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Jharkhand News: पर्यटन व विद्युत निगम में 100 करोड़ की हेराफेरी में ED की एंट्री, एजेंसी ने शुरू की कागजातों की आंतरिक जांच

Jharkhand News झारखंड पर्यटन विकास निगम झारखंड विद्युत वितरण निगम और झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम के खातों से करीब 100 करोड़ रुपये की हेराफेरी के मामले में चारों आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी इस मामले में जांच शुरू कर दी है। एसआइटी जांच के घेरे में कई और लोग आ सकते हैं।

By Jagran News Edited By: Mohit Tripathi Updated: Fri, 11 Oct 2024 05:16 PM (IST)
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पर्यटन व विद्युत निगम में 100 करोड़ की हेराफेरी में ED की एंट्री।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (जेटीडीसी), झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड व झारखंड ऊर्जा उत्पाद निगम लिमिटेड के खाते से करीब 100 करोड़ की हेराफेरी मामले में हिरासत में लिए गए चारों आरोपितों को सीआइडी ने गुरुवार को जेल भेज दिया। दूसरी तरफ इस मामले में को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सक्रिय हो गई है।

हेराफेरी मामले से संबंधित कागजातों की आंतरिक जांच शुरू कर दी है। बहुत जल्द ही इस मामले में भी ईसीआइआर कर ईडी मनी लांड्रिंग के तहत अपनी जांच को आगे बढ़ाएगी।

सौ करोड़ की हेराफेरी में जेल भेजे गए आरोपितों में जेटीडीसी के तत्कालीन लेखापाल सह कैशियर गिरजा प्रसाद सिंह, केनरा बैंक निफ्ट हटिया के तत्कालीन शाखा प्रबंधक अमरजीत कुमार, साजिशकर्ता बोकारो के रूद्र सिंह उर्फ समीर कुमार तथा रांची के डिबडिह निवासी लोकेश्वर साह उर्फ लोकेश शामिल हैं।

गिरजा प्रसाद सिंह बिहार के पटना जिले के रूपसपुर थाना क्षेत्र में बेली रोड मकान संख्या 339 के निवासी हैं। अमरजीत कुमार रांची के हटिया में लटमा रोड प्रेम नगर के हरगोपाल अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 103 के निवासी हैं।

रूद्र सिंह बोकारो के सेक्टर 8ए स्ट्रीट नंबर 11 और लोकेश रांची के डिबडिह स्थित अपर दाउदनगर के निवासी हैं। इस पूरे मामले की जांच कर रही एसआइटी ने इन चारों की निशानदेही पर 85 लाख रुपये नकद, 15 लाख रुपये के सोने के जेवरात की बरामदगी की थी। इसके अलावा विभिन्न बैंकों में पड़े 39.70 करोड़ रुपये फ्रीज कराया था।

आरोपितों पर झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड के खाते से 10 करोड़ 40 लाख रुपये, झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के खाते से 65 करोड़ 50 लाख रुपये, व झारखंड उर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड के खाते से 40.50 करोड़ की निकासी का आरोप है।

मिड डे मील में हेराफेरी की जांच कर चुकी है ईडी

मिड डे मील के 100 करोड़ की हेराफेरी की जांच के बाद ईडी पर्यटन और विद्युत निगम के खाते से 100 करोड़ की हेराफेरी मामले की भी जांच करेगी।

इससे पूर्व ईडी ने मिड डे मील के 100 करोड़ रुपये से अधिक की गलत तरीके से निजी खातों में हस्तांतरण मामले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच के क्रम में आधा दर्जन आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। ईडी ने उस प्रकरण में करोड़ों की चल-अचल संपत्ति को भी जब्त की थी।

एसआइटी जांच के घेरे में आएंगे कई और

डीजीपी अनुराग गुप्ता के आदेश पर एटीएस के एसपी ऋषभ कुमार झा के नेतृत्व में गठित एसआइटी की जांच के घेरे में कई और आएंगे। चार आरोपित जेल भेजे गए हैं।

इस मामले में सबसे पहले 28 सितंबर को धुर्वा थाने में झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड के महाप्रबंधक वित्त ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

उन्होंने आरोप लगाया था कि फर्जी खाता खोलकर अवैध तरीके से निगम के खाते से 10 करोड़ 40 लाख रुपये की निकासी कर ली गई है।

उन्होंने झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड के तत्कालीन लेखापाल सह कैशियर गिरजा प्रसाद सिंह व आलोक कुमार के अलावा केनरा बैंक निफ्ट शाखा हटिया के तत्कालीन शाखा प्रबंधक अमरजीत कुमार के विरुद्ध कांड दर्ज कराया था। सीआइडी ने इस कांड को टेकओवर करते हुए सीआइडी थाने में चार अक्टूबर को प्राथमिकी दर्ज की थी।

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