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झारखंड में गहरा रहा बिजली का संकट, विद्युत उत्पादक संयंत्रों से मिल रहा कम उत्पादन; NTPC से भी उत्पादन ठप

झारखंड में बुधवार को एकाएक बिजली संकट गहरा गया। इसकी वजह बिजली उत्पादक संयंत्रों से कम उत्पादन मिलना है। स्थिति इस कदर विकट है कि महत्वपूर्ण शहरों समेत राजधानी रांची में भी लोड शेडिंग कर आपूर्ति की जा रही है। ज्यादातर परेशानी पीक ऑवर यानि रात में हो रही है। बिजली की आपूर्ति मांग के मुताबिक नहीं हो पा रही है।

By Jagran NewsEdited By: Yashodhan SharmaUpdated: Thu, 31 Aug 2023 01:39 AM (IST)
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झारखंड में गहरा रहा बिजली का संकट, विद्युत उत्पादक संयंत्रों से मिल रहा कम उत्पादन; NTPC से भी उत्पादन ठप

राज्य ब्यूरो,रांची: झारखंड में बुधवार को एकाएक बिजली संकट गहरा गया। इसकी वजह बिजली उत्पादक संयंत्रों से कम उत्पादन मिलना है। स्थिति इस कदर विकट है कि महत्वपूर्ण शहरों समेत राजधानी रांची में भी लोड शेडिंग कर आपूर्ति की जा रही है।

ज्यादातर परेशानी पीक ऑवर यानि रात में हो रही है। बिजली की आपूर्ति मांग के मुताबिक नहीं हो पा रही है। बिजली वितरण निगम के अधिकारियों ने बताया कि एनटीपीसी के हर्लीपल्ली प्लांट से बिजली उत्पादन ठप है।

यहां से राज्य को 130 मेगावाट बिजली मिलती थी। राज्य के सबसे बड़े विद्युत उत्पादक संयंत्र तेनुघाट विद्युत निगम की दूसरी यूनिट का भी बुधवार को ट्यूब लिकेज हो गया, जिसके कारण इस प्लांट का भी उत्पादन ठप हो गया है।

सिर्फ 700 मेगावाट मिल रही बिजली 

पहली यूनिट मरम्मत की वजह से पहले से ही बंद है। इससे 160 मेगावट बिजली की उपलब्धता कम हो गई है। सेंट्रल पूल से राज्य को 1000 मेगावाट बिजली मिलती थी। इसके मुकाबले सिर्फ 700 मेगावाट बिजली मिल रही है।

विकट स्थिति में सिकिदरी हाइडेल से उत्पादन लिया जा रहा है। हालांकि, प्लांट को अबाधित तौर पर चलाने के लिए रुक्का डैम में पानी का भंडारण नहीं है।

राज्य में डीवीसी कमांड एरिया के सात जिलों को छोड़कर 1300 से 1500 मेगावाट बिजली की मांग है। इसके मुकाबले केवल 900 से 1000 मेगावाट तक की उपलब्धता है। इसके कारण 400 से लेकर 600 मेगावाट तक बिजली की लोड शेडिंग कर आपूर्ति हो रही है।

स्थिति सामान्य करने में लगे अधिकारी

टीवीएनएल की एक यूनिट को एक सितंबर से आरंभ करने का प्रयास किया जा रहा है। दूसरी यूनिट से तीन सितंबर से उत्पादन मिलने की संभावना है। इसके बाद पर्याप्त बिजली उपलब्ध रहेगी।

बिजली वितरण निगम ने पावर एक्सचेंज से बिजली की कमी का हवाला देते हुए 1 हजार मेगावाट बिजली की मांग की है। इसका भुगतान देने के बावजूद देशभर में बिजली की कमी का हवाला देते हुए राज्य को केवल 55 मेगावाट अतिरिक्त बिजली दी गई।

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