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Jharkhand ED News: झारखंड में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठ की जांच करेगी ईडी, दर्ज किया केस

झारखंड में ED बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठ की भी जांच करेगी। ईडी ने इस मामले में नया केस दर्ज किया है। यह केस बरियातू थाने में चार जून को दर्ज प्राथमिकी के आधार पर किया गया है। बरियातू के एक रिजॉर्ट से तीन संदिग्ध बांग्लादेशी युवतियों को गिरफ्तार किया गया था। पकड़ी गई तीनों लड़कियों ने अपना नाम पायल दास अनिका दत्ता व खुशी बताया था।

By Dilip Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 17 Sep 2024 03:22 PM (IST)
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झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय ने नया केस दर्ज किया है।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में मनी लॉन्ड्रिंग के विभिन्न मामलों की जांच कर रही ईडी अब राज्य में बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठ मामले की जांच करेगी। ईडी ने इस मामले में एक नया केस (ईसीआइआर) किया है। ईडी ने यह केस रांची के बरियातू थाने में गत चार जून को कांड संख्या 188/2024 में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर किया है।

पूरा मामला रांची के बरियातू थाना क्षेत्र के हिल व्यू रोड बाली रिजॉर्ट से तीन संदिग्ध बांग्लादेशी युवतियों की गिरफ्तारी से संबंधित है। गिरफ्तार तीनों युवतियों की पहचान बांग्लादेश के चटग्राम की रहने वाली निंपी बिरूआ, समरीन अख्तर व निपा अख्तर के रूप में हुई थी। तीनों ही युवतियों को मनीषा राय नामक की एक अन्य लड़की की मदद से कोलकाता लाया गया था।

पुलिस की छानबीन में यह पता चला था कि 31 मई की आधी रात को ये तीनों युवतियां तीन अन्य युवतियों परवीन, झूमा और हासी के साथ निजी एजेंटों की मिलीभगत से जंगल क्षेत्र से फेंसिंग काटकर अवैध रूप से बांग्लादेश सीमा पार कर भारत में दाखित हुई थी।

पुलिस उनकी भी तलाश कर रही है। पुलिस की छानबीन में पकड़ी गई तीनों लड़कियों ने अपना नाम पायल दास, अनिका दत्ता व खुशी बताया था। इसी नाम से इनका भारत में फर्जी आधार कार्ड भी बना था।

ईडी ने पीएमएलए के तहत जांच का यह बनाया है आधार

ईडी ने पुलिस अनुसंधान के आधार पर इस केस को मनी लांड्रिंग अधिनियम के तहत जांच के योग्य पाया है। अनुसंधान में यह खुलासा हुआ है कि निजी एजेंटों की मदद से बांग्लादेशी नागरिकों की भारत में अवैध घुसपैठ कराया जा रहा है। उन्हें भारतीय नागरिकता स्थापित करने के लिए फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराया जा रहा है।

कई संदिग्ध व्यक्ति अवैध घुसपैठ, फर्जी पहचान प्रमाण पत्र बनाने संबंधित गतिविधियों में शामिल हैं। यह पीएमएलए 2002 की धारा 2 (1) (यू) के तहत दी की गई परिभाषा के अनुसार अपराध की आय से जुड़ी आपराधिक गतिविधियां हैं, इसलिए यह आवश्यक है कि बांग्लादेश से भारत में ऐसे व्यक्तियों की अवैध घुसपैठ और ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले एजेंटों के संबंध में जांच करना, जिनका उद्देश्य अपराध की आय प्राप्त करना और अन्य आपराधिक गतिविधियां करना है। इसलिए मनी लांड्रिंग अधिनियम के तहत एक संपूर्ण और व्यापक जांच करना आवश्यक है।

झारखंड HC में केंद्र सरकार ने शपथ पत्र में भी दी है जानकारी

ईडी जांच की स्थिति तब बनी जब बांग्लादेशी घुसपैठ पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने झारखंड उच्च न्यायालय में शपथ पत्र में इसकी जानकारी दी। केंद्र सरकार ने शपथ पत्र में बताया है कि संताल के जिलों पाकुड़, साहिबगंज, गोड्डा व दुमका में तेजी से मुस्लिम आबादी बढ़ी है और आदिवासियों की संख्या घटती जा रही है।

ये जिले पश्चिम बंगाल से सटते हैं, जहां से तेजी से बांग्लादेशी झारखंड में प्रवेश कर रहे हैं। वे नौकरी की तलाश में झारखंड आ रहे हैं और यहां आदिवासी युवतियों से शादी कर उनकी जमीन पर कब्जा कर अपनी नागरिकता संबंधित फर्जी तरीके से पहचान पत्र भी बनवा रहे हैं। इतना ही नहीं वे वन भूमि व सरकारी जमीन पर भी कब्जा कर रहे हैं।

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