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Jharkhand News: कांग्रेस जिलाध्यक्ष पर पैसे हड़पने का आरोप लगा बुरे फंसे MLA समीर मोहंती, चुनाव आयोग ने थमाया नोटिस

JMM MLA Samir Mohanty जमशेदपुर के बहरागोड़ा से झामुमो विधायक समीर कुमार मोहंती अपने द्वारा लगाए आरोपों में ही फंस गए हैं। मोहंती को चुनाव आयोग ने नोटिस थमा दिया है। उनपर हालिया लोकसभा चुनाव में निर्धारित 95 लाख से अधिक रुपये खर्च करने के आरोप हैं। बता दें कि हाल ही में उन्होंने पश्चिमी सिंहभूम कांग्रेस जिलाध्यक्ष पर चुनाव में पैसे हड़पने का आरोप लगाया था।

By Jagran News Edited By: Mohit Tripathi Updated: Wed, 14 Aug 2024 12:08 PM (IST)
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अपने ही आरोपों के जाल में फंसे विधायक समीर महंती। (फोटो- समीर महंती फेसबुक हैंडल)
प्रदीप सिंह. जागरण, रांची। जमशेदपुर के बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र के झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक समीर कुमार मोहंती बुरे फंस गए हैं। उन्हें चुनाव आयोग ने नोटिस थमाया है। उनपर आरोप है कि उन्होंने हालिया लोकसभा चुनाव में निर्धारित 95 लाख रुपये से अधिक खर्च किए हैं।

पिछले दिनों लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद मोहंती की ओर से पूर्वी सिंहभूम जिला कांग्रेस के अध्यक्ष आनंद बिहारी दूबे के विरुद्ध लगाए गए आरोप अब उन्हीं पर भारी पड़ रहे हैं। यही उन्हें भेजे गए नोटिस का पुख्ता आधार भी बना है।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष पर लगाए थे गंभीर आरोप 

लोकसभा चुनाव में हार के बाद समीर मोहंती ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस के जिलाध्यक्ष को जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में प्रति बूथ खर्च बांटने के लिए उन्होंने छह हजार रुपये के हिसाब से 25 लाख रुपये दिए थे, लेकिन दुबे ने ये पैसे हड़प लिए और बूथों पर पूरी राशि का बंटवारा नहीं किया।

महंती का आरोप था कि दुबे ने प्रति बूथ छह हजार रुपये में से दो हजार रुपये निकाल लिए और केवल चार हजार रुपये ही बांटे।

उन्होंने यह भी कहा था कि एक राष्ट्रीय पार्टी के जिलाध्यक्ष की ऐसी ओछी हरकत पूरे संगठन को कलंकित करने वाली है। इसे उन्होंने अपनी हार की प्रमुख वजह भी बताया था।

उन्होंने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से इस बाबत कार्रवाई का आग्रह किया था। इस आरोप के बाद राजनीतिक गलियारे में खलबली मच गई थी।

बताया जाता है कि वरीय नेताओं ने जब समीर मोहंती को यह समझाया कि जो आरोप उन्होंने लगाया है, वह उनके लिए परेशानी का सबब बन सकता है, तो उन्होंने आरोप वापस ले लिया। यही नहीं, उन्होंने जिस लेटरपैड पर आरोपों से संबंधित पत्र लिखा था, उसे भी उन्होंने फर्जी करार दिया था।

अब उनके बयान के आधार पर ही चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस थमाते हुए जल्द जवाब मांगा है। प्रश्न यह उठ रहा है कि समीर मोहंती ने अपने आरोपों से लेकर लेटरपैंड तक को अगर फर्जी करार दिया था तो उन्होंने इस संबंध में थाने में शिकायत क्यों नहीं की या तत्काल कानूनी कार्रवाई का सहारा क्यों नहीं लिया?

लोकसभा चुनाव में समीर ने 78.41 रुपये का खर्च दिखाया 

जमशेदपुर संसदीय क्षेत्र से झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी रहे समीर मोहंती ने चुनाव संपन्न होने के बाद निर्वाचन आयोग को दिए हिसाब-किताब में कुल 78,41,440 लाख रुपये खर्च का ब्योरा सौंपा है।

उनके प्रतिद्वंद्वी भाजपा प्रत्याशी विद्युत वरण महतो ने 69,66,820 लाख रुपये खर्च किए है। संसदीय चुनाव में प्रत्याशी को अधिकतम 95 लाख रुपये खर्च करने की अनुमति है।

जमशेदपुर संसदीय क्षेत्र में कुल 1887 बूथ हैं। इस हिसाब से महंती के पत्र में लगाए गए प्रति बूथ छह हजार रुपये की दर से वितरण के लिहाज से खर्च 1.13 करोड़ रुपये से अधिक पहुंच जाता है।

आरोप प्रमाणित हुए तो विधानसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे महंती

चुनाव आयोग में आरोप प्रमाणित हुए तो समीर मोहंती का आगे का राजनीतिक सफर मुश्किल में पड़ सकता है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में इसका प्रविधान है।

यदि उम्मीदवार ने अपने चुनाव खर्च को वास्तविक चुनाव खर्च से कम दिखाया है तो उम्मीदवार के विरुद्ध चुनाव याचिका दायर होगी।

उम्मीदवार द्वारा खर्च की गई राशि को वास्तविक चुनाव खर्च से कम दिखाना भ्रष्टाचार है। उम्मीदवार को चुनाव खर्च की अधिकतम सीमा से ज्यादा खर्च करने की अनुमति नहीं है। चुनाव आयोग ऐसे प्रत्याशी को तीन साल तक चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहरा सकता है।

समीर महंती बहरागोड़ा से झामुमो के विधायक हैं। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी इस सीट से स्वाभाविक दावेदारी भी बनती है।

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