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Alkatra Scam: प्रवर्तन निदेशालय ने रांची में पवन कुमार सिंह के पांच करोड़ के घर पर किया कब्जा

Alkatra Scam Jharkhand News इसी मामले में गत 12 मई को भी ईडी ने क्लासिक कोल के पवन कुमार सिंह की तीन करोड़ रुपये की अचल संपत्ति पर कब्जा किया था। मनी लौंड्रिंग एक्ट में ईडी अब तक 11.91 करोड़ की संपत्ति जब्‍त कर चुका है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Updated: Mon, 28 Jun 2021 07:19 PM (IST)
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Alkatra Scam Jharkhand News 12 मई को भी ईडी ने पवन की तीन करोड़ की संपत्ति पर कब्जा किया था।

रांची, राज्य ब्यूरो। बहुचर्चित अलकतरा घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को क्लासिक कोल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड व क्लासिक मल्टीप्लेक्स के प्रबंध निदेशक स्व. पवन कुमार सिंह की बरियातू स्थित आवास पर कब्जा कर लिया। यह आवास बरियातू मौजा में बूटी रोड स्थित एमआइजी हाउस नंबर एम-28 है। इसका बाजार मूल्य करीब पांच करोड़ रुपये आंका गया है। ईडी ने उनके आवास पर कब्जा से संबंधित पोस्टर भी चस्पा कर दिया है और उसे सरकारी संपत्ति घोषित की है। ईडी की एडजुडिकेटिंग अथाॅरिटी की स्वीकृति के बाद ईडी ने यह कार्रवाई की।

ईडी ने अलकतरा घोटाले में दर्ज मनी लौंड्रिंग एक्ट में पूर्व में स्व. पवन कुमार सिंह की 6.91 करोड़ रुपये की संपत्ति पर कब्जा किया था। इस तरह ईडी ने अब तक इस मामले में स्व. पवन कुमार सिंह की 11.91 करोड़ की संपत्ति पर कब्जा कर लिया है। गत 12 मई को भी ईडी ने रांची के लाइन टैंक रोड में पल्सर प्लाजा के पांचवें तल्ले पर स्थित कामर्शियल इकाई पर कब्जा किया था। मनी लौंड्रिंग एक्ट में जब्त उक्त संपत्ति की कागजी कीमत 1.34 करोड़ रुपये थी, जिसका वर्तमान मूल्य तीन करोड़ रुपये बताया गया है।

ईडी ने इस बहुचर्चित घोटाले में पूर्व में दो अलग-अलग कार्रवाई के दौरान झारखंड में कुल 3.19 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। इस कार्रवाई को ईडी की एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने भी सही पाया था। इनमें तीन अचल संपत्ति, जिनमें रांची स्थित एक कामर्शियल व एक आवासीय संपत्ति के अलावा रामगढ़ स्थित कुछ प्लॉट भी शामिल थे। सभी संपत्ति क्लासिक कोल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, क्लासिक मल्टीप्लेक्स प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित हैं।

6.88 करोड़ रुपये का है घोटाले का पूरा मामला

अलकतरा घोटाले का यह मामला 6.88 करोड़ रुपये का है। ईडी ने सीबीआइ की रांची स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में दर्ज चार प्राथमिकियों में चार्जशीट के आधार पर मनी लौंड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। यह केस क्लासिक कोल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, इसके प्रबंध निदेशक पवन कुमार सिंह (अब स्वर्गीय), दूसरे निदेशक दिलीप कुमार सिंह, झारखंड सरकार के सड़क निर्माण विभाग के 22 इंजीनियर व दो अन्य जालसाजों पर किया गया था। इन कंपनियों को एचपीसीएल, आइओसीएल, बीपीसीएल आदि तेल कंपनियों से अलकतरा लेना था, जो नहीं लिया गया।

कंपनी के निदेशकों ने एचपीसीएल के पश्चिम बंगाल स्थित रामनगर के नाम पर 492 फर्जी व जाली कागजात के आधार दिखाकर 4630 मीट्रिक टन अलकतरा खरीदने का दावा किया और सड़क निर्माण विभाग में कागजात जमा कर भुगतान ले लिया। विभागीय इंजीनियर आदि की मिलीभगत से आरोपितों ने कुल 6.88 करोड़ रुपये का घोटाला किया ओर अवैध संपत्ति बनाई। इस मामले में 31 मार्च 2018 व 24 नवंबर 2020 को रांची स्थित ईडी की विशेष अदालत में ईडी ने दो अलग-अलग अभियोजन शिकायत दायर किया था। इसमें अभी ट्रायल चल रहा है।

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