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अब इस घोटाला में ED ने की कार्रवाई! जब्त की कोयला कारोबारी की 9.67 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां

सोमवार को बहुचर्चित कोल लिंकेज घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए हजारीबाग के कोयला कारोबारी इजहार अंसारी की 9.67 करोड़ की 62 अचल संपत्तियां अस्थाई रूप से जब्त कर ली हैं। जांच एजेंसी ने यह कार्रवाई रामगढ़ के मांडू थाने में 20 जनवरी 2019 को इजहार अंसारी ट्रक चालक सैय्यद सलमानी व अन्य के खिलाफ दर्झ एफआईआर के आधार पर दर्ज ईसीआइआर में की है।

By Jagran News Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Mon, 01 Jul 2024 10:50 PM (IST)
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ईडी ने कोल लिंकेज घोटाले में कोयला कारोबारी की जब्त की अचल संपत्तियां
राज्य ब्यूरो, रांची। Coal Linkage scam बहुचर्चित कोल लिंकेज घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने सोमवार को हजारीबाग के कोयला कारोबारी इजहार अंसारी की 9.67 करोड़ की 62 अचल संपत्तियां अस्थाई रूप से जब्त की है।

ईडी ने यह कार्रवाई रामगढ़ के मांडू थाने में 20 जनवरी 2019 को इजहार अंसारी, ट्रक चालक सैय्यद सलमानी व अन्य के विरुद्ध प्राथमिकी के आधार पर 12 दिसंबर 2023 को दर्ज ईसीआइआर में की है।

साल 2019 में पकड़ा था ट्रक

रामगढ़ के मांडू थाने की पुलिस ने 20 जनवरी 2019 को अवैध कोयला लदे ट्रक को पकड़ा था। पुलिस ने जिस ट्रक को पकड़ा था, उसके मालिक इजहार अंसारी उर्फ टुन्नू मल्लिक थे, जो हजारीबाग के पेलावल रोड में यूबीआइ के समीप मिल्लत कॉलोनी में रहते थे।

उक्त ट्रक पर 19.56 टन कोयला लदा था, जो टोपा कोलियरी से बनारस की कोयला मंडी में ले जाया जा रहा था। पुलिस को ट्रक चालक के पास से मिले चालान के अनुसार कोयला को रामगढ़ के सांडी भरेचनगर स्थित मेसर्स ओम कोक इंडस्ट्रीज में जाना था।

लेकिन इजहार के आदेश पर वह ट्रक बनारस जा रहा था। चालान पर सीसीएल का मोनोग्राम भी था। मेसर्स ओम कोक इंडस्ट्रीज इश्तेयाक अहमद व मंजूर हसन का पार्टनरशिप फर्म है।

ट्रक चालक ने ये बताया था?

ट्रक चालक ने पुलिस को पूछताछ में बताया था कि उसके ट्रक के पीछे दूसरे वाहन पर कोयला कारोबारी संजू साव, दीपक साव, मोहम्मद असलम व रिजवान भी थे, जो पुलिस को देखकर भाग निकले। इस मामले में पुलिस ने 30 जुलाई 2020 को चार्जशीट की थी।

चार्जशीट में मोहम्मद इजहार अंसारी, इश्तेयाक अहमद, संजू साव, दीपक साव, मोहम्मद असलम व राजीव आलम को पुलिस ने जालसाजी व कोयला खनन अधिनियम का दोषी पाया था।

बाद में यह खुलासा हुआ कि कोयला जो मेसर्स ओम कोक इंडस्ट्रीज ने मेसर्स सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड से खरीदा था, वह गलत तरीके से ट्रक मालिक इजहार अंसारी के माध्यम से अवैध तरीके से बनारस भेजा जा रहा था। ट्रक मालिक इजहार अंसारी मेसर्स ओम कोक इंडस्ट्रीज के पार्टनर इश्तेयाक अहमद का संबंधी है। उक्त कंपनी ने सीसीएल का भी विश्वास तोड़ा।

