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IAS Pooja Singhal: पूजा सिंघल के पति के अस्पताल निर्माण में शामिल ठेकेदारों पर अब आफत

IAS Pooja Singhal Case भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद आइएएस पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा का रांची में पल्स अस्पताल है। इस अस्पताल के निर्माण में मनी लांड्रिंग का पैसा खपाने का आरोप है। यही वजह है कि प्रवर्तन निदेशाल ने ठेकेदारों को तलब किया है।

By M EkhlaqueEdited By: Updated: Mon, 12 Sep 2022 09:55 PM (IST)
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Jharkhand IAS Pooja Singhal: आइएएस पूजा सिंघल और अभिषेक झा।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand IAS Pooja Singhal मनरेगा घोटाला व अवैध खनन में मनी लांड्रिंग के तहत अनुसंधान कर रही ईडी ने बरियातू स्थित पल्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के निर्माण में शामिल छोटे-बड़े कई ठेकेदारों को समन किया है। अब उनसे पूछताछ होगी कि मनी लांड्रिंग में उनकी क्या भूमिका है। जिन ठेकेदारों को ईडी ने समन किया है, उनमें कइयों से ईडी पहले भी पूछताछ कर चुकी है। यह पल्स अस्पताल मनी लांड्रिंग में जेल में बंद निलंबित आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा का है।

पल्स अस्पताल में भी ईडी कर चुकी छापेमारी

ईडी ने पूजा सिंघल की गिरफ्तारी के समय पल्स अस्पताल के अलावा उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार के यहां भी छापेमारी की थी। चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार के यहां से ईडी को छापेमारी में 19.76 करोड़ रुपये मिले थे। बाद में पूछताछ में उसने स्वीकार किया था कि आइएएस पूजा सिंघल के कहने पर उसने रुपये वसूले थे। चार्टर्ड अकाउंटेंट ने पल्स अस्पताल निर्माण में भी रुपयों के लेन-देन के संबंध में कई जानकारियां ईडी को दी थी।

इसलिए ठेकेदारों से पूछताछ करेगी ईडी टीम

जांच के प्रारंभ से ही ईडी यह मानकर चल रही है कि पल्स अस्पताल के माध्यम से मनी लांड्रिंग की गई है। अब इस मनी लांड्रिंग में ठेकेदारों की क्या भूमिका है, इसकी भी जांच जारी है। इसी के तहत इन ठेकेदारों का भी ईडी बयान लेगी। कुछ ठेकेदारों ने पूर्व में पल्स अस्पताल पर अपने बकाए के बारे में भी जानकारी दी थी, जिसे ईडी ने अनुसंधान के अधीन रखा था।

साइबर अपराधी संतोष के खिलाफ चार्जशीट

उधर, ईडी ने देवघर के साइबर अपराधी संतोष यादव के खिलाफ रांची स्थित विशेष अदालत में अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) दाखिल कर दी है। उसपर साइबर अपराध के जरिये करीब एक करोड़ रुपये की ठगी करने संबंधित आरोपों की पुष्टि हो चुकी है। वर्ष 2018 में देवघर के साइबर अपराध थाने की पुलिस ने जब उसे गिरफ्तार किया था, तब उसके आवास से ईडी को 15 लाख रुपये नकदी मिले थे। बाद में ईडी ने उक्त केस को टेकओवर करते हुए मनी लांड्रिंग के तहत अनुसंधान शुरू किया था। ईडी ने उसकी लाखों की संपत्ति भी जब्त की थी। अब अभियोजन शिकायत पर जल्द ही ईडी कोर्ट में सुनवाई भी शुरू होनी है। उसपर लोगों को झांसे में लेकर उनके मोबाइल पर ओटीपी भेजकर उनके खाते से रुपये उड़ाने के मामले का खुलासा हो चुका है।

बरामद हुआ था 15 लाख रुपये व 17 सिम

गिरफ्तार आरोपित संतोष यादव का घर मधुपुर थाना क्षेत्र के भोक्ताछौराट व मारगोमुंडा थाना क्षेत्र छातापाथर गांव में भी है। वर्ष 2018 में देवघर साइबर थाने की डीएसपी नेहा बाला ने जब उसके ठिकाने पर छापेमारी की थी, तब फरार चल रहा संतोष यादव पकड़ा गया था। इसके बाद पुलिस ने उसके ठिकाने से 15 लाख रुपये नकदी के अलावा चार मोबाइल व 17 सिमकार्ड जब्त की थी।

बैंक अधिकारी बनकर करते थे फोन

संतोष यादव व उसकी टीम के सदस्य बैंक अधिकारी बनकर लोगों को फोन करते थे और उनके खातों से रुपये उड़ाते थे। साइबर अपराध थाने की पुलिस ने ऐसे कुछ गांवों का भी चिह्नित किया था, जहां के युवा इस धंधे में लिप्त थे। इन गांवों में पथरोल, दार्वे, रुपाबाद, चरपा, नवाडीह भेड़वा, आमतल्ला भेड़वा, झिलुआ, गौनेया आदि गांव शामिल हैं।

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