता था। इससे संबंधित ठोस साक्ष्य भी ईडी को मिले हैं, जिसके आधार पर ईडी ने अपने प्रश्नों से पप्पू यादव को घेरने की कोशिश की गई।
ईडी ने पप्पू से मांगे मुंगेरी यादव के 50 लाख का हिसाब
ईडी ने पप्पू यादव से मुंगेरी यादव के उन 50 लाख रुपयों का भी हिसाब मांगा, जिसे मंडल कारा साहिबगंज में रहते हुए मुंगेरी यादव ने अपने रिश्तेदारों के माध्यम से पटना के एक होटल में भुगतान करवाया था।ईडी को मिले साक्ष्य के अनुसार साहिबगंज के उपायुक्त रामनिवास यादव व पप्पू यादव ने मिलकर मुंगेरी यादव पर दबाव बनाया था और जेल से छूटने में मदद के नाम पर उक्त राशि की मांग की थी।
नहीं देने पर जेल में सड़ाकर मार डालने की धमकी दी थी। इन सभी बिंदुओं पर ईडी के अधिकारियों ने पप्पू यादव से जवाब मांगा था।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।