Tender Commission Scam आलमगीर आलम व उनके पूर्व सचिव मनीष रंजन को कल ईडी ने अपने कार्यालय में आमने-सामने बिठाया और पूछताछ की। दोनों के बीच मोबाइल पर हुई बातचीत तथा वाट्सएप चैट वगैरह दिखाए गए उनका सत्यापन कराया। दोनों में टेंडर कमीशन के बंटवारे तथा कमीशन की राशि के बंटवारे से संबंधित चैट पर ईडी ने देर तक पूछताछ की।
राज्य ब्यूरो, रांची। Tender Commission Scam : राज्य में तीन हजार करोड़ से अधिक के टेंडर कमीशन घोटाले में मंगलवार को ईडी ने ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव मनीष रंजन और मंत्री आलमगीर आलम को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की।
आईएएस अधिकारी मनीष रंजन मंगलवार को ईडी के दूसरे समन पर पूछताछ के लिए उपस्थित हुए थे। ईडी ने सुबह 11 बजे से देर शाम तक उनसे पूछताछ की। हालांकि उनसे पूछताछ पूरी नहीं हुई है। अब उन्हें अगले दिन फिर पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
कमीशन के बंटवारे को लेकर दोनों से हुई पूछताछ
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम 12 दिनों से ईडी की रिमांड पर हैं। उनकी रिमांड अवधि 30 मई को समाप्त होगी।
ईडी ने आलमगीर आलम और मनीष रंजन दोनों को आमने-सामने बैठाकर दोनों के बीच मोबाइल पर हुए वार्तालाप तथा वाट्सएप चैट आदि के प्रमाण दिखाए और सत्यापन कराया। दोनों में टेंडर कमीशन के बंटवारे तथा कमीशन की राशि के बंटवारे से संबंधित चैट पर ईडी ने देर तक पूछताछ की।
ऐसे आई मनीष रंजन की संदिग्ध भूमिका सामने
ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम से पूछताछ में ही आईएएस मनीष रंजन की संदिग्ध भूमिका सामने आ गई थी। वीरेंद्र राम गत वर्ष 23 फरवरी को गिरफ्तार किए गए थे।
उस वक्त ईडी की रिमांड पर वीरेंद्र राम ने टेंडर कमीशन में मोटी रकम वसूलने के मामले में आइएएस मनीष रंजन की भूमिका को उजागर किया था। उस वक्त से ही मनीष रंजन ईडी की रडार पर थे।
इसी बीच मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल तथा संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के घर छापामारी में मिले कमीशन की राशि के बंटवारे से संबंधित दस्तावेज व अन्य डिजिटल साक्ष्य के तार भी मनीष रंजन से जुड़े। इसी आधार पर ईडी ने उन्हें समन किया था।
दूसरे समन पर ईडी के सामने उपस्थित हुए मनीष रंजन
मनीष रंजन को ईडी ने पहला समन 24 मई के लिए था, जिसपर मनीष रंजन ईडी के सामने उपस्थित नहीं हुए थे और उन्होंने ईडी से वक्त मांगा था। इसके बाद ईडी ने दूसरा समन कर मनीष रंजन को 28 मई को उपस्थित होने को कहा। माना जा रहा है कि भविष्य में आइएएस अधिकारी मनीष रंजन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
टेंडर कमीशन घोटाला में ये हो चुके हैं गिरफ्तार
ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम, उनका भतीजा आलोक रंजन, वीरेंद्र राम के चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल के सहयोगी हरीश याव, उनके सहयोगी नीरज मित्तल, रामप्रकाश भाटिया, तारा चंद, मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल, संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम व मंत्री आलमगीर आलम।
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