Cancer: कैसे आसानी से ठीक हो सकता है प्रारंभिक कैंसर? डॉक्टरों ने निकाला गजब का उपाय, सर्जरी की नहीं पड़ेगी जरूरत
मैक्स हॉस्पिटल के डॉ. विवेक सिंघाल ने कहा कि कैंसर के प्रारंभिक अवस्था में एंडोस्कापी से इलाज संभव है। उन्होंने बताया कि गैस बनना गले में गट्टा पानी का आना सहित अन्य समस्याएं कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। इसके अलावा डॉक्टरों ने लीवर सिरोसिस क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस फैटी लीवर और गॉल ब्लाडर में स्टोन के बारे में भी जानकारी दी।
जागरण संवाददाता, रांची। कैंसर के प्रारंभिक अवस्था को एंडोस्कापी की मदद से इलाज कर ठीक किया जा सकता है। पहले सर्जरी की जरूरत पड़ती थी। फूड पाइप, बड़ी आंत और पेट के कैंसर में एंडोस्कापी का इलाज सफल है। रोगी की मुश्किलों को बढ़ने से रोका जा सकता है।
जरूरत हैं कि इसके लक्षण मिलते ही इलाज कराए, लापरवाही न बरतें। इसकी जानकारी मैक्स हॉस्पिटल नई दिल्ली के डॉ. विवेक सिंघाल ने डोरंडॉ शौर्या सभागार में आयोजित गेस्ट्रोकान-24 में दी।
डॉ. विवेक ने बताया कि गैस बनना, गले में गट्टा पानी का आना सहित अन्य समस्याएं कुछ मामलों में कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। इसे नजरअंदाज न करें। तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं। कई मामलों में ये समस्याएं सामान्य हैं।
इसे दवा से नियंत्रित किया जा सकता है। डॉ. विवेक ने बताया कि लीवर सिरोसिस में मरीज को खून की उल्टी होना, बेहोश हो जाना, स्टूल का काला लक्षण होते हैं। ऐसे मामले में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
देशभर के करीब 200 गैस्ट्रोइंट्रोलाजिस्ट ले रहे भाग
दो दिवसीय कार्यक्रम में देशभर के करीब 200 गैस्ट्रोइंट्रोलाजिस्ट भाग ले रहे हैं। गैस्ट्रोकान में पेट, लीवर, आंत जैसे रोगों के बारे विस्तार से हुई। इलाज की नई पद्धति से चिकित्सकों को रूबरू कराया गया।
डॉ. रविश रंजन ने बताया कि मोटर डिस्फेजिया (खाना निगलने में दिक्कत), पैनक्रियाटाइटिस, लीवर ट्रांसप्लांट, पेट में पानी भर जाने पर नया इलाज क्या है, हेपेटाइटिस बी के बारे में नए इलाज आदि की जानकारी आपस में साझा की जाएगी।
कांफ्रेंस में दिल्ली से डॉ. अनिल अरोड़ा, डॉ. पीयूष रंजन, डॉ. विवेक सिंघला, चंडीगढ़ से डॉ. एसके सिन्हा, कोलकाता के डॉ. संदीप पाल, आईएलबीएस नई दिल्ली के डॉ. अशोक चौधरी, डॉ. अमर मुकुंद, हैदराबाद के डॉ. जीवी राव, डॉ. कपिल शर्मा समेत अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर बतौर वक्ता के रूप में शामिल हुए।
इस मौके पर डॉ. प्रणव कुमार मंडल, डॉ. मनोहर लाल प्रसाद, डॉ. जयंत घोष, डॉ. रवीश रंजन, डॉ. चंदन यादव, डॉ. संगीत सौरभ सहित अन्य मौजूद थे।
क्रोनिक पैंनक्रियाटसइटिस से बचने के लिए शराब के सेवन से बचें
आइजीआइएमएस, पटना के डॉ. संजीव कुमार झा कहते हैं कि क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस अग्नाशय की लंबे समय से चली आ रही सूजन है, जिसकी वजह से अग्नाशय की संरचना और कार्य-प्रणाली खराब हो जाती है।
अल्कोहल का अधिक सेवन और सिगरेट धूम्रपान क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस के दो प्रमुख कारण हैं। पेट दर्द लगातार हो सकता है। कई दर्द की सामान्य दवाईयां काम नहीं करती है।
इसके लिए कई उपकरणों का सहारा लेना पड़ता है। ओपन सर्जरी से भी इसका इलाज संभव है। उपचार में अल्कोहल व सिगरेट से परहेज करना, आहार में सुधार करना, पैंक्रियाटिक एंज़ाइम सप्लीमेंट लेना और दर्द को दूर करने के उपाय शामिल हैं।
ग्रेड थ्री फैटी लीवर से बाद में लीवर सिरोसिस का डर
रांची सदर अस्पताल के डॉ. जयंत घोष ने कहा कि पहले लीवर की बीमारी का कारण अल्कोहल, हैपेटाइिटस बी व हैपेटाइिटस सी को समझते थे। लेकिन, अब जीवनशैली में आए बदलाव ने भी फैटी लीवर के मामले में बदलाव लाया है। लोग जंक फूड का सेवन कर रहे हैं। खानपान में काफी बदलाव आया है।
लोग अपने खाना को ठीक से बर्न नहीं कर रहे हैं। इससे फैटी लीवर की बीमारी बढ़ी है साथ ही हार्ट अटैक के भी मामले बढ़े हैं। फैटी लीवर का ग्रेड थ्री अलार्मिंग है, जो आगे चलकर लीवर सिरोसिस का कारण बनता है। इसलिए खानपान में बदलाव और व्यायाम करने की आवश्यकता है।
पेट में पानी का जमना बड़े बीमारी का लक्षण
पटना के डॉ एके सिंह के मुताबिक, एसाइटिस का मतलब पेट में पानी भरना है। इसके कई कारण हो सकते हैं। पेट में पानी भरना ही बड़े बीमारी का लक्षण हो सकता है। लीवर सिरोसिस, टीबी फेल्योर और हृदय रोग के कारण भी होता है। ऐसे मरीजों को अपने स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा सजग रहने की जरूरत है।
पेट में पानी का पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड से डॉयग्नोसिस किया जाता है। इसकी जांच करानी चाहिए। पेट से पानी निकालकर और ब्लड की जांच कर बीमारी को डॉयग्नोसिस किया जा सकता है।
पांच एमएम से बड़ा स्टोन हो जो सर्जरी का लें सहारा
डॉ. मनोहर लाल प्रसाद (रिम्स, रांची) ने कहा कि गॉल ब्लाडर में स्टोन तीन से पांच एमएम के बीच हो तो उसे मेडिसीन से ठीक किया जा सकता है। अगर यह ठीक न हो और आकार बड़ा हो तो सर्जरी का ही सहारा लेना पड़ता है।
इसके लिए लेप्रोस्कापी सर्जरी ज्यादा बेहतर है। कुछ मामलों में ओपन सर्जरी करनी पड़ती है। समय पर पथरी का इलाज नहीं कराने से भी कई गंभीर बीमारी होने का खतरा रहता है। इसलिए पथरी को हल्के में न लें जैसे ही पहचान हो तत्काल इसका इलाज कराएं।
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