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शराब बिक्री में MRP से अधिक वसूली जारी, प्रशासन के आदेश को दिखा रहे ठेंगा; कैसे लगेगी लगाम?

झारखंड में शराब बिक्री में एमआरपी से अधिक वसूली एक बार फिर तेज है। हर दिन अवैध तरीके से शराब दुकानदार करोड़ों रुपयों की वसूली कर रहे हैं। यह समस्या हर दिन है हर जगह है। उत्पाद सचिव मुकेश कुमार की सख्ती का असर चंद दिन ही रहा। अब शराब दुकानदारों ने उत्पाद सचिव के दावे को ठेंगा दिखाना शुरू कर दिया है।

By Dilip Kumar Edited By: Shashank Shekhar Updated: Mon, 27 May 2024 09:26 PM (IST)
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शराब बिक्री में MRP से अधिक वसूली जारी, प्रशासन के आदेश को दिखा रहे ठेंगा; कैसे लगेगा लगाम?
राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य में शराब बिक्री में एमआरपी से अधिक वसूली एक बार फिर तेज है। हर दिन अवैध तरीके से शराब दुकानदार करोड़ों रुपयों की वसूली कर रहे हैं। यह समस्या हर दिन है, हर जगह है। उत्पाद सचिव मुकेश कुमार की सख्ती का असर चंद दिन ही रहा।

अब शराब दुकानदारों ने उत्पाद सचिव के दावे को ठेंगा दिखाना शुरू कर दिया है। ये दुकानदार पूरे हक से अधिक रुपये मांगते हैं। उन्हें कार्रवाई का कोई भय नहीं। अगर कोई उन्हें एमआरपी से अधिक रुपये लेने से रोकने की कोशिश करता है, टोकता है तो दुकानदार उस ग्राहक से ऐसे व्यवहार करते हैं, जैसे उसने कोई जुर्म कर दिया हो।

दुकानदार पूरे हक से दस रुपये लेकर 40 रुपये तक की अवैध वसूली कर रहे हैं। शराब के शौकीन किसी तरह दुकानदार को उसकी मनमानी कीमत देकर शराब खरीद रहे हैं। राज्य में शराब बिक्री में एमआरपी से 50 लाख रुपये अधिक की वसूली हो रही है।

अवैध वसूली होने पर एजेंसी पर कार्रवाई की चेतावनी

उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव मुकेश कुमार ने एमआरपी से अधिक रुपये लेने वाले दुकान के कर्मचारियों पर कार्रवाई के अलावा उस प्लेसमेंट एजेंसी के विरुद्ध भी कार्रवाई की चेतावनी दे रखी है, जिनके माध्यम से दुकानों में कर्मचारी रखे गए हैं। दुकानदारों का कहना है कि रुपये एजेंसी के खाते में जा रहे हैं।

उन्हें जो आदेश है, उसका वे अनुपालन कर रहे हैं। इससे मतलब साफ है कि एजेंसी के इशारे पर ही शराब बिक्री में एमआरपी से अधिक कीमत ली जा रही है।

बीयर पर दस रुपये अधिक कर रखा है फिक्स

राज्य में शराब दुकानों पर मनचाहा ब्रांड भी नहीं मिल रहा है। गर्मियों में बीयर की मांग अधिक रहती है। वर्तमान में बीयर के हंटर, बैड मंकी, सिंबा ब्रांड ही सब जगह हैं। कुछ जगहों पर ही गाड फादर व किंगफीशर के अलावा ब्लाकबस्टर व बडवाइजर बीयर मिल रहे हैं। बाजार से टुबर्ग, हनीकेन जैसे बीयर नहीं हैं।

गर्मियों में बीयर की खपत अधिक है और दुकानदारों ने भी बीयर के प्रत्येक बोतल या केन पर एमआरपी से दस रुपये अतिरिक्त वसूली जारी रखा है।

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