इजहार अंसारी के ठिकानों पर छापेमारी में मिले थे 3.68 करोड़

ईडी ने तीन मार्च 2023 को इजहार अंसारी के ठिकानों पर छापेमारी की थी, इस छापेमारी में ईडी को 3.68 करोड़ रुपये नकदी मिले थे, जिसे ईडी ने जब्त किया था। इसके बाद 16 जनवरी 2024 को ईडी ने इजहार अंसारी को गिरफ्तार किया था।

वर्तमान में वह न्यायिक हिरासत में है। 15 मार्च को ईडी ने इजहार अंसारी, इस्तियाक अहमद, मेसर्स राजहंस इस्पात प्राइवेट लिमिटेड के विरुद्ध चार्जशीट की थी। जिसपर कोर्ट ने संज्ञान लिया था। इस मामले में जांच अभी जारी है।

ऐसे की गई थी 71.32 करोड़ की अवैध कमाई

ईडी को अनुसंधान में जानकारी मिल चुकी है कि इजहार अंसारी ने अक्टूबर 2018 से मार्च 2023 के बीच रियायत दर पर कोयला लेकर खुले बाजार में बेचा। उसने कोयला लिंकेज नीति का दुरुपयोग किया। इसके तहत कैप्टिव खपत के लिए छोटे और मध्यम उद्यम (एसएमई) को सब्सिडी वाला कोयला आवंटित किया जाता था।

इजहार अंसारी की 13 ऐसी एसएमई फर्मों को 71.32 करोड़ रुपये के बाजार मूल्य वाला लगभग 86568 टन कोयला आवंटित किया गया था। हालांकि, इसका उपयोग करने के बजाय इजहार अंसारी ने कोयले को खुले बाजार में बेच दिया था। जांच से यह भी पता चला कि ये 13 फर्म, संस्थाएं गैर-परिचालन, शेल इकाइयां पाई गई हैं।

इससे पहले, इजहार अंसारी से जुड़े परिसरों पर तीन मार्च 2023 को की गई तलाशी के दौरान 3.58 करोड़ रुपये की अपराध आय पाई गई और कई आपत्तिजनक डिजिटल और दस्तावेजी सबूतों के साथ जब्त की गई थी।

ईडी की जांच से यह भी पता चला है कि आरोपित व्यक्ति ने वाराणसी और धनबाद की खुली कोयला मंडी में उच्च कीमत पर ऐसे रियायत दर वाले कोयले को बेचकर अपराध की बड़ी आय अर्जित की है और अपराध की आय को अचल संपत्तियों में भी निवेश किया है। जांच से संकेत मिला कि ऐसे सब्सिडी वाले कोयला आवंटन के बदले इजहार अंसारी ने कुछ लोक सेवकों को रिश्वत व कमीशन देता था।

इनका गठजोड़ था सक्रिय

ईडी की अनुसंधान में यह खुलासा हुआ कि कोयला लिंकेज घोटाले में मोहम्मद इजहार अंसारी, सीनियर खनन पदाधिकारी व राजनेताओं का एक गठजोड़ सक्रिय था। इसमें इजहार अंसारी ने लोक सेवकों व कोयला कंपनियों से जुड़े अधिकारियों को रिश्वत दी।

कई कंपनियां जैसे राजहंस इस्पात प्राइवेट लिमिटेड, कहकशा इंटरप्राइजेज, ओकाशा कोक इंडस्ट्रीज, ओला कोक इंडस्ट्रीज, मेसर्स अकार फ्यूल्स, मेसर्स फलक फ्यूल्स, मेसर्स एसएन कोल ब्रिक्वेट व मेसर्स एनए उद्योग को पिछले दो-तीन वर्षों से निष्क्रिय पाया गया था। ईडी को छापेमारी में वहां के स्टाक रजिस्टर में फेरबदल का खुलासा हो चुका है।

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