Lok Sabha Election : पोस्टर-बैनर के साथ इन चीजों पर EC की पैनी नजर, क्या कर सकते हैं और क्या नहीं? पढ़ें गाइडलाइन
Lok Sabha Elections लोकसभा चुनाव को लेकर देशभर में आचार संहिता लागू है। ऐसे में कोई भी प्रत्याशी या राजनीतिक पार्टियां गलत तरीके न अपनाएं इसे लेकर चुनाव आयोग की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है। इस गाइडलाइन में आचार संहिता की सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है। यहां पढ़ें क्या कर सकते हैं और क्या नहीं?
राज्य ब्यूरो, रांची। चुनाव में वोट हासिल करने के लिए राजनीतिक दल व उम्मीदवार अनैतिक तरीके न अपनाएं, इसके लिए चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों तथा प्रत्याशियों को सख्ती से आचार संहिता का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। इसका उल्लंघन करने पर संबंधित के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने पार्टियों के लिए मैनुअल भी जारी किया है।
आयोग पोस्टर और बैनर के साथ ही नेताओं के भाषणों और इंटरनेट मीडिया पर किए जा रहे पोस्ट पर भी नजर रख रहा है। जुलूस, रैली, सभाओं के लिए भी नियम तय किए गए हैं। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने सभी राजनीतिक दलों एवं प्रत्याशियों से भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लागू की गई आदर्श आचार संहिता के अनुपालन की अपील की है।
उन्होंने कहा है कि राजनीतिक पार्टियां निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन में सहयोग करें। उन्होंने निर्वाचन प्रक्रिया के समापन तक 'क्या करें' और 'क्या न करें' के संबंध में आयोग के स्पष्ट दिशा-निर्देश का हवाला देते हुए उनके अनुपालन की अपील की है।
उन्होंने सभी दलों से अपने कार्यकर्ताओं को भी इसके अनुपालन संबंधित जानकारी उपलब्ध कराते हुए इसके प्रति उन्हें जागरूक रहने के निर्देश देने को कहा है। हालांकि इनमें से कई सरकारी विभागों, कार्यालयों, मंत्रियों, अधिकारियों पर भी लागू होता है। मतदाताओं को प्रलोभन देने, हिंसा या उन्माद के लिए भड़काने, दुष्प्रचार करने आदि पर रोक है।
वहीं, प्रत्याशियों, पार्टियों तथा स्टार प्रचारकों के लिए खर्च की सीमा भी तय है, जिसका हिसाब दिया जाना है। पार्टियों, प्रत्याशियों तथा प्रचारकों को इसका लेखा-जोखा रखना है। स्टार प्रचारकों की सभा में अगर प्रत्याशी की तस्वीर होगी तो खर्च प्रत्याशी के खाते में जोड़ा जाएगा, वहीं प्रत्याशी की तस्वीर नहीं रहने पर उक्त खर्च पार्टी के खाते में जोड़ा जाएगा।
मतदान केंद्रों के पास किसी भी तरीके के प्रचार की मनाही है। साथ ही किसी के भवन, प्रतिष्ठान या अन्य संपत्ति पर बगैर संबंधित की अनुमति के प्रचार के लिए उपयोग करने पर भी मनाही है। लाउड स्पीकर के इस्तेमाल के लिए भी नियम तय हैं।
सुबह छह बजे से पहले या रात 10 बजे के बाद संबंधित प्राधिकारियों की पूर्व लिखित अनुमति के बगैर लाउड स्पीकर का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। विरोधियों के पोस्टर-बैनर फाड़ने या किसी भी तरह से बदले की भावना से नुकसान पहुंचाने के कृत्य पर मनाही है। वहीं गुमनाम पोस्टरों व विज्ञापनों पर भी आयोग की नजर है। इनमें प्रकाशक का नाम प्रकाशित करना अनिवार्य है।
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आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।आचार संहिता के दौरान यह न करें
- मतदाता को कोई प्रलोभन नहीं दें। निर्वाचकों की जातीय/सांप्रदायिक भावनाओं को नहीं भड़काएं।
- ऐसी कोई भी गतिविधि नहीं की जाएगी, जिससे विभिन्न जातियों, समुदायों अथवा धार्मिक या भाषाई समूहों के बीच मौजूदा मतभेद बढ़ सकते हों अथवा उनके बीच आपसी घृणा या तनाव पैदा हो सकता हो।
- अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के निजी जीवन के किसी भी ऐसे पहलू की आलोचना करने की अनुमति नहीं दी जाएगी जो सार्वजनिक गतिविधियों से जुड़ा हुआ न हो। l निर्वाचन संबंधी कार्यों के संबंध में मंदिरों, मस्जिदों, चर्चों, गुरुद्वारों या किसी भी पूजा स्थल का भाषण, पोस्टर, संगीत आदि सहित निर्वाचन प्रचार के स्थानों के रूप इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
- मालिक से विशिष्ट अनुमति लिए बिना किसी की भूमि, भवन, परिसर की दीवार, वाहनों आदि का उपयोग ध्वज के डंडों को लगाने, बैनर लगाने, नोटिस चिपकाने या नारे लिखने आदि के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
- अन्य दलों और प्रत्याशियों द्वारा लगाए गए पोस्टरों को हटाया या बिगाड़ा नहीं जाएगा।
- पोस्टर, ध्वज, प्रतीक या किसी भी अन्य प्रचार सामग्री को मतदान के दिन, मतदान पहचान पर्ची वितरण स्थान के पास या मतदान केंद्रों के पास इस्तेमाल अथवा प्रदर्शित नहीं किया जाएगा।
- लाउडस्पीकर का उपयोग सुबह छह बजे से पहले या रात 10 बजे के बाद संबंधित प्राधिकारियों की पूर्व लिखित अनुमति के बगैर नहीं किया जाएगा।
- संबंधित प्राधिकारियों की पूर्व लिखित अनुमति के बिना सार्वजनिक बैठकों और जुलूसों में भी लाउडस्पीकरों का उपयोग नहीं किया जाएगा।
- सत्तारूढ़ दल/सरकार की उपलब्धियों के बारे में सरकारी खजाने से किसी या सभी प्रकार के विज्ञापनों पर प्रतिबंध है।
- सरकारी काम को प्रचार अभियान/निर्वाचन के साथ मिलाया नहीं जाना चाहिए।
ये काम रहेंगे जारी
- प्रगतिशील कार्यक्रम जो निर्वाचन की घोषणा से पहले से चल रहे हैं, उन्हें जारी रखा जा सकता है।
- बाढ़, सूखे, महामारी और अन्य प्राकृतिक आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को राहत और पुनर्वास के उपाय शुरू किए और जारी रखे जा सकते हैं।
- मरणासन्न या गंभीर रूप से रुग्ण व्यक्तियों को नकद अनुदान या चिकित्सा सुविधाएं जारी रखी जा सकती हैं। मतदान के दिन इन नियमों का करें पालन
- मतदाताओं को जारी गैर-आधिकारिक पहचान पर्ची सादे (सफेद) कागज पर होगी और इसमें किसी प्रतीक, अभ्यर्थी का नाम या दल का नाम नहीं होगा।
- किसी भी मतदान केन्द्र में निर्वाचन आयोग से विशिष्ट वैध प्राधिकार पत्र वाले व्यक्ति (मतदाताओं, प्रत्याशियों और उनके निर्वाचन/मतदान अभिकर्ताओं को छोड़कर) ही प्रवेश कर सकते हैं। मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक या कितना ही उच्च अधिकारी क्यों न हो, उन्हें इससे छूट नहीं है।
- निर्वाचन के विभिन्न पहलुओं से संबंधित सभी मामलों में निर्वाचन आयोग, रिटर्निंग अधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देशों का पालन करें।
चुनाव को लेकर पार्टियों व प्रत्याशियों के लिए ये दिए गए हैं दिशा-निर्देश
- निर्वाचन बैठकें करने के लिए सार्वजनिक स्थान जैसे मैदान सभी दलों/प्रत्याशियों को निष्पक्ष रूप से उपलब्ध होने चाहिए। हेलिपैड का उपयोग सभी दलों / प्रत्याशियों को निष्पक्ष रूप से उपलब्ध होना चाहिए।
- जुलूस के दौरान यातायात नियमों और अन्य प्रतिबंधों का भी पालन करना चाहिए। जुलूस का मार्ग यातायात को बाधा पहुंचाए बगैर होना चाहिए।
- प्रस्तावित सभाओं के लिए लाउडस्पीकर या ऐसी किन्हीं अन्य सुविधाओं के इस्तेमाल के लिए अनुमति अवश्य प्राप्त की जानी चाहिए।
- विरोधी या किसी भी राजनीतिक दल तथा उनके प्रत्याशियों की आलोचना उनकी नीतियों, कार्यक्रम, पिछले रिकार्ड और काम से संबंधित होनी चाहिए। l सभाओं में गड़बड़ी करनेवाले या उपद्रव करनेवाले व्यक्तियों से निपटने में पुलिस की सहायता करनी चाहिए।
- इंटरनेट मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने की मनाही, सभाओं में या कही भी भाषण तथा बयानबाजी में भाषा न हो अमर्यादित।
- लाउड स्पीकर के इस्तेमाल के लिए भी तय नियम का करना होगा पालन।
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