झारखंड के पांच जिलों की बदलेगी सूरत! विदेश की तरह चमचमाती सड़क का होगा निर्माण, जल्द काम होगा शुरू
झारखंड के पलामू गढ़वा समेत पांच जिलों में ग्रामीण कार्य विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में विदेशी तकनीक (नई तकनीक) से ग्रामीण सड़कें धरातल पर उतरेंगी। इस नई तकनीक को एफडीआर (फुल डेप्थ रेक्लेमेशन) का नाम दिया गया है। फिलहाल इस वक्त पूरे देश में अब तक एफडीआर विदेशी तकनीक से झारखंड के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की ग्रामीण क्षेत्रों में करीब ढाई हजार किमी सड़कें बनाई गई है।
इस तरह बनाई जाएगी एफडीआर की नई तकनीक से सड़कें
इस नई विधि से पीचिंग नहीं बल्कि पर्यावरण अनुकूल सड़क होगी। चयनित सड़कों के पुराने मार्ग वाली गिट्टी व मिट्टी को लेकर मिक्स कर कैमिकल से नई सड़क बनाई जाएगी। सड़क बनाने से पहले संबंधित मार्ग के हर एक किमी की लंबाई के भीतर तीन जगह की गिट्टी व मिट्टी की जांच नव निर्मित विशेष लैब में की जाएगी।कम खर्च में बनेगी सड़कें
एफडीआर तकनीक से ग्रामीण सड़क बनाने के लिए संवेदकों को नोएडा या गुजरात की कंपनी से मशीन हायर करना होगा। सड़क निर्माण में प्रति किमी 90 से 91 लाख रुपये खर्च आएंगे। वर्तमान में यही ग्रामीण सड़कें 99 लाख से एक करोड़ रूपए प्रति किमी लागत आती है। इस नई विधि से सरकार को प्रति किलोमीटर 9 से 10 लख रुपये की बचत होगी। बावजूद संशय की स्थिति बनी हुई है क्या पलामू समेत गढ़वा,दुमका,गाेड्डा व पाकुड़ जिला में इस विदेशी तकनीक से सड़क बन पाएगी। इधर संबंधित जिलों के इंजीनियर, कंसल्टेंट व टेक्निकल एक्सपर्ट्स का प्रशिक्षण अंतिम चरण में है।पलामू के एक दर्ज प्रखंडों में बनेगी ये सड़कें
एफडीआर जैसी नई तकनीक से पलामू के छतरपुर प्रखंड के शाहपुर से लकराही, मसीहानी से भागया, बारा मोड़ से भाया महुरी से लक्ष्मीपुर, हरिहरगंज प्रखंड में तेतरिया भाया बानपति व तेंदुआ कलां से होलका जगदीशपुर, हुसैनाबाद प्रखंड में पनतिबटूंडा, उपरी कलां व खूर्द, हैदरनगर प्रखंड के सरगरा से हैदरनगर भाया नौडीहा पीपरा तक बनेगी। तरहसी प्रखंड के बेदानी से सेवती, सोनपुरवा से तेतराईं, पांकी प्रखंड के पांकी तेतराईं से बसरिया वाया कोनवाई, पांकी से सोनपुरवा,पाटन प्रखंड में पाटन बाजार से सरइडीह छतरपुर, सबतबरवा प्रखंड में धावाडीह से दरूआ, लेस्लीगंज प्रखंड के राजगरी से अखौरीपतरा भाया सोंस, राजोगाड़ी से सोहगरा वाया पहाड़ी कलां व पंचमो तक, चैनपुर प्रखंड के चैनपुर से उडंडा व सुकरी तक बनेगी।इसके अतिरिक्त विश्रामपुर प्रखंड में मुसीखाप से नावाबाजार वाया जमरी तक, डालटनगंज सदर प्रखंड में पोलपोल से भागो कनाल सर्विस रोड पोलपोल से कुंडेलवा, हिसरा से पोखराहा वाया झाबर वाया हुटार आदि की सड़कें शामिल है। 225 किमी की सड़क में आधा दर्जन पुल शामिल है।ये भी पढ़ें- Jharkhand By-Election 2024: झारखंड में लोकसभा चुनाव के साथ गांडेय सीट पर होगा उपचुनाव, 20 मई को होगी वोटिंगएफडीआर की आधुनिक तकनीक उतर प्रदेश में काफी सफल है। इसलिए झारखंड में इस तकनीक को अपनाया गया है। कम खर्च पर बेहतर परिणाम आएगा। इंजीनियर, कंसल्टेंट व टेक्निकल एक्सपर्ट्स का प्रशिक्षण पूरा कर चुके हैं। झारखंड के प्रधान सचिव के निर्देश पर जांच के लिए लैब तैयार कराया गया है। मानक के रूप में सड़क को पलामू के धरातल पर उतारने को उन्होंने चुनौती के रूप में लिया है। जल्द ही एफडीआर तकनीक से सड़क बननी शुरू हो जाएगी। इस पर 8 से 10 टन वजन वाले वाहन चल सकेंगे।- विशाल खलखो, कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग, मेदिनीनगर, पलामू।
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