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सावधान! झारखंड में हर महीने 900 लोग हो रहे साइबर ठगी का शिकार, शक होते ही यह नंबर करें डायल; होगा तुरंत एक्‍शन

Cyber Crime झारखंड में ही महीने 900 लोग साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं। बीते 25 महीने में झारखंड में साइबर क्राइम की 22924 शिकायतें दर्ज की गईं। पुलिस ने आनन-फानन में कार्रवाई करते हुए 11.32 करोड़ रुपये फ्रीज करा दिए हैं। अब इस धनराशि को वापस करने की प्रक्रिया भी जारी है। अपराधी लोगों को ठगी का शिकार बनाने के लिए कई पैंतरे आजमा रहे हैं।

By Dilip Kumar Edited By: Arijita Sen Updated: Thu, 16 May 2024 07:50 AM (IST)
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झारखंड में हर माह 900 लोगों का शिकार कर रहे साइबर ठग
राज्य ब्यूरो, रांचीCyber Crime : मूवीज-होटल रेटिंग के नाम पर ठगी, एनी डेस्क सहित स्क्रीन शेयरिंग एप डाउनलोड करवाकर ठगी, गूगल सर्च इंजन पर फर्जी हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से ठगी, ओटीपी पूछकर ठगी सहित साइबर अपराध के तहत ठगी के विभिन्न मामलों में पुलिस की कार्रवाई जारी है।

शिकायत मिलते ही पुलिस करती है तुरंत कार्रवाई

सीआईडी झारखंड के अधीन संचालित साइबर अपराध थाने की पुलिस ने ऐसे ठगी के मामलों में त्वरित कार्रवाई की है, अपराधियों को भी दबोचा है और ठगी की राशि को भी फ्रीज करवाया है।

झारखंड में साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 पर जैसे ही ठगी की शिकायत होती है पुलिस त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित बैंक खाता व ट्रांजेक्शन को ब्लाॅक करती है।

फ्रीज की गई राशि को लौटाने की प्रक्रिया शुरू

मार्च 2022 से अब तक यानी कुल 25 महीने में झारखंड में साइबर अपराध से संबंधित 22 हजार 924 शिकायतें पुलिस के पास पहुंचीं। यानी हर महीने 900 से ज्यादा साइबर ठगी की घटनाएं घट रही हैं। इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 11 करोड़ 32 लाख 30 हजार रुपये फ्रीज करवा दिया।

न्यायालय के आदेश से सीआईडी ने बैंक खातों में फ्रीज की गई धनराशि को वापस कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। फरवरी 2024 से अब तक महज तीन महीने में सीआईडी के अधीन संचालित साइबर अपराध थाने की पुलिस ने साइबर ठगी से संबंधित विभिन्न कांडों में प्राथमिकी दर्ज कर हेल्पलाइन नंबर 1930 के माध्यम से फ्रीज की गई राशि से कुल 18 कांडों में एक करोड़ एक लाख 80 हजार 791 रुपये शिकायतकर्ताओं को वापस करवा दिया है।

नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल ने कसी साइबर अपराध पर नकेल

भारत सरकार की गृह मंत्रालय ने साइबर फाइनेंशियल फ्राॅड की रिपोर्टिंग के लिए नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल शुरू की है। इसके अंतर्गत डिजिटल बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड भुगतान, यूपीआई आदि के उपयोग में होने वाली साइबर फाइनेंशियल फ्राॅड की त्वरित रिपोर्टिंग के लिए सिटिजन फाइनेंशियल फ्राॅड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम विकसित की गई है।

इस पर शिकायतें हेल्पलाइन नंबर 1930 या वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाट साइबरक्राइम डाट जीओवी डाट इन के माध्यम से दर्ज की जा सकती है।

सिटिजन फाइनेंशियल फ्राॅड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम एक कामन इंटीग्रेटेड प्लेटफार्म देता है, जिसमें ला इंफोर्समेंट एजेंसी, बैंक, आरबीआइ, पेमेंट वालेट एक साथ काम करती है। ये साइबर ठगी के पैसों को पीड़ित के खाते से साइबर ठगी के बैंक खाताओं में जाने से रोकती है, उस पैसे को और बैंक खाता को तुरंत फ्रीज करती है।

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