IAS Pooja Singhal को रघुवर दास और राजबाला वर्मा ने दी थी क्लीनचिट... झामुमो ने भी खोला मोर्चा
Jharkhand IAS Pooja Singhal झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और सुप्रियो भट्टाचार्य ने मीडिया को 2017 में लिए गए निर्णय की प्रति सौंपी। कहा कि मामले को मीडिया में भाजपा ऐसे प्रस्तुत कर रही कि यह वर्तमान सरकार का भ्रष्टाचार है।
By M EkhlaqueEdited By: Updated: Sat, 07 May 2022 07:27 PM (IST)
रांची, राज्य ब्यूरो। आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल के सरकारी आवास समेत अन्य ठिकानों पर ईडी की छापेमारी के बाद सियासी गलियारे में आरोप-प्रत्यारोप का दौर आरंभ हो गया है। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने शनिवार को आरोप लगाया कि पूजा सिंघल को मनरेगा घोटाले में वर्ष 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास और तत्कालीन मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने क्लीनचिट दी थी। झामुमो मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस में आदेश की प्रति भी सार्वजनिक की गई। झामुमो नेताओं ने कहा कि मीडिया में भाजपा ऐसा प्रस्तुत कर रही है, जैसे यह वर्तमान सरकार का भ्रष्टाचार है।
क्लीनचिट नहीं दी गई होती तो पद पर नहीं रहती पूजा सिंघलविधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि पूजा सिंघल को क्लीनचिट नहीं दी गई होती तो वह पद पर नहीं रहती। मनरेगा से लेकर मोमेटम झारखंड में हुई गड़बड़ियों में पूजा सिंघल का नाम आया। 27 फरवरी 2017 को तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास और मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने पूजा को क्लीनचिट दे दी। विभागीय कार्रवाई का संचालन पदाधिकारी आइएएस एपी सिंह थे। भाजपा सरकार ने क्लीनचिट दिया, तभी झामुमो की सरकार में पूजा सिंघल को जिम्मेदारी दी गई। पूजा सिंघल खान विभाग की सचिव हैं। इस कारण मनरेगा के मामले को खनन से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन जांच की आड़ में भाजपा अपने राजनीतिक एजेंडे को स्थापित करेगी तो झामुमो सच्चाई सामने लाएगा।
अस्पताल बनाने में सीएनटी उल्लंघन मामले की चल रही जांचझामुमो के केंद्रीय समिति सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि पल्स अस्पताल की जमीन की जांच का आदेश मुख्यमंत्री ने रांची के उपायुक्त को दिया था। अब तक जांच नहीं होने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि सीएनटी एक्ट के उल्लंघन से जुड़े सभी मामलों की जांच की होगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सदन में भी यह बोल चुके हैं। कोरोना के कारण दो साल तक कुछ नहीं हो पाया। सरकार अब काम कर रही है तो केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई में सरकार को उलझाने की साजिश रची जा रही है। ईडी सीधे किसी मामले में छापेमारी के लिए नहीं उतरता। सीबीआई, एनआईए, आयकर जैसी एजेंसियों से केस स्थानांतरित होने पर ही ईडी कार्रवाई करती है। झाविमो से निर्वाचित होने के बाद भाजपा में शामिल हुए बाबूलाल मरांडी रघुवर सरकार में हुए भ्रष्टाचार का इल्जाम 14 साल बाद हेमंत सरकार पर लगाकर भ्रम फैला रहे हैं। बाबूलाल राजनीतिक व्यवसायी बन गए हैं।
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