Exclusive: 'आदिवासी कल्याण योजनाओं पर काम नहीं करते अधिकतर राज्य', केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से खास बातचीत
जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा का कहना है कि पिछड़ेपन का दंश झेल रहे विलुप्तप्राय आदिवासी समुदायों पर पूर्ववर्ती सरकारों ने कभी ध्यान ही नहीं दिया। उनका कहना है कि आदिवासी कल्याण योजनाओं पर कुछ प्रांतों को छोड़कर ज्यादातर राज्य काम ही नहीं करते हैं। राज्यों में टीएसपी एक्ट बनाना चाहिए ताकि जनजातीय कल्याण के लिए योजनाओं का बजट प्रविधान हो और काम भी सुनिश्चित हो सके।
प्रदीप सिंह, रांची। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते 15 नवंबर को भगवान बिरसा बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर देशभर के 75 विलुप्त हो रहे आदिवासी समुदाय के लिए 24 हजार करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की। इसे आदिवासी जनजाति न्याय अभियान का नाम दिया गया है।
अभियान को आरंभ करने के बाद पिछड़ेपन का दंश झेल रहे आदिवासी समुदाय के भीतर भी सर्वाधिक चुनौतियों का सामना कर रहे विलुप्तप्राय जनजातियों की ओर देशभर का ध्यान गया है। जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा इस स्थिति के लिए पूर्व की सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हैं।
टीएसपी एक्ट बनाने की जरूरत
उनका स्पष्ट कहना है कि आदिवासी कल्याण योजनाओं पर कुछ प्रांतों को छोड़कर ज्यादातर राज्य काम ही नहीं करते हैं। राज्यों में आदिवासी उप-योजना (टीएसपी) एक्ट बनाना चाहिए, ताकि जनजातीय कल्याण के लिए योजनाओं का बजट प्रविधान हो और काम भी सुनिश्चित हो सके।
विलुप्त हो रहे आदिवासी समुदाय...
दैनिक जागरण के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि ओडिशा में ऐसे कई विलुप्त हो रहे आदिवासी समुदाय हैं, जो जनजातीय की सूची तक में दर्ज नहीं हैं। यह देश की व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़े करता है।
उन लोगों को तो यह भी पता नहीं है कि संविधान उनको ताकत देता है। इन जनजातीय समुदायों ने कभी आरक्षण का लाभ नहीं लिया। इनका डेटा इकट्ठा करने की कभी कोशिश नहीं की गई।
आदिवासियों के लिए समर्पित योजना
पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर एक आदिवासियों के लिए समर्पित परियोजना तैयार की गई है। इसके लिए तीन बिंदु हैं। शिक्षा से जोड़ने के लिए इन समुदायों के बच्चों का नजदीकी एकलव्य मॉडल विद्यालय में सीधे नामांकन होगा।
इनके स्वास्थ्य का डाटाबेस तैयार होगा, जो ऑनलाइन सूचना उपलब्ध कराएगा। इससे नजदीक से नजदीक स्वास्थ्य केंद्र पर इनका उपचार हो सकेगा। इसके अलावा. उनके रहने के स्थान तक बिजली, पानी, सड़क, संचार सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
Bihar News: पति से दूध को लेकर हुआ झगड़ा, पंखे से लटक कर लगा ली फांसी, परिवार में मचा कोहराम