Ranchi: कांके में विवादित जमीन का सत्यापन करने पहुंची ED की कार्रवाई, CO और CI का मोबाइल जब्त; रिश्वत बंटवारे के मिले सबूत
Ranchi News जमीन घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी की टीम ने बुधवार को कांके प्रखंड से अंचल क्षेत्र में विवादित जमीन का सत्यापन का किया। टीम ने कांके के चामा मौजा में सीएनटी व सरकारी जमीन सत्यापन किया कांके रिसार्ट व कांके अंचल भी पहुंची और जमीन के दस्तावेज खंगाले विवादित जमीन मामले में आम जनता से मिली और उनका बयान रिकॉर्ड किया।
राज्य ब्यूरो, रांची। जमीन घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी की टीम ने बुधवार को कांके प्रखंड से अंचल क्षेत्र में विवादित जमीन का सत्यापन का किया। करीब दर्जनभर वाहनों से पहुंची ईडी की टीम ने कांके के चामा मौजा में सीएनटी व सरकारी जमीन सत्यापन किया, कांके रिसार्ट व कांके अंचल भी पहुंची।
वहां अंचल कार्यालय में जमीन का दस्तावेज खंगाला, विवादित जमीन मामले में आम जनता से भी मिली और उनका बयान रिकॉर्ड किया।
ईडी ने कांके के सीओ-सीआई का मोबाइल जब्त किया है। मोबाइल में नीचे से ऊपर तक रिश्वत की राशि बांटने का सबूत मिला है। वहीं, ईडी ने ग्रामीणों के चुनाव बहिष्कार संबंधित रजिस्टर भी जब्त किया है। जमीन माफिया पर कार्रवाई नहीं होने पर ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार का निर्णय लिया था। हालांकि, ग्रामीण सीओ के आश्वासन पर माने थे।
पूरा मामला जमीन माफिया कमलेश कुमार उर्फ कमलेश कुमार सिंह से जुड़ा हुआ है। वह फरार चल रहा है। वह तीन समन पर भी ईडी के सामने नहीं पहुंचा है, उसे ईडी ने चौथा समन कर 12 जुलाई को बुलाया है।
छापेमारी में मिले थे एक करोड़ नकद-100 कारतूस
ईडी ने उसके कांके रोड चांदनी चौक स्थित एस्टर ग्रीन अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 603 सी में छापेमारी की थी। इस छापेमारी में ईडी को एक करोड़ रुपये नकदी के अलावा 100 कारतूस मिले थे। ईडी जहां उसे जमीन घोटाला मामले में खोज रही है, वहीं कांके थाने की पुलिस आर्म्स एक्ट के केस में उसकी तलाश कर रही है।उसपर आरोप है कि उसने सीएनटी एक्ट से संबंधित जमीन व सरकारी जमीन का फर्जी डीड बनाया, निर्दोष ग्रामीणों की जमीन पर जबरन हथियार के बल पर कब्जा किया और उसकी बिक्री की। ईडी इस जमीन घोटाले में कांके अंचल की भूमिका पर भी संदेह जताया और इस मामले में छानबीन कर रही है।
कमलेश के विरुद्ध बीएयू की जमीन का जाली दस्तावेज तैयार कर घेराबंदी करने के मामले में भी पूर्व में केस हुआ था, जिसमें वह जेल जा चुका है। उसके विरुद्ध जमीन की खरीद-बिक्री में जालसाजी के कई मामले पूर्व से चले आ रहे हैं। वह जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद भी जमीन के धंधे में जुटा रहा। 21 जून को जब ईडी की दबिश हुई, उसी दिन से वह फरार चल रहा है।पिछले दिनों जमीन घोटाला मामले में जांच के क्रम में ईडी ने अंतु तिर्की, प्रियरंजन सहाय, शेखर कुशवाहा आदि को गिरफ्तार किया था। सभी आरोपितों ने पूछताछ में ही कमलेश के बारे में ईडी को जानकारी दी थी, जिसके बाद कमलेश ईडी के रडार पर आया था।
ईडी को यह भी सूचना मिली है कि कमलेश का नेताओं व नौकरशाहों से प्रगाढ़ रिश्ता रहा है, जिसकी बदौलत वह हर जुर्म में कार्रवाई से बचता रहा है।
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