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झारखंड में अब इस घोटाले में ED का ताबड़तोड़ एक्शन, मंत्री मिथिलेश ठाकुर के भाई, IAS मनीष रंजन सहित 18 ठिकानों पर मारा छापा

झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में कथित अनियमितताओं की जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को राज्य के 18 ठिकानों पर छापेमारी की। इनमें मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर के भाई विनय ठाकुर पीएस हरेंद्र कुमार आइएएस अधिकारी मनीष रंजन और ठेकेदारों के ठिकाने शामिल हैं। ईडी को उम्मीद थी कि छापेमारी में भारी मात्रा में नकदी मिलेगी लेकिन अभी तक ऐसी कोई बरामदगी नहीं हुई है।

By Dilip Kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Mon, 14 Oct 2024 08:02 PM (IST)
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पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में अनियमितता मामले में ईडी की छापेमारी।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के जल जीवन मिशन में अनियमितता मामले में रांची के सदर थाने में दर्ज एक केस में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने सोमवार को झारखंड में 18 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की।

ये ठिकाने विभागीय मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर के भाई विनय ठाकुर, पीएस हरेंद्र कुमार, आइएएस अधिकारी व श्रीकृष्ण लोक प्रशासन संस्थान के निदेशक मनीष रंजन एवं इंजीनियर व ठेकेदारों से संबंधित हैं।

इस छापेमारी में ईडी ने विभिन्न ठिकानों से बैंकिंग लेनदेन सहित अन्य कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों, जमीन के कागजात, डिजिटल साक्ष्य आदि को जब्त किया है। अब इन कागजातों की ईडी जांच करेगी और एक-एक कर सभी संदिग्ध आरोपितों को पूछताछ के लिए समन करेगी।

ईडी के अधिकारी एक दिन पहले ही सभी ठिकानों के आसपास पहुंच गए थे। सोमवार की सुबह ही सभी ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की।

ईडी को उम्मीद थी कि भारी मात्रा में नकदी भी मिलेंगे। हालांकि, राशि की बरामदगी नहीं हो सकी है। डोरंडा के छप्पन सेट में मंत्री मिथिलेश ठाकुर के पीएस हरेंद्र कुमार का आवास है, जहां ईडी के अधिकारी ताला तोड़कर घुसे।

ईडी के अधिकारियों ने पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी कराई। चाबी बनाने वाले को भी बुलाया और कई अन्य तालों को खोलकर जांच की।

यहां-यहां हुई छापेमारी

  • आइएएस मनीष रंजन : हाउस नंबर ए3/5, जवाहर नगर, सीसीएल कालोनी, कांके रोड व रीवर डेल सिटी, कांके, रांची।
  • विनय कुमार ठाकुर : मंत्री मिथिलेश ठाकुर के भाई, 197, एक्सिस बैंक के समीप, अमला टोला, पोस्ट चाईबासा, पश्चिमी सिंहभूम।
  • निरंजन कुमार : मुख्य अभियंता, पीएचईडी। फ्लैट नंबर ई402, बंसल प्लाजा, ओल्ड एचबी रोड, रांची।
  • प्रभात कुमार सिंह : मुख्य अभियंता, सीडीओ। डी/63, हरमू हाउसिंग कालोनी, सहजानंद चौक के समीप, रांची।
  • संतोष कुमार : हाउस नंबर 179, गोसाईं टैंक रोड, जग्गी कंपाउंड, अपर चुटिया, थाना चुटिया, रांची।
  • चंद्र शेखर : फ्लैट 301, चंद्रकला अपार्टमेंट, विकास नगर, रोड नंबर दो, हेसाग, रांची।
  • राधेश्याम रवि : सुंडील, कमड़े, रातू, रांची।
  • संजय कुमार सिंह : फ्लैट नंबर ई1, बोधराज इंक्लेव, अनंतपुर, डोरंडा, रांची।
  • मनोज कुमार : डी-1002, ग्रीन व्यू हाइट्स, लालू खटाल रोड, बरियातू, रांची।
  • सुनील कुमार सिन्हा : फ्लैट नंबर 308एच, सार्थक रेसिडेंसी, पीस रोड, बीआइटी एक्सटेंशन लालपुर के बगल में, रांची।
  • मानस कुमार : फ्लैट नंबर 4बी, ब्लाक ए, खेमका रेसिडेंसी, कांके राेड, रांची।
  • विभोर सिंघानिया : फ्लैट नंबर 4ए, कंचन विल्ला अपार्टमेंट, कांके रोड, लेक एवेन्यू, रिलायंस मार्ट के समीप, रांची।
  • वेदांत खिरवाल : 147, चाईबासा, सदर बाजार, पश्चिमी सिंहभूम।
  • रघुनंदन प्रसाद शर्मा : डुप्लेक्स नंबर 9999-214, ग्राउंड फ्लोर, विजया गार्डेन, बारडीह कालोनी, जमशेदपुर, पूर्वी सिंहभूम।
  • हरेंद्र कुमार : मंत्री मिथिलेश ठाकुर के पीएस, क्वार्टर नंबर 118/124, छप्पन सेठ, डोरंडा, रांची।
  • मनीष कुमार अग्रवाल : रातू रोड, लक्ष्मी कुंज, इंद्रपुरी गली, रांची।
  • विजय कुमार अग्रवाल : अग्रवाल एंड मंत्री चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, 404 आरआर टावर, चौथा तल्ला, रातू रोड, रांची।

18 दिसंबर 2023 में रांची के सदर थाने में दर्ज हुई थी प्राथमिकी

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कैशियर संतोष कुमार के विरुद्ध 18 दिसंबर 2023 में रांची के सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई थी। उसपर आरोप था कि उसने मार्च 2020 में एलएंडटी कंपनी के फर्जी बिल के आधार पर 2.17 करोड़ रुपये को फर्जी खाते में हस्तांतरित कर लिया था।

एलएंडटी कंपनी को वर्ष 2012 में शहरी जलापूर्ति योजना के तहत रांची में पाइपलाइन बिछाने का काम मिला था। कंपनी ने बीच में ही काम बंद कर दिया था। इसके बावजूद, विभाग के कुछ अधिकारियों ने एक साजिश के तहत फर्जी बिल के आधार पर फर्जी हस्ताक्षर पर दोबारा भुगतान करवाया।

इस मामले में छानबीन के बाद रांची पुलिस ने इसी वर्ष अप्रैल महीने में विभाग के कैशियर संतोष कुमार को गिरफ्तार किया था। वह रांची के ही सुखदेवनगर थाना क्षेत्र से पकड़ा गया था। उसकी निशानदेही पर 51 लाख रुपये नकदी बरामद हुए थे। उसपर गलत दस्तावेज के आधार पर 2.71 करोड़ रुपये के फर्जी निकासी का आरोप था।

जब रांची पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि संतोष कुमार ने दो निजी कंपनियां बनाकर अपने सगे-संबंधियों के 15 से अधिक खाते खोले। इसके बाद उसने रांची कोषागार से 20 करोड़ रुपये निकालकर उन खातों में डाले थे।

पुलिस को विभाग के अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत की भी जानकारी मिली थी, जिसकी जांच चल रही है। 20 करोड़ रुपये से अधिक घोटाले की जानकारी मिलने के बाद ही ईडी ने इस मामले में ईसीआइआर किया है।

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