Jharkhand: रांची में चल रहा था CISF का फर्जी बहाली, कई राज्यों के युवा हुए ठगी का शिकार
Jharkhand Crime News झारखंड की राजधानी रांची के धुर्वा में एक फ्लैट से सीआइएसएफ में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी बहाली का रैकेट चलाने वाले दो शातिर को गिरफ्तार किया गया है। उत्तराखंड के एक युवा ने धुर्वा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
By Sanjay KumarEdited By: Updated: Sun, 06 Feb 2022 08:30 AM (IST)
रांची, जासं। Jharkhand Crime News रांची की धुर्वा थाना पुलिस ने सीआइएसएफ में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह के दो ठगों को गिरफ्तार किया है। इनके ठिकाने से पुलिस ने विभिन्न राज्यों से बुलाकर लाए गए 14 युवकों को बरामद किया है, जिन्हें नौकरी दिलाने का झांसा देकर रांची बुलाया गया था। इन युवकों को ट्रेनिंग के नाम पर रांची बुलाकर धुर्वा के टुटल पुल इलाके के एक घर (क्वार्टर नंबर डीटी 1835) में रखा गया था।
यहां युवाओं का फर्जी मेडिकल टेस्ट भी कराया गया था। उन्हें भरोसा दिया गया था कि क्वारंटाइन अवधि पूरी होने के बाद ट्रेनिंग सेंटर भेजा जाएगा। ये युवक पिछले 10 दिनों से एक घर में कैदी की तरह रह रहे थे। शातिरों ने उन्हें क्वारंटाइन के नाम पर फ्लैट के अंदर ही रहने को कहा था। बाहर जाने पर सख्त मनाही थी। युवकों को बहाली का विश्वास दिलाने के लिए सीआइएसएफ की नकली वर्दी भी दी गई थी।पूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली है कि शातिरों ने पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान आदि राज्यों के करीब 50 से युवकों को अपने जाल में फांस कर 3-4 लाख रुपये ऐंठे हैं। युवाओं को विश्वास में लेने के लिए ठगों ने उन्हें फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भी भेजा था।
गोड्डा और कैमूर के रहने वाले हैैं ठगगिरफ्तार किए गए शातिरों में गोड्डा के मेहरमा थाना क्षेत्र के पिरोजपुर निवासी प्रेम कुमार मंडल और बिहार के कैमूर के नकतौल निवासी संतोष कुमार रजक शामिल हैं। दोनों रांची के पुंदाग ओपी क्षेत्र में अमन ग्रीन सिटी रोड नंबर दो में रामआशीष सिंह के मकान में किराये पर रह रहे थे। पुलिस ने आरोपितों के पास से दर्जनों युवकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र, बहाली के फर्जी दस्तावेज, सीआइएसएफ की नकली वर्दी, नकली मुहर आदि बरामद की है।
पुलिस मुख्यालय के कुछ ही दूरी पर चल रहा था ठगी का खेलरांची के धुर्वा इलाके में पुलिस मुख्यालय से लेकर सीआइएसएफ के दो-दो कैंप है। इसके बावजूद यहां ठगी का खुला खेल चल रहा था और पुलिस को भनक तक नहीं लगी। पुलिस को इसकी जानकारी तब हुई जब चार फरवरी को उत्तराखंड के चंपावत जिले के पुल्ला के रौल गांव निवासी सचिन सिंह ने धुर्वा थाना में ठगी की प्राथमिकी दर्ज कराई। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार शातिरों ने सीआइएसएफ में नौकरी दिलाने के नाम पर सचिन से तीन-चार किस्तों में करीब चार लाख रुपये की ठगी कर ली। सचिन ने ही पुलिस को बताया कि शातिरों ने उसके अलावा अन्य 25-30 युवकों को भी नौकरी के नाम पर ठगा है। इसके बाद धुर्वा थाना प्रभारी प्रवीण कुमार ने दल बल के साथ छापेमारी कर ठगों को गिरफ्तार कर लिया।
फॉर्म भरवाया और करवा दी मेडिकल जांचसचिन के अनुसार पिछले साल एक मई को आरोपितों ने कई युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर रांची बुलाया था। धुर्वा मे सीआइएसएफ का जाली फार्म भरवाया गया। इसके बाद मेडिकल जांच करवाने के नाम पर धुर्वा के सेक्टर तीन स्थित नर्स कालोनी ले जाया गया। वहां कुछ लोग सीआइएसएफ का नकली वर्दी पहन कर बैठे हुए थे। उन्होंने कुछ फार्म भरवाए और मेडिकल जांच के नाम पर 50 हजार रुपये ठग लिए।
इसके बाद मैट्रिक और इंटर का मूल प्रमाण पत्र ले लिया। साथ ही फर्जी ज्वाइनिंग लेटर थमा कर वापस घर भेज दिया। इसके बाद अलग-अलग कारण बताकर करीब 15 बार युवाओं को रांची बुलाया कर वापस भेज दिया। लगातार तकादा करने पर एक फरवरी 2022 को फिर रांची बुलाया और धुर्वा में अन्य युवकों के साथ रख दिया। जहां रखा गया वहां पहले से ही विभिन्न राज्यों से आए 12-13 युवक सीआइएसएफ की नकली वर्दी पहनकर रहे थे। ठगों ने सबको बताया था कि तुमलोगों का सेलेक्शन हो गया है। क्वारंटाइन अवधि पूरा होने के बाद ट्रेनिंग पर भेजा जाएगा।
